बेगमगंज- इन दिनों ग्रामीण क्षेत्र में मिलावटी व नकली देशी घी और शहद को असली बताकर बेच रहे हैं, लेकिन खाद्य सुरक्षा विभाग का देशी घी व शहद की जांच की तरफ ध्यान ही नहीं है जिसके कारण मिलावटखोरों की चांदी हो रही है।
कुछ ठग किस्म के लोग बड़े शहरों में जाकर असली घी का सेंट लेकर आते है और वनस्पति घी में उबले हुए आलू को मिक्स कर सेंट डालकर उसे असली देशी घी बनाकर धड़ल्ले से बेच रहे हैं। वनस्पति घी जिसे डालडा भी कहते है उसमें आलू उबालकर इसलिए मिक्स किया जाता है कि वह दाने दार हो जाए क्योंकि असली देशी घी दानेदार होता है, ऐसे में नकली मिलावटी घी बेचने वालों को पांच गुना आय हो रही है।
इस तरह हो रही मिलावट
मिलावटखोर 120 रुपए किलो का डालडा खरीदकर इसे 700 रुपये में मिलावट कर बेच रहे हैं। जिससे कुछ दिनों बाद उसमें अजीब सी बदबू आने लगती हैं। इसी तरह मधुमक्खी के शहद को छत्ते को तोड़कर असली शहद निकालकर उसमें गुड की चाशनी बनाकर 400 रुपये किलो बेच रहे हैं। उसमें मधु मक्खी के छत्ते भी डाल लेते हैं ताकि खरीदने वाला उसे असली समझे।