सोनकच्छ के राठौर परिवार की सराहनीय पहल
देवास/सोनकच्छ। वर्तमान समाज में रूढि़वादी लोगों का एक बड़ा हिस्सा विधवा के दोबारा विवाह करने की प्रथा के खिलाफ है। कहा जाता है कि किसी पर उंगली उठाना आसान है, लेकिन बात जब खुद पर आती है तो उससे बचना मुश्किल हो जाता है। रूढि़वादी लोग विधवा विवाह को भले ही अभिशाप मानते हो मगर सोनकच्छ नगर में निवासरत समाज सेवी महेश राठौर व उनकी पत्नी अनीता ने भरे पूरे परिवार के साथ एक अनूठा निर्णय लेकर, अपनी विधवा पुत्रवधू का दूसरा विवाह रचाकर समाज को नई दिशा दिखाने का कार्य किया है। दरअसल राठौर के बड़े पुत्र रवि राठौर का करीब 7 वर्ष पूर्व आकस्मिक निधन हो गया था। इसके बाद से पुत्र वधू मोनालिसा विधवा होकर राठौर परिवार के साथ रह रही थी। बताया जाता है कि परिवार के सदस्यों ने पति के देहांत के बाद से मोनालिसा की परवरिश बेटी के रूप में की, और उसके उज्जवल भविष्य की कल्पना करते हुए एक योग्य युवक की तलाश कर ली, तथा सोमवार के दिन नगर के परिणय गार्डन में उसका कन्यादान करते हुए जोबट निवासी चंद्रशेखर राठौर के साथ धूमधाम से विवाह कार्य संपन्न कराया। इतना ही नहीं विवाह कार्य को यादगार बनाए रखने के लिए श्री खाटू श्याम भजन कीर्तन आयोजन के साथ स्वरुचि भोज की व्यवस्था भी की गई। खाटू श्याम के भजनों पर बराती एवं मेहमानों ने झूम-झूम कर नृत्य किया। गौरतलब है कि मोनालिसा को पहले पति से एक पुत्र व एक पुत्री प्राप्त है। वही चंद्रशेखर को भी पहली पत्नी से एक पुत्र व एक पुत्री प्राप्त है। इस पुनर्विवाह से जहां एक और मोनालिसा व चंद्रशेखर को दांपत्य जीवन का सुख मिलेगा वहीं दूसरी ओर चारों बच्चों को भी माता-पिता का स्नेह मिल सकेगा। राठौर परिवार द्वारा लिए गए इस सराहनीय निर्णय की समाजजनों के साथ क्षेत्रवासियों द्वारा प्रशंसा की गई है।