अनोखा तीर ग्वालियर:-शहर व आसपास के क्षेत्रों में फंगल इंफेक्शन के मरीज लगातार बढ़ रहे हैं। डाक्टर के पास पहुंचने वाले हर 400 में से 200 मरीज इससे पीड़ित हैं। एक हजार बिस्तर अस्पताल (जेएएच) के चर्म रोग विभाग की ओपीडी में रोजाना 250 से ज्यादा मरीज इसी बीमारी के आ रहे हैं। यह बीमारी बेशर्म होकर लौटी है। इसपर दवाओं का असर कम हो रहा है। ऐसे में इलाज का समय और दवाओं का डोज दोगुना करना पड़ा है। विशेषज्ञों का कहना है कि इसकी रेमेडी को लेकर देशभर के डाक्टर परेशान हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि फंगल इंफेक्शन के मरीजों को लंबे समय तक दवाओं का उपयोग करना पड़ रहा है। आमतौर पर एक से डेढ़ माह में ठीक होने वाला मरीज तीन से छह माह ले रहा है। उदाहरण के तौर पर पहले 250 एमजी की टेबलेट में काम हो जाता था, लेकिन अब 500 एमजी की दवा देना पड़ रही है, इसका प्रमुख कारण बीच-बीच में दवाएं बंद कर देना, स्टेराइड का अधिक उपयोग करने के साथ-साथ दवाओं के प्रति रजिस्टेंट पावर विकसित होना है। विशेषज्ञों का कहना है कि फंगल इंफेक्शन होने पर डाक्टर की सलाह पर ही दवा लें, स्टेराइड का उपयोग न करें।
यह कारण हैं इंफेक्शन के
- शरीर की सफाई नहीं करना
- गीले कपड़े-अंडर गारमेंट पहनना
- टाइट कपड़े पहनना
- कई लोगों के बीच एक ही बेडशीट
- तौलिए का इस्तेमाल होना।
फंगल इंफेक्शन के मरीज इन दिनों अधिक आ रहे हैं। मौसम में अचानक हुए बदलाव के कारण फंगल इंफेक्शन बढ़ा है। एक से डेढ़ माह में ठीक होने वाला मरीज तीन से छह माह में ठीक हो रहा है। इसपर दवाओं का असर भी कम हुआ है, इसलिए फंगल इंफेक्शन होने पर चर्म रोग विशेषज्ञ को दिखाकर पूरा
इलाज लें।
-डा. अनुभव गर्ग, विभागाध्यक्ष, चर्म रोग विभाग, जीआरएमसी।
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