फिर लौटेगा पुराना दौर, इंदौर में दौड़ेंगी सरकारी स्कूलों की बसें

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अनोखा तीर इंदौर:-में एक बार फिर पुराना दौर लौट रहा है। 30 साल पहले तक सरकारी स्कूलों के बच्चों को लेकर पूरे शहर में दौड़ने वाली बसें एक बार शुरू होने जा रही है। उस दौर में डाज बसें चलती थीं, लेकिन अब आधुनिक बस डाज की जगह ले लेंगी। दरअसल, दो वर्ष पहले शहर में शुरू हुए 11 सीएम राइज स्कूलों में इस शिक्षण सत्र से स्कूल बस सेवा शुरू होने जा रही है, जो पूरी तरह से निश्शुल्क रहेगी। हाल ही में इन बसों के टेंडर हुए हैं। अब शिक्षा विभाग द्वारा रूट तय किया जा रहा है।

इंदौर जिले के 11 सीएम राइज स्कूलों में 7500 से अधिक विद्यार्थी अध्ययनरत है। वर्तमान में यहां पढ़ने वाले विद्यार्थी साइकिल या आटो या खुद के साधनों से ही स्कूल आ-जा रहे है, जबकि सीएम राइज़ स्कूल में बस सुविधा भी उपलब्ध है, लेकिन दो वर्षों से इन स्कूलों में बस संचालन के लिए बस आपरेटर तैयार ही नहीं हो रहे थे। हाल ही में संयुक्त संचालक लोक शिक्षण कार्यालय द्वारा संभागीय स्तर पर स्कूल बसों के लिए टेंडर जारी किए गए थे। इसमें एजेंसी द्वारा करीब 2050 रुपए प्रति सीट पर बस संचालित करने की सहमति दे दी है।

अफसरों ने बताया कि रूट और विद्यार्थियों की संख्या के अनुसार 17 से लेकर 50 सीटर तक की बसों का संचालन होगा। पांच से 20 किमी के दायरे बसें चलेंगी। बस में चालक, परिचालक और एक महिला सुपरवाइजर का होना अनिवार्य होगा। जिला शिक्षा अधिकारी मंगलेश व्यास ने बताया कि छात्र संख्या के लिहाज से स्कूलों में बसों का संचालन किया जाएगा। फिलहाल रूट तय किया जा रहा है।
सबसे ज्यादा बसें अहिल्याश्रम में
जिले में संचालित हो रहे सीएम राइज स्कूलों में सबसे ज्यादा विद्यार्थी संख्या वाला स्कूल अहिल्याश्रम है। यहां पर लगभग 1275 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। यहां छोटी-बड़ी मिलाकर 30 से 35 बसों का संचालन किया जाएगा। इसी तरह सबसे कम छात्र संख्या वाला स्कूल माध्यमिक विद्यालय कांकरिया (सांवेर) हैस यहां पर 283 विद्यार्थी ही अध्ययनरत है। यहां सात से 10 बसों का संचालन होगा।
इन सरकारी स्कूलों में चलती थीं बसें
जानकारी के अनुसार 1970 से 1995 तक  इंदौर के तीन सरकारी स्कूल बाल विनय मंदिर, अहिल्याश्रम और शारदा कन्या स्कूल में डाज बसों का संचालन होता है। ये बसें पूरे शहर से बच्चों को लेकर स्कूल पहुंचती थीं। स्कूल फीस में ही इन बसों की सुविधा शामिल थी। शारदा कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की प्राचार्य सुनैना शर्मा ने बताया कि जब हम बाल विनय मंदिर में पढ़ते थे, तब डाज बस से ही आना-जाना करते थे। इसके साथ अहिल्याश्रम और शारदा कन्या उमावि में भी स्कूल बस का संचालन होता था। शारदा कन्या स्कूल में तो आज भी उस दौर की बस कंडम स्थिति में खड़ी है।

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