इंदौर में रेड लाइट जम्प करना पड़ेगा भारी, हमेशा के लिए निरस्त होगा लाइसेंस, 2700 से ज्यादा पर हुई कार्रवाई

मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर शहर में लगातार दुर्घटनाओं पर नियंत्रण पाने के लिए ट्रैफिक पुलिस, आर.टी.ओ द्वारा प्रशासन के साथ मिलकर अभियान चलाए जा रहे हैं। लेकिन उसके बाद भी दुर्घटना के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। बीते दिन ही एक महिला सफाईकर्मी की जान तेज रफ्तार कार चालक ने ले ली। इसी को देखते हुए अब इंदौर कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी ने ट्रैफिक पुलिस और आर.टी.ओ को सख्त निर्देश देते हुए कहा है कि लगातार रेड लाइट जम्प करने वाले वाहन चालकों के लाइसेंस हमेशा के लिए निरस्त कर दिए जाए।

लइसेंस निरस्त होने के बाद वाहन चलाने से वंचित हो जाएंगे लोग

इतना ही नहीं एक अभियान चलाए जाने की भी बात कहीं गई है जिसके तहत रेड लाइट जम्प करने वालों पर निगरानी रखी जाएगी और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सकेगी। निर्देश में ये भी कहा गया है कि जो लोग तेज रफ़्तार में गाड़ी चलाते हैं या फिर शराब पी कर गाड़ी चलाते हैं या मोबाइल पर बात करते हुए गाड़ी चलाते हुए दिखाई देते हैं तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। क्योंकि ऐसे ही लोग गंभीर हादसों की वजह बनते हैं। इनकी की वजह से कई लोगों की जान चली जाती है।

अब तक 2750 निलंबित

इसके अलावा बस चालकों को लेकर कलेक्टर ने निर्देशित करते हुए कहा है कि ऑपरेटर अपनी बसें रास्ते में खड़ी कर सवारियों बैठा रहे हैं, उन पर भी कार्यवाही की जाना चाहिए। उनकी वजह से यातायात बाधित होता है और अन्य वाहन चालकों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। जानकारी के मुताबिक, इंदौर शहर में अब तक इन सभी मामलों के चलते करीब 2750 वाहन चालकों के लायसेंस निलंबित किए जा चुके हैं। लगातार अभियान चलाए जा रहे हैं ताकि ट्रैफिक में सुधार लाने के साथ-साथ रूल्स तोड़ने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके।

निरस्त लइसेंस भविष्य में किसी भी परिवहन कार्यालय द्वारा नहीं बनाया जाएगा

कलेक्टर के निर्देश को लेकर क्षेत्रीय परिहवन अधिकारी प्रदीप शर्मा द्वारा जानकारी देते हुए बताया गया है कि जिन लोगों के लइसेंस निरस्त किए जाएंगे उनका लायसेंस भविष्य में कभी भी किसी भी परिवहन कार्यालय द्वारा नहीं बनाया जाएगा। इस वजह से वह कभी भी वाहन नहीं चला पाएंगे। बड़ी बात ये है कि अगर जिसका लइसेंस निलंबित किया जाएगा वो अगर चैकिंग के दौरान या फिर दुर्घटना की स्थिति में पाया गया तो उसके खिलाफ चालानी कार्रवाई तो की ही जाएगी। साथ ही इन्श्योरेंस क्लेम भी नहीं दिया जाएगा।

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