यह बात गलत है….

आप जो यह तस्वीर देख रहे हैं, वह मुख्यालय स्थित मुक्तिधाम में प्याऊ के आसपास का दृश्य है। जहां अस्वच्छता का अंबार नजर आएगा। जबकि, यहां आए दिन अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए सैकड़ों लोग पहुंचते हैं। ऐसे वक्त पर बाहर से भी लोग आते हैं, जो मुक्तिधाम का ये हाल देखकर निशब्द रह जाते हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार अजनाल नदी के किनारे स्थित मुक्तिधाम में पेयजल स्थल का बुरा हाल है। यहां लगे नलों के आसपास गंदगी पसरी हुई है, वहीं दीवार पर काली काई छा रही है। स्थिति यह है कि लोग पानी पीना तो दूर बल्कि हाथ-पैर धोने में भी कतराने लगे हैं। कारण, प्याऊ के नजदीक पहुंचते ही बुरी दुर्गंध आती है। जिसके चलते व्यक्ति दूरी बनाना ही बेहतर समझता है। हालांकि, वैकल्पिक इंतजाम के तौर पर मुक्तिधाम में ट्यूबवेल की व्यवस्था है। जो समय-समय पर उपयोग किया जाता है। परंतु , परिसर में गंदगी से घिरे प्याऊ तथा पानी की टंकी को पूरी तरह साफ-सुथरा करने की दरकार है। ऐसा इसलिए , क्योंकि नियमित साफ-सफाई के अभाव में यहां गंदगी घर कर रही है। जिसके चलते लोगों के बोल फूट पड़ते हैं, कि यह बात गलत है।

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