अनोखा तीर, हरदा। कोर्ट के सामने एबीएम ग्राउंड पर जोर-शोर से चल रही मेले की तैयारियों को उस वक्त तकड़ा झटका लगा, जब शिकायत के आधार पर प्रशासन ने मेले की अनुमति को निरस्त करने का आदेश दिया है। साथ ही मुख्य नपा अधिकारी को नोटिस भी जारी किया है, जो कि अनुमति को लेकर पहले से उठ रहे सवालों को बल प्रदान करने के समान है। वहीं नगर पालिका ने जगह आवंटन के विषय में तीन पार्षदों की समिति गठित की थी। जिनकी अनुशंसा के आधार पर अनुमति प्रदान करने की बात सामने आई है, जो कि आवंटन प्रक्रिया के नियमों का उल्लंघन बताया जा रहा है। क्योंकि इसके लिये बकायदा अखबारों में इश्तहार निकालना अनिवार्य है। लेकिन, यहां इस बात को नजरअंदाज कर दिया गया। मामला कलेक्टर आदित्य सिंह के संज्ञान में आते ही तुरंत एक्शन लिया है। श्री सिंह ने अनुमति निरस्त करने के साथ ही सीएमओ को शोकॉज नोटिस जारी किया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार लोकसभा चुनाव के मद्देनजर आचार संहिता प्रभावशील है। इन सबके बीच नियमों को दरकिनार कर मेले की अनुमति प्रदान करना नपा अधिकारी को महंगा पड़ गया। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पिछले साल की तरह ७५ पैसे प्रति वर्गफीट की दर से जगह की अनुमति दे दी। जिसमें सांठगांठ का आरोप लगा, वहीं ठेकेदार ग्राउंड के भीतर 8 बाय 8 की दुकान ऊंचे रेट पर आवंटित किए जाने की शिकायतें पहुंचने लगी थी। यही कारण है कि प्रशासन ने आचार संहिता समेत अन्य बिन्दूओं को दृष्टिगत रखकर मेले की अनुमति को निरस्त करने का आदेश दिया है।
तैयारियों पर लगा ब्रेक
उधर, राजस्थान के ठेकेदार को मिली अनुमति के तहत एक अप्रैल से एक मई तक मेला संचालन की तैयारियों ने जोर पकड़ लिया था। इसी कड़ी में मेला स्थल पर बड़ा डूम लगाया गया। साथ ही दुकानदारों को व्यवसाय के लिये जगह आवंटन की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी थी। अब इन सब पर ब्रेक लग गया है।
...तो तय था भीड़ जुटना
लोकसभा चुनाव के मद्देनजर ये समयावधि प्रशासन समेत विभिन्न विभागों में पदस्थ अधिकारी-कर्मचारियों के लिये खासा महत्वपूर्ण है। इन सबके बीच मुख्यालय पर मेले में रोजाना भीड़ जुटना तय था, जो कहीं ना कहीं प्रशासन के समक्ष अतिरिक्त जिम्मेदारी या यूं कहें कि विशेष निगरानी अंतर्गत रहता।
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