अनोखा तीर इंदौर:-शहर के शासकीय अस्पतालों में भले ही अच्छी स्वास्थ्य सुविधाओं के बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हों, लेकिन हकीकत कुछ और ही है। दो दिन भटकने के बाद नाबालिग दुष्कर्म पीड़िता की जांच हो पाई। उसे तीन शासकीय अस्पतालों के चक्कर लगाने पड़े। इसके लिए पीड़िता प्रतिदिन बाणगंगा थाने पर जाती, वहां से महिला पुलिसकर्मी के साथ अस्पताल। एक समय तो उसने स्वजन से यह तक कह दिया कि इतना परेशान होने से केस नहीं लगाना ही ठीक है।
स्वजन ने बताया कि रिपोर्ट लिखवाने के लिए बाणगंगा थाने गए। यहां से सोमवार को मेडिकल जांच लिखकर महिला पुलिसकर्मी के साथ पीसी सेठी अस्पताल भेजा। वहां मौजूद डाक्टरों ने रक्त के नमूने लेकर कल आने को कहा। मंगलवार सुबह 10.30 बजे पहुंचे तो यूपीटी की जांच करने के बाद कहा कि सोनोग्राफी वाली डाक्टर नहीं आई है। नीचे जाकर एमटीएच अस्पताल रेफर करवा लो।
हम रेफर करवाने पहुंचे तो आफिस में बैठे व्यक्ति ने कहा कि हमारे हाथ में नहीं है। एक डाक्टर आ रहे हैं, वे ही कर पाएंगे। एक घंटे बाद डाक्टर आई और उन्होंने रेफर किया। इसके बाद हम एमटीएच अस्पताल पहुंचे। यहां सोनोग्राफी हुई। इसके बाद एक्सरे के लिए एमवाय अस्पताल जाने को कहा। इसी बीच पीड़िता का जन्म प्रमाण पत्र मिल गया। इसके बाद एक्सरे की जरूरत नहीं रही।

गुस्से में घर छोड़कर गई, दिल्ली में मुस्लिम नियाज ने किया दुष्कर्म
दरअसल, 15 वर्षीय किशोरी के किसी युवक से बात करने की बात घर पर पता चली थी। इससे डरकर वह 30 जनवरी को ट्रेन में बैठी और दिल्ली चली गई। ट्रेन में उसे अकेला देख दिल्ली रेलवे स्टेशन पर नियाज नामक युवक ने उससे बात की और नौकरी दिलवाने का झांसा देकर मौसी के घर लेकर गया। यहां उसे एक कमरा दिया और नियाज ने शादी का झांसा देकर दुष्कर्म किया।
आसपास रहने वाले लोगों को नाबालिग हिंदू लगी तो उन्होंने विरोध किया। इसके बाद आरोपित ने उसे वापस इंदौर की ट्रेन में बैठा दिया। स्टेशन पर टीटीई ने नाबालिग को अकेला देखा तो सीआरपी थाने भेजा। यहां पता चला कि बाणगंगा थाने में इसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट है।
हिंदू संगठन के कन्नू मिश्रा के मुताबिक नाबालिग ने पूछताछ में बताया कि नियाज ने पांच से सात बार शारीरिक संबंध बनाए और शादी का बोला। बाद में पता चला कि नियाज की शादी बिहार में तय हो चुकी है। मालूम हो कि इसमें आरोपित पर पूर्व में धारा 366 (बहला-फुसलाकर ले जाने) लगी थी। अब पाक्सो और दुष्कर्म की धारा लगाई जाएगी।
पीसी सेठी अस्पताल प्रभारी डा. विरेंद्र राजगीर से सवाल-जवाब
सवाल- क्या पीसी सेठी अस्पताल में सोनोग्राफी नहीं हो रही है?
जवाब- अस्पताल में सोनोग्राफी हो रही है।
सवाल- दो दिन पूर्व पीड़िता मेडिकल के आई थी, उसे एमटीएच रैफर क्यों किया?
जवाब- अभी सोनोग्राफी करने वाले की तबीयत खराब चल रही है, इसलिए नहीं हो पाई होगी।
सवाल- तो फिर अभी सोनोग्राफी कौन कर रहा है?
जवाब- जिला अस्पताल से महिलाकर्मी आती है।
सवाल- लेकिन जब पीड़िता पहुंची तो उसे मना क्यों किया ?
जवाब- दोपहर बाद आई होगी, इसलिए ऐसा हुआ होगा।
सवाल- क्या आपके यहां सोनोग्राफी करने वाले एक ही कर्मी है?
जवाब- हां, हमारे यहां सिर्फ सोनोग्राफी के लिए एक ही पदस्थ है।
Views Today: 2
Total Views: 44