उज्जैन:-उज्जैन के छोटा सराफा स्थित श्री लक्ष्मी नृसिंह मंदिर के लिए इस बार की नृसिंह जयंती बेहद खास है। वजह इंदौर के जिस धूत परिवार ने 150 साल पहले मंदिर बनवाकर उज्जैन के माहेश्वरी समाज को दान किया था, उसी परिवार की तीन पीढ़ी के सदस्य इस बार एक साथ दर्शन करने आ रहे हैं। इस बार प्राकट्योत्सव पर भगवान की पूजा अर्चना भी 50 साल बाद नए पुजारी द्वारा की जाएगी। यह पहला अवसर होगा जब एक साथ दो संयोग मंदिर के साथ जुड़ने जा रहे हैं।
व्यवस्थापक मंगल प्रसाद भट्टड़ ने बताया 150 साल पहले इंदौर के जयरामदास जयकिशन धूत परिवार ने छोटा सराफा में श्री लक्ष्मी नृसिंह मंदिर का निर्माण करवाकर उज्जैन के माहेश्वरी परिवार को सौंपा था। उसके बाद से मंदिर की व्यवस्थाओं का संचालन स्थानीय समाज द्वारा किया जा रहा है। हालही में समाजजन के सहयोग से मंदिर का जीर्णोंद्धार कराया गया है। नवशृंगारित मंदिर में इस बार 22 मई को हर्षोल्लास के साथ नृसिंह जयंती मनाई जाएगी।
आयोजन में धूत परिवार की तीन पीढ़ी के सदस्य शामिल होने आ रहे हैं। मंदिर के पुजारी पद पर 50 साल तक निरंतर सेवा देने वाले रमेशचंद्र व्यास का आठ माह पहले निधन हो चुका है। उनके स्थान पर दिव्यांश व्यास को पुजारी पद की जिम्मेदारी सौंपी गई है। संयोग यह भी है कि इस बार उत्सव की समस्त पूजन परंपरा का निर्वहन युवा पुजारी द्वारा किया जाएगा।
महोत्सव में रामानुजकोट पीठाधीश्वर स्वामी रंगनाथाचार्यजी महाराज व युवराज स्वामी माधव प्रपन्नाचार्य का विशेष सानिध्य प्राप्त होगा। शाम 6 बजकर 45 मिनट पर नृसिंह शोभायात्रा निकाली जाएगी, जो मंदिर से शुरू होकर खड़े हनुमान मंदिर और फिर लौटकर नमकमंडी पहुंचेगी।
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