नई दिल्ली- महिलाओं के लिए रेलगाड़ियों में सुरक्षित यात्रा को बढ़ावा देने के लिए आरपीएफ की 25 सदस्यीय टीम ने कल दिल्ली में हाफ मैराथन 2023 में भाग लिया। इस दौड़ का उद्देश्य महिलाओं की सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए आरपीएफ की विभिन्न पहलों के बारे में सार्वजनिक जागरूकता सृजन करना था। इस दौरान विशेष रूप से ‘‘मेरी सहेली’’ पहल पर ध्यान केन्द्रित किया गया।
महिलाओं का सशक्तिकरण, भारत के विकास दृष्टिकोण का एक अपरिहार्य हिस्सा है। प्रधानमंत्री द्वारा परिकल्पित समृद्ध भारत का लक्ष्य सार्वजनिक स्थानों, विशेष रूप से व्यापक सार्वजनिक परिवहन नेटवर्क में महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने पर निर्भर है। रेलवे, सार्वजनिक परिवहन का प्राथमिक साधन है, इसलिए प्रतिदिन रेलगाड़ियों से यात्रा करने वाली महिलाओं की सुरक्षा हमारे देश के समग्र विकास के लिए महत्वपूर्ण है।
रेल मंत्रालय के अंतर्गत काम करने वाला रेलवे सुरक्षा बल महिला रेल यात्रियों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए लगन से कार्यरत हैं। भारत के विशाल रेलवे नेटवर्क पर काम कर रही ‘’मेरी सहेली’’ टीमें लंबी दूरी की रेलगाड़ियों में अकेले यात्रा करने वाली अनगिनत महिलाओं को सहायता और सुरक्षा प्रदान कर रही हैं। ट्रेनों और रेलवे परिसरों के भीतर महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए रेलवे सुरक्षा बल की महिला कर्मी, पुरुष कर्मियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करती हैं।
वर्ष 2023 में अब तक आरपीएफ कर्मियों ने चलती ट्रेनों के पास खतरनाक परिस्थितियों से 862 महिलाओं को सुरक्षित बचाकर उल्लेखनीय कार्य किया है। ‘‘ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते’’ के अंतर्गत उन्होंने 2,898 ऐसी अकेली लड़कियों की भी रक्षा की है, जो स्टेशनों और ट्रेनों में संभावित खतरे के दायरे में थीं। इसके अतिरिक्त, उन्होंने 51 नाबालिग लड़कियों और 6 महिलाओं को मानव तस्करों के चंगुल से बचाया है।
आरपीएफ महिला कर्मियों ने गोपनीयता और गरिमा का सम्मान करते हुए, ट्रेन यात्रा के दौरान प्रसव पीड़ा से गुजर रही 130 माताओं के प्रसव में सहायता की है। 185,000 से अधिक हेल्पलाइन कॉल का जवाब देते हुए, आरपीएफ कर्मियों ने यात्रियों की समस्याओं को हल करने के लिए तेजी से काम किया है। आरपीएफ ने रेलगाड़ियों में निराश्रित, अस्वस्थ और बुजुर्गों से संबद्ध समस्याओं को सुलझाया और दिव्यांग महिलाओं को संकटग्रस्त स्थितियों से निकाला।
आरपीएफ ने जन-जागरूकता बढ़ाने और जन सहयोग हासिल करने के लिए दिल्ली हाफ मैराथन में भाग लिया। इस दौरान देश के विभिन्न हिस्सों से महानिदेशक से लेकर कांस्टेबल तक विभिन्न रैंकों के 25 सदस्यीय दल ने आरपीएफ का प्रतिनिधित्व किया। इस दल में पंजाब, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र की चार महिला आरपीएफ कर्मी भी शामिल थीं, जो आरपीएफ नारीशक्ति का प्रतिनिधित्व कर रही थीं। मैराथन मार्ग के साथ-साथ आरपीएफ कर्मियों ने जनता के साथ मिलकर रेलवे में महिला सुरक्षा को प्रदर्शित करने वाले बैनर और पर्चे वितरित किए। रेल सुरक्षा कर्मियों ने इस कार्य को बढ़ावा देने के लिए सभी हितधारकों से समर्थन मांगा।
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