अंतर्राष्ट्रीयराष्ट्रीय

आईसीएआर व सीजीआईएआर के अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का राष्ट्रपति ने किया उद्घाटन

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद व सीजीआईएआर जेंडर इम्पेक्ट प्लेटफार्म द्वारा ‘अनुसंधान से प्रभाव तक: न्यायसंगत और अनुकूल कृषि खाद्य प्रणालियों की दिशा में बढ़ते कदम’ विषय पर आयोजित 4 दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन सोमवार को राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने किया।

मुख्य अतिथि राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मू ने सम्मेलन में राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधियों व वैज्ञानिक समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि यदि कोई समाज न्याय रहित है, तो उसकी समृद्धि के बावजूद अस्तित्व समाप्त हो जाएगा।

वैश्विक स्तर पर हमने देखा है कि महिलाओं को लंबे समय तक कृषि-खाद्य प्रणालियों से बाहर रखा गया जबकि वे कृषि संरचना के सबसे निचले पिरामिड का बड़ा हिस्सा हैं, लेकिन उन्हें निर्णय लेने वालों की भूमिका निभाने के लिए सीढ़ी पर चढ़ने के अवसर से वंचित किया जाता है। दुनियाभर में, उन्हें भेदभावपूर्ण सामाजिक मानदंडों और ज्ञान, स्वामित्व, संपत्ति, संसाधनों व सामाजिक नेटवर्क में बाधाओं द्वारा रोका जाता है

राष्ट्रपति ने कहा कि आधुनिक महिलाएं अबला नहीं, बल्कि सबला हैं, यानी असहाय नहीं, बल्कि शक्तिशाली हैं। हमें न केवल महिला विकास बल्कि महिला नेतृत्व वाले विकास की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हमारी कृषि-खाद्य प्रणालियों को अधिक न्यायसंगत, समावेशी और न्यायसंगत बनाना न केवल वांछनीय है बल्कि धरा और मानव जाति की भलाई के लिए महत्वपूर्ण भी है।

राष्ट्रपति ने कहा कि जलवायु परिवर्तन एक अस्तित्वगत खतरा है, हमें अभी व तेजी से कार्रवाई करने की जरूरत है। जलवायु परिवर्तन, ग्लोबल वार्मिंग, बर्फ पिघलने और प्रजातियों के विलुप्त होने से खाद्य उत्पादन बाधित हो रहा है और कृषि-खाद्य चक्र भी टिकाऊ और पर्यावरण के अनुकूल नहीं है। कृषि-खाद्य प्रणालियों को दुष्चक्र से बाहर निकालने के लिए चक्रव्यूह तोड़ने की जरूरत है। उन्होंने जैव विविधता बढ़ाने व पारिस्थितिकी तंत्र बहाल करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया, ताकि सबके लिए अधिक समृद्ध व न्यायसंगत भविष्य के साथ कृषि-खाद्य प्रणालियों के माध्यम से खाद्य और पोषण सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकें। पारिस्थितिक रूप से टिकाऊ, नैतिक रूप से वांछनीय, आर्थिक रूप से किफायती व सामाजिक रूप से उचित उत्पादन हेतु अनुसंधान की आवश्यकता है, जो इन लक्ष्यों तक पहुंचने के लिए परिस्थितियों को सक्षम कर सकें। उन्होंने कहा कि कृषि-खाद्य प्रणालियों को कैसे बदला जाएं, इसकी एक व्यवस्थित समझ की आवश्यकता है। कृषि-खाद्य प्रणालियां लचीली व चुस्त होनी चाहिए, ताकि वे सभी के लिए पौष्टिक व स्वस्थ आहार को अधिक सुलभ, उपलब्ध और किफायती बनाने के लिए झटके व व्यवधानों का सामना कर सकें, उन्हें अधिक न्यायसंगत व टिकाऊ होना चाहिए।

इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री तोमर ने कहा कि यह समय सामयिक कृषि खाद्य प्रणाली का सृजन करने जैसे महत्‍वपूर्ण मुद्दे पर गंभीरता से चर्चा कर ठोस निष्कर्ष निकालने का है, क्योंकि इसका सब पर प्रभाव पड़ता है। खाद्य प्रणालियों में कृषि की महत्‍वपूर्ण भूमिका है, जिसका देश के सामाजिक विकास में व्‍यापक व महत्वपूर्ण योगदान है। कृषि आउटपुट में भारत विश्‍व का दूसरा सबसे बड़ा देश है। जीडीपी में कृषि क्षेत्र का योगदान 14% है। इस क्षेत्र में आधी से भी अधिक आबादी को रोजगार मिलता है। 84% भारतीय महिलाएं आजीविका के लिए कृषि व सम्बद्ध क्षेत्रों पर निर्भर हैं। देश में उच्‍च गुणवत्ता वाले अनुसंधान के परिणामस्‍वरूप कृषि को सफलता मिली है, जिसके लिए तोमर ने वैज्ञानिकों को बधाई देते हुए कहा कि ऐतिहासिक रूप से विज्ञान पर, केंद्र के लगातार प्रयासों व अनुकूल नीतियों ने भारत को दक्षिण-एशियाई देशों के साथ विश्‍व की खाद्य खपत का एक-चौथाई उत्‍पादन करने में समर्थ बनाया है।

तोमर ने कहा कि हमारे पास उत्‍कृष्‍ट अनुसंधान, विकास व नवाचार में निवेश करने व इसकी सफलता की लंबी विरासत है। भारतीय कृषि में सफलता में मेहनतकश किसानों की अहम भूमिका है। देश में 86 प्रतिशत छोटे-मझौले किसान हैं, जिन्‍होंने चुनौतियों का सामना करते हुए राष्‍ट्र का भरण-पोषण करने में सतत् योगदान दिया व अन्य देशों को भी आपूर्ति कर पाए। चुनौतियों के बावजूद, प्रधानमंत्री के नेतृत्व में कृषि में नए आयाम स्‍थापित हुए हैं, जिनका उद्देश्‍य छोटे किसानों का कल्‍याण है। नीतियां-नवाचार सफलतापूर्वक लागू किए गए हैं। आईसीएआर द्वारा विकसित जलवायु अनुकूल किस्‍मों के साथ ही भारत कृषि नवाचार व गहन अनुसंधान के माध्‍यम से विश्‍व में नालेज पार्टनर व रोल मॉडल बन रहा है। उन्होंने कहा कि देश में खेती-किसानी के विकास में महिलाओं का अहम योगदान रहा है, वहीं युवा भी खेती की ओर आकर्षित हो रहे हैं।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker