गड़बड़ियों पर एक्शन…

 

गणेश पांडे, भोपाल। लघु वनोपज संघ के अंतर्गत संचालित प्रसंस्करण केंद्र एमएसपी पार्क बरखेड़ा पठानी में व्याप्त गड़बड़ियां पर सख्त एक्शन लेते हुए सीईओ वन संरक्षक प्रफुल्ल फुलझले को पद से हटा दिया है। उनकी जगह पर प्रमोट डीएफओ अर्चना पटेल को पार्क का नया सीईओ बनाया गया है। लेकिन गड़बड़ियों में सबसे अधिक संदेही उत्पादन प्रबंधक एवं प्रभारी एसडीओ सुनीता अहिरवार को अभयदान दिया गया। फेडरेशन के एमडी विभाष ठाकुर के निर्णय पर सवाल उठने लगे हैं। एक सीनियर अधिकारी का कहना है कि जब तक उत्पादन प्रबंधक सुनीता अहिरवार को हटाकर जांच नहीं होती है, तब तक भ्रष्टाचार के खिलाफ जांच करना बेमानी है। दिलचस्प पहलू यह भी है कि फुलझले को सीईओ पद से हटाने जाने पर फेडरेशन के एमडी को सफाई देना पड़ी। जंगल महकमे में यह पहला उदाहरण है जब किसी अधिकारी के हटाए जाने पर फेडरेशन के एमडी को सफाई देनी पड़ रही है। एमडी के हस्ताक्षर से जारी आदेश में कहा गया कि अधिकारियों की कमी के कारण तेंदूपत्ता सीजन में आने वाली कठिनाइयों से निपटने के लिए फुलझले को कार्यकारी संचालक अतिरिक्त अंकेक्षण, बीमा, सहकारिता, टास्क फोर्स एमएसपी योजना का कार्य सौंपा गया है। सूत्र बताते हैं कि अधिकृत रूप से फुलझले को दिए गए कार्य तेंदूपत्ता के संग्रहण और उसे संबंधित कार्यों के अंतर्गत नहीं आते हैं। सूत्रों का कहना है कि फुलझले को इसलिए हटाया गया, क्योंकि उन्होंने उत्पादन प्रबंधक सुनीता अहिरवार पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया था। तीन दिन पहले ही सुनीता अहिरवार को नोटिस देने के लिए मजबून ड्राफ्ट करवाया था, जिसे एक्स की फटकार के बाद फाड़ दिया गया। उन्हें हटाने का एक और कारण चर्चा में है। बताया जाता है कि फुलझले पर एक इंस्टीट्यूट एजेंट के भुगतान के लिए दबाव बनाया जा रहा था। इसके अलावा एमएफपी पार्क के कारोबार में लिप्त इंस्टीट्यूट एजेंट को मध्य प्रदेश की जिम्मेदारी देने की फुलझले ने मुखालफत भी की थी। फेडरेशन में चर्चा है कि इंस्टीट्यूट एजेंट अपर मुख्य सचिव के काफी नजदीकी बताए जाते हैं।

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