भाजपा ने लाड़ली बहना योजना शुरू की तो कांगे्रस नारी सम्मान योजना का वादा किया
गजेन्द्र खंडेलवाल (सोनू) भैरुंदा( नसरुल्लागंज)। आगामी 17 नवम्बर को होने वाले मप्र विधान सभा के चुनाव में 2 प्रमुख विपक्षी दल भाजपा व कांगे्रस आमने-सामने है। चुनाव के पूर्व ही दोनों दलों की नजरें मप्र की महिला वोटरों पर थी। जिसके चलते भाजपा ने महिलाओं को रिझाने के लिए जहां लाड़ली बहना योजना शुरू तो कांगे्रस ने सरकार आने पर नारी सम्मान योजना का लाभ दिए जाने का वादा किया। सीहोर जिले में हो रहे चुनाव में भी कुछ ऐसे ही नजारे देखने को मिल रहे है। जिले सीहोर, आष्टा, इछावर एवं बुधनी विधान सभा सीट पर महिला मतदाताओं को रिझाने के लिए दोनों ही दलों ने महिला कार्यकर्ताओं की टीम मैदान में उतारी है। जिससे कि महिला वोटो में सेंध लगाकर उन्हें अपने पक्ष में किए जाने का प्रयास भाजपा व कांगे्रस की महिला नेत्रियों के द्वारा किया जा रहा है। हालांकि बुधनी विधान सभा क्षेत्र में चुनाव का माहौल जोर नही पकड़ पा रहा। दूसरी और जिले की अन्य तीनों विधान सभाओं में प्रत्याशियों के द्वारा जोर आजमाइश करते हुए गांव की खाक छानी जा रही है। बुधनी से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान चुनाव लड़ रहे है ऐसे में उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं को ही अपने चुनाव की कमान सौंप दी है। वहीं दूसरी और कांगे्रस प्रत्याशी विक्रम मस्ताल शर्मा के द्वारा गांव-गांव जाकर वोट मांगे जा रहे है। विधान सभा चुनाव का बिगुल बजने के पूर्व समझा जा रहा था कि जिस तरह से राजनीतिक दल प्रदेश की महिला वोटरों पर अपना ध्यान केन्द्रित किए हुए है ठीक उसी तरह महिलाओं की चुनाव में भागीदारी भी देखने को मिलेंगी। लेकिन ऐसा कुछ भी प्रत्याशी चयन के दौरान दोनों दलों की और से देखने को नही मिला। सीहोर जिले में दोनों ही दलों ने किसी भी महिला नेत्री पर विश्वास नही जताया और चारों विधान सभाओं में एक भी महिला को उम्मीदवार नही बनाया गया। जबकि इस बात की संभावना थी कि मुख्यमंत्री के गृह जिले में महिला वोटरों को साधने के लिए किसी एक सीट से महिला उम्मीदवार की घोषणा हो सकती है। इस मामले में कांगे्रस की और से भी संभावना नजर आ रही थी। लेकिन दोनों ही दलों ने महिलाओं पर विश्वास करना उचित नही समझा। जिसके कारण जिले की किसी भी विधान सभा से महिला के रूप में कोई भी उम्मीदवार चुनाव के मैदान में नही है। हालांकि चुनाव में उतरे सभी दलों के प्रत्याशियों की पत्नियों के द्वारा चुनावी मैदान में उतर कर अपने पतियों के लिए महिलाओं की टीम खड़ी कर घर-घर संपर्क किया जा रहा है। इस दौरान दोनों दलों की महिला नेत्री अपने-अपने दल के द्वारा किए वादों को जनता के बीच पहुंचाने में कोई कसर नही छोड़ रहे।
भाजपा ने लाड़ली लक्ष्मी के बाद लाड़ली बहना का पैंतरा जनता के सामने रखा चुनाव से पूर्व ही सत्ताधारी दल भाजपा ने लाड़ली लक्ष्मी योजना के बाद लाड़ली बहना योजना का पैंतरा जनता के सामने रखा। जून माह से शुरू हुई इस योजना में महिलाओं के खातों में 1250 रूपये की राशि पहुंचाई जा रही है। योजना 1000 रूपये प्रतिमाह की राशि महिलाओं के खातों में दिए जाने से शुरू हुई थी। चुनाव से पूर्व ही इसे सत्ताधारी दल ने 250 रूपये की राशि बढ़ाते हुए महिलाओं को लाभांवित किया। सत्ताधारी दल के नेता कार्यकर्ता इस चुनाव में लाड़ली बहना योजना को अपना प्रमुख हथियार बनाए हुए है। इसके अतिरिक्त रक्षाबंधन के मौके पर 450 रूपये में गैस की टंकी दिए जाने का फायदा भी जनता के बीच लेकर जा रहे है। चुनाव के दौरान भाजपा इस योजना को जन-जन तक विशेषकर महिलाओं के बीच पहुंचाने में कोई कसर नही छोडऩा चाहती। जिसके चलते महिलाओं की एक लंबी फौज भी चुनाव के मैदान में प्रचार करते हुए देखी जा रही है।
कांगे्रस ने किया नारी सम्मान योजना का लाभ दिए जाने का वादा दूसरी और प्रमुख विपक्षी दल कांगे्रस ने मप्र में सत्ता के वनवास को खत्म करने के लिए नारी सम्मान योजना के तहत प्रदेश की महिलाओं को 1500 रूपये प्रति माह दिए जाने का वादा किया है। इसके अतिरिक्त 500 रूपये में गैस की टंकी दिए जाने की बात भी कही गई है। इस प्रमुख घोषणा को भुनाने के लिए कांगे्रस के नेता कार्यकर्ता आम मतदाताओं के बीच पहुंच रहे है। योजना का लाभ मिले या न मिले लेकिन कांगे्रस के द्वारा इस योजना के फ ार्म भी महिलाओं से भरवाए जा चुके है। ऐसे में कांगे्रस के नेता व कार्यकर्ता भी महिला वोट बैंक को प्रमुख आधार मानते हुए अपनी बात महिलाओं के बीच पहुंचाने में कोई कसर नही छोड़ रहे है। बुधनी विधान सभा क्षेत्र में कांगे्रस प्रत्याशी स्वयं उनकी पार्टी के द्वारा किए गए वायदों की लिस्ट लेकर जनता के बीच पहुंच रहे है।
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