जरूरत 10 लाख कापियों की, मौजूद सिर्फ 70 हजार, कैसे करवाएं परीक्षा

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अनोखा तीर इंदौर:-मई में स्नातक प्रथम व द्वितीय की परीक्षा होना है, मगर उत्तर पुस्तिकाओं (कापियों) की कमी का संकट खड़ा होने से देवी अहिल्या विश्वविद्यालय असमंजस में है। परीक्षा में आठ से दस लाख कापियों की जरूरत होगी, जबकि फिलहाल 70 हजार कापियां ही मौजूद हैं। कापियों की संख्या को लेकर स्थिति सप्ताहभर पहले प्रेस कंट्रोलर ने बताई है। विश्वविद्यालय ने परीक्षा केंद्र बनाए कालेजों से भी कापियों के बारे में पूछा है। 48 घंटों के भीतर प्रबंधन को केंद्र में रखी कापियां का ब्योरा देना है। शुक्रवार को विश्वविद्यालय कापियों खरीदने के संबंध में टेंडर खोलेगा।

मई में स्नातक प्रथम-द्वितीय वर्ष की  है। दोनों पाठ्यक्रमों में करीब 90 हजार छात्र-छात्राएं हैं। प्रत्येक विद्यार्थी को आठ-नौ विषयों के पेपर देना होंगे। ऐसे में परीक्षा के लिए परीक्षण विश्वविद्यालय के पास कम से कम आठ लाख कापियां होनी चाहिए। इसमें फाउंडेशन विषय के लिए ओएमआर शीट की जरूरत पड़ती है। इनकी विश्वविद्यालय के पास पर्याप्त संख्या है।
अधिकारियों के मुताबिक दो अप्रैल को प्रेस कंट्रोलर डा. अजय तिवारी ने उत्तरपुस्तिकाओं की स्थिति को लेकर जानकारी दी, जिसमें मुख्य उत्तरपुस्तिकाएं 70 हजार होना बताया। इसके बाद परीक्षा विभाग और केंद्रों के पास मौजूद कापियों की संख्या बताने के निर्देश हैं। इनको मिलाकर भी एक लाख से अधिक खाली कापियां होंगी। केंद्रों से जानकारी आना बाकी है।
लेनी होगी अनुमति
12 अप्रैल को टेंडर भले ही खोल देंगे, मगर उसके बाद भी विश्वविद्यालय सीधे कापियां नहीं खरीद सकेगा। लोकसभा चुनाव की आचार संहिता के चलते पहले कलेक्टर या जिला निर्वाचन अधिकारी से अनुमति लेनी होगी। कुलपति विशेषाधिकार (धारा 15(4)) के अंतर्गत एजेंसी को आर्डर दे सकेंगे। वैसे एक बार में एजेंसी को तीन से पांच लाख कापियां देनी हैं। इन्हें बनाने में कम से कम 45 से 60 दिन लगेंगे।
जताई नाराजगी :
विश्वविद्यालय की प्रिंटिंग प्रेस से फाइल पहले परीक्षा नियंत्रक कार्यालय पहुंची, फिर इस बारे में कुलपति और रजिस्ट्रार को जानकारी दी गई। सूत्रों के मुताबिक तत्काल प्रेस कंट्रोलर को बुलाया और दोनों ने नाराजगी जताई। उनका कहना था कि कापियां के बारे में इतनी देर से क्यों बताया। अब चुनाव के बीच कापियां खरीदना मुश्किल है। इसके चलते ही अप्रैल में कापियों का टेंडर खुलने का फैसला लिया।
परीक्षा के लिए खाली कापियां कम हैं। इन्हें खरीदा जाना है। 12 अप्रैल को टेंडर खुलेगा। मगर उसे पहले कलेक्टर से चर्चा की जाएगी। उसके बाद एजेंसी को कापियों तैयार कर सप्लाय करने का आर्डर दिया जाएगा।

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