अनोखा तीर, हरदा। एक दिन पहले तवा डेम से सिंचाईं के लिये नहर में छोड़ा गया पानी बुधवार 27 मार्च को जिले की सीमा में पहुंच गया है, जो जिले के मुख्य जल वितरण बिन्दू ३००८ को टच कर चुका है। किसान प्रतिनिधियों के मुताबिक फिलहाल ६०० क्यूसेक पानी पहुंचा है। उन्होंनें बताया कि गुरूवार-शुक्रवार तक नहरें पानी से लबालब दिखाई देंगी। इसी के साथ क्षेत्र में मूंग की पहली सिंचाईं का काम जोर पकड़ने जा रहा है। इसको लेकर किसान पूरी तरह तैयार हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार हर साल की तरह इस बार भी ग्रीष्मकालीन मूंग की सिंचाईं के लिये नहर में पानी छूट चुका है। नहर के कमांड एरिया अंतर्गत आने वाले कृषि रकबे में सिंचाईं सुविधा बहाल रहेगी। बता दें कि क्षेत्र में तीसरी फसल के तौर पर ग्रीष्मकालीन मूंग का रकबा साल दर साल बढ़ रहा है। इसकी मुख्य वजह यह कि मूंग की फसल महज दो महिने में पककर तैयार हो जाती है, जो कि किसानों के लिये फायदे की फसल है। यही कारण है कि किसान मूंग पर दांव लगाने में पीछे नही है।
फ्ल्यूम के अपस्ट्रीम में गेज नही
इधर, भारतीय किसान संघ के प्रतिनिधिमंडल ने पानी छोड़े जाने के बाद तवा बांयी तट नहर का अवलोकन किया। इस दौरान मुख्य नहर तवा डेम से लेकर गंजाल एक्वाडक्ट तक व्यवस्था को देखा। भारतीय किसान संघ के जिला जल संसाधन विभाग प्रभारी दीपचंद नवाद में बताया कि अवलोकन में सामने आया कि भाकिसं की मांग अनुरूप केवल मिसरोद नहर छोड़कर किसी भी नहर के फ्ल्यूम के अपस्ट्रीम में गेज नहीं दिखा है। उन्होंनें अपनी मांग दोहराते हुए सभी उपनहरों के फ्ल्यूम के अपस्ट्रीम में नियम अनुसार नहर का गेज बनाकर एफएसएल लेवल, नहर का नाम तथा डिजाइन डिस्चार्ज व कमांड क्षेत्र अंकित करने की जरूरत है, ताकि जल वितरण व्यवस्था को ओर अधिक पारदर्शी बनाया जा सके।
अधिकार के पानी से 11 सेंटीमीटर नीचे
नवाद ने कहा कि पिछले सालों में नहर विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश तथा सिवनी मालवा, हरदा एवं टिमरनी संभाग के अधिकारी तथा किसान प्रतिनिधियों की संयुक्त टीम ने गेज बनाया था। जहां का एफएसएल लेवल 2.53 मीटर है, परंतु इस बार रबी सीजन से अभी तक उस गेज पर 2.42 मीटर एफएसएल लेवल अंकित है, जो कि हरदा जिले के अधिकार के पानी से 11 सेंटीमीटर नीचे बना हुआ है। उन्होंनें सवाल उठाते हुए कहा कि जब पानी का गेज ही सही नहीं है तो आखिर पानी बराबर कैसे मिलेगा ? उन्होंनें यह भी कहा कि इस संबंध में प्रभारी अधिकारी को वास्तविक जानकारी उपलब्ध कराई थी, बावजूद गेज में सुधार नहीं हुआ है।
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