यह बात गलत है !
आप जो यह तस्वीर देख रहे हैं, वह शहर के वार्ड क्रमांक 8 स्थित सार्वजनिक शौचालय का दृश्य है। जो कि लंबे समय से उपयोगविहीन है। बावजूद आबादी क्षेत्र के बीचोंबीच शौचालय के अवशेष खड़े हैं। जबकि स्थानीय लोगों की मांग पर स्थानीय जनप्रतिनिधि ने वार्ड के जर्जर निर्माण को डिस्मेंटल करने की बात पर जोर दिया गया है। लेकिन यहां तक आकर कार्रवाई मानो थमी पड़ी है। ऐसे में लोगों को असुविधाओं के बीच रहगुजर मजबूरी बना हुआ है। प्राप्त जानकारी के अनुसार पूर्व में शौचालय का लोग इस्तेमाल करते थे। परंतु शहरी क्षेत्र ओडीएफ होने के बाद से ये व्यवस्था औचित्यहीन है। क्योंकि, घर-घर पक्की शौचालय बन जाने से अब लोगों ने सार्वजनिक व्यवस्था से दूरी बना रखी है। जिसके चलते उक्त निर्माण अब शोपीस में तब्दील होकर बुरी तरह जीर्ण शीर्ण हो रहा है। ऐसी स्थिति में कार्रवाई को गति प्रदान करने की आवश्यकता है। क्योंकि, कार्रवाई के अभाव में लोग कहना नही चूक रहे, कि यह बात गलत हे।