खरगोन

युवाओं को बाजीराव पेशवा जैसी युद्धकला सीखने की जरूरत : प्रभारी मंत्री

बाजीराव पेशवा की पुण्यतिथि पर हुआ कार्यक्रम

 


अनोखा तीर, खरगोन। प्रदेश के कृषि व जिले के प्रभारी मंत्री कमल पटेल ने श्रीमंत बाजीराव पेशवा की 283वीं पुण्यतिथि पर रावेरखेड़ी स्थित समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित की। इस दौरान उनकी पुण्यतिथि पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आज घर-घर बाजीराव पेशवा के इतिहास को दोहरा कर हमें हमारे वीर योद्धाओं की गाथा को जन-जन तक लेकर जाना है। आज युद्ध कला सीखने की आवश्यकता हर युवा को है। समाधि स्थल पर युवा आयोग के अध्यक्ष निशांत खरे ने कहा कि श्रीमंत बाजीराव पेशवा एक ऐसे योद्धा थे, जिन्होंने हमेशा अपने दुश्मनों को दांतो तले उंगली दबवाई। युद्ध में निपुण कला की महारत होने के साथ अन्य कई विरोधियों को युद्ध लडऩे के पूर्व ही पराजित कर दिया था। श्री खरे ने आगे कहा कि किसी भी तरह का युद्ध हो बाजीराव पेशवा ने रणनीति के तहत युद्ध में अपना पराक्रम दिखाते हुए विरोधियों को कमजोर किया। वहीं उन्होंने चाहे दिल्ली की लड़ाई हो गुजरात की लड़ाई हो या मध्य भारत की लड़ाई हो उन्होंने हमेशा अपने युद्ध से पराक्रम दिखाते हुए विजय हासिल की। इस दौरान संस्था के संरक्षक श्रीपाद अवधूत स्वामी ने रावेरखेड़ी में होने वाले कार्य एवं यहां के निर्माण की जानकारी देकर अतिथियों से बाजीराव समिति संस्था के द्वारा किए जाने वाले कार्यों को बताया। इस दौरान अतिथियों ने श्रीमंत बाजीराव पेशवा की समाधि स्थल पर पूजन कर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। वहीं करीब 1 घंटे से अधिक समय तक चले आयोजन के दौरान वक्ताओं ने श्रीमंत बाजीराव पेशवा के पराक्रम, साहस और उनके जीवन चरित्र पर उद्बोधन दिया।

 

बाजीराव भोज का आज भी विशेष स्थान

पेशवा की 283वीं पुण्यतिथि पर एकत्रित हुए समिति के सदस्यों, वंशज के सदस्य, अतिथियों और उनके प्रेमियों में बाजीराव भोज की विशेष यादें आज भी कायम है। बाजीराव भोज में बेसन और रोटी शामिल है। बाजीराव भोज का जायका और पेशवा द्वारा युद्ध के दौरान भी भोजन करने के तरीकों को आज भी सम्मानजनक रूप से देखा और चाव से खाकर याद किया जाता है। लक्ष्मण इंगले ने बताया कि युद्ध के दौरान पेशवा घोड़े पर ही सवार होकर हाथों को प्लेट या थाली के समान फ्लेट रखकर उस पर रोटी और रोटी पर बेसन रखा जाता था। दूसरे हाथ से खाते थे। बाजीराव भोज में बेसन और रोटी खाकर बाजीराव को याद किया। इस दौरान विधायक सचिन बिरला, एसडीएम बीएस कलेश, एसडीओपी विनोद दीक्षित, तहसीलदार शिवराम कनासे, टीआई राजेन्द्र बर्मन, आरएसएस के खरगोन संघचालक राधेश्याम पाटीदार, पूर्व गुर्जर समाज अध्यक्ष प्रेमलाल छापरिया, समिति अध्यक्ष लक्ष्मणराव इंगले मंचासीन थे। आयोजन समिति के विवेक भटोरे, मनोज बिरला, परसराम चौहान, वारिश जैन, जितेंद्र सुराणा सहित श्रीमंत बाजीराव पेशवे प्रथम स्मृति प्रतिष्ठान के सदस्यों के अलावा खंडवा, खरगोन, इंदौर, धार, महेश्वर, मंडलेश्वर, बडवाह, सनावद सहित महाराष्ट्र से बड़ी संख्या में बाजीराव प्रेमी आयोजन में शामिल होने आए थे। वहीं मस्तानी के परिवार से उनके वंशज जंग बहादुर ने भी पत्नी बच्चों के साथ आकर श्रीमंत बाजीराव पेशवा की समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित की। प्रशासनिक विभाग के अधिकारी-कर्मचारी एवं नागरिक मौजूद थे।

 

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