अनोखा तीर इंदौर:-28 करोड़ रुपये के फर्जी बिल नगर निगम के ड्रेनेज विभाग से होते हुए भुगतान के लिए लेखा शाखा तक पहुंचने के मामले में संदेह के घेरे में निगम के अधिकारी, कर्मचारी भी हैं। बगैर इनकी जानकारी और साठगांठ के कोई फर्म इस तरह से फर्जी बिल तैयार कर लेखा शाखा तक पहुंचा दे, यह संभव नहीं। अब उच्च स्तरीय कमेटी वर्ष 2022 से पहले हुए कामों की जांच करेगी।
इस बात की आशंका से भी इन्कार नहीं किया जा सकता कि ऐसे ही फर्जीवाड़े निगम में लंबे समय से चल रहे हों और करोड़ों रुपये के भुगतान हो भी चुके हों। जो बिल लेखा शाखा पहुंचे थे, उन पर अपर आयुक्त और कार्यपालन यंत्री के फर्ज़ी हस्ताक्षर होने की बात सामने आ रही है। जिन अधिकारियों के पास उस समय संबंधित जिम्मेदारी नहीं थी, उनके भी हस्ताक्षर किए गए।
ऐसे में सवाल उठ रहा है कि ड्रेनेज विभाग ने फर्जी हस्ताक्षरों वाले दस्तावेज और बिल लेखा शाखा भेज कैसे दिए? संलिप्तता के बगैर यह संभव ही नहीं है। खास बात यह भी है कि ये बिल आडिट में भी पकड़ में नहीं आए। ऐसे में आडिट विभाग की भूमिका पर भी संदेह उठ रहा है।
पांच फर्मों के 20 पे आर्डर
उल्लेखनीय है कि निगम के लेखा विभाग में पिछले दिनों ड्रेनेज एवं जल यंत्रालय विभाग से पांच फर्मों के 20 पे आर्डर आडिट के बाद लेखा शाखा में प्रस्तुत किए गए थे। ये पे आर्डर 28 करोड़ रुपये के थे। पांच फर्मों को इतनी बड़ी राशि का भुगतान होने से शंका हुई और इसे वापस ड्रेनेज विभाग भेज दिया गया। पता चला कि ये पे-आर्डर फर्जी हस्ताक्षर एवं कूटरचित हैं। ये भुगतान जिस काम का बताया जा रहा है, वह कभी हुआ ही नहीं।
निगम ने एमजी रोड पुलिस थाने में मे. नींव कंस्ट्रक्शन प्रोप्राइटर मो. साजिद, मे. ग्रीन कंस्ट्रक्शन प्रोप्राइटर मो. सिद्दिकी, मे. किंग कंस्ट्रक्शन प्रोप्राइटर मो. जाकिर, मे. क्षितिज इंटरप्राइजेस प्रोप्राइटर रेणु वडेरा और मे. जाह्नवी इंटरप्राइजेस प्रोप्राइटर राहुल वडेरा के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया।
इस वजह से हुआ शक
- एक ही दिन में पांच-पांच किमी सीवर लाइन की खोदाई और पाइप लाइन बिछाने का काम रिकार्ड में दिखाया गया था।
- एक ही दिन में 500-500 चैंबर का निर्माण खोदे गए मटेरियल का परिवहन और खोदाई की हुई ट्रेंच का भराव रिकार्ड में दिखाया गया।
कठोर कार्रवाई करेंगे
लेखा शाखा तक बिलों को पहुंचाने का काम संबंधित विभाग की जिम्मेदारी है। प्रथमदृष्ट्या प्रतीत होता है कि लेखा शाखा ने जो देयक प्राप्त किए हैं, उनमें कहीं न कहीं इसमें निकाय के संबंधित विभागों की संलिप्तता प्रतीत होती है। इस संबंध में उच्च स्तरीय समिति से प्रकरण की निष्पक्ष जांच कराने के लिए पत्र लिखा है। प्रकरण में जिस भी जिम्मेदार की भूमिका सामने आएगी, उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई करेंगे ताकि भविष्य में इस तरह के कृत्य की पुनरावृत्ति नहीं हो।
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