भोपाल- चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के व्यापारियों ने पुलिस आयुक्त हरिनारायणचारी मिश्र को एक पत्र लिखा है। इसमें उन्होने कहा है कि जब वो नगदी जमा करने अपने प्रतिष्ठान से बैंक जाते हैं तो पुलिस द्वारा चैकिंग के दौरान उन्हें परेशान किया जाता है। उन्होने आवेदन में कहा है कि इस कारण आसपास के लोगों को पता चल जाता है कि उनके पास कैश है और इससे किसी तरह की अनहोनी की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। व्यापारियों ने पुलिस आयुक्त से इसे लेकर कदम उठाए जाने की मांग की है।
व्यापारियों ने पुलिस आयुक्त को लिखा पत्र
अपने पत्र में उन्होने लिख है कि “भोपाल चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज एक व्यापारिक संस्था है जिसमे लगभग 3200 सदस्य है और हमारे व्यापारी जनों की लगतार समस्या आ रही है जिसमे वो अगर अपने अपने प्रतिष्ठान से रोज की नगदी जमा करने बैंक जाते है तो उन्हें रास्ते में पुलिस द्वारा चैकिंग के दौरान परेशान किया जाता है और अभद्र व्यव्हार किया जाता है। जबकि हमारे व्यापारी साथ में बैंक की जानकारी और और बिलबुक भी साथ में रखते है फिर भी उन्हें परेशान किया जा रहा है। इसमें मुख्यरूप से ज्वेलरी वाले अनाज व्यापारी और दवा व्यापारी प्रभावित हैं।”
“व्यापारी प्रतिदिन अपने पास रखी नगद राशि को बैंक में जमा करने के लिए जाते है जिसमे किसी के पास कम रकम रहती है तो किसी के पास ज्यादा रकम। मेरा आपसे यही अनुरोध है की कृपया व्यापारियों को रियायत दिया जाए और उन्हें अनावश्यक परेशान न किया जाए। इस तरह की चेकिंग के चलते वहा मौजूद आसपास आनावश्यक तत्व द्वारा रकम की जानकारी होने पर अनहोनी होने की संभावना ज्यादा बढ़ जाती है। हम समझते हैं कि कानून और व्यवस्था बनाए रखना सबसे महत्वपूर्ण है और पुलिस नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। फिर भी व्यापारी प्रत्येक दिन का पैसा बैंक मे लेन देन करना ही पड़ता है इस स्थिति में उन्हें अनुचित परेशान न किया जाए। अतः हमारा अनुरोध है कि आप पुलिस और संबंधित विभागों के भीतर मौजूदा आचार संहिता की समीक्षा करें ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि की जा रही कार्यवाही में थोड़ा बदलाव लाया जा सके। वैसे भी इनकम टैक्स विभाग द्वारा रु 2,50,000 तक की नगदी पर छूट दी गई है। हम इस मामले के समाधान और भोपाल में नागरिकों के अधिकारों और सम्मान की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए की जाने वाली कार्रवाइयों के संबंध में आपके कार्यालय से प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा में।”