अनोखा तीर, हरदा। आज भारतीय जनता पार्टी द्वारा जारी की गई अपने उम्मीदवारों की तीसरी सूची में हरदा विधानसभा क्षेत्र से प्रदेश सरकार के कृषि मंत्री कमल पटेल को फिर अपना उम्मीदवार घोषित किया गया है। पार्टी की सूची जारी होते ही पूरे क्षेत्र में कमल पटेल के उम्मीदवार घोषित होने की खबर जंगल की आग की तरह फैलते गई। वहीं कार्यकर्ताओं द्वारा अपनी खुशी का इजहार करते हुए एक दूसरे को बधाई देने तथा ढोल ढमाकों के साथ पार्टी कार्यालय पहुंचने का सिलसिला प्रारंभ हो गया। उत्साहित कार्यकर्ताओं के बीच जैसे ही मंत्री कमल पटेल पहुंचे तो कार्यकर्ताओं ने उन्हें कंधों पर बैठाकर फूल मालाओं से लाद दिया। अपने उत्साह का इजहार करते इन कार्यकर्ताओं के बीच स्वयं कमल पटेल भी अपनी खुशी को रोक नहीं पाए और वह भी कार्यकर्ताओं के साथ थिरकने लगे। तत्पश्चात उन्होंने मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा कि मुझे पार्टी के निर्णय पर पूरा भरोसा था। यह केवल राजनीतिक कयासबाजी थी कि पार्टी किसी और को उम्मीदवार बना सकती है जबकि मुझे अपने कार्यों पर और अपनी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व पर पूरा भरोसा था। मैं अपने सभी अग्रज नेताओं का धन्यवाद ज्ञापित करता हूं जिन्होंने सातवीं बार मुझे अपना उम्मीदवार बनाकर फिर जनता के बीच सेवा के लिए अवसर प्रदान किया है। कमल पटेल ने कहा कि बीते 30 वर्षों से निरंतर जनता के बीच सक्रिय रुप से उनके हर दुख दर्द और खुशी में शामिल होकर समस्याओं के समाधान का प्रयास करता रहा हूं। अपने क्षेत्र के विकास को लेकर जो कार्य मेरे द्वारा किए गए है और किए जाते रहे है उसका का परिणाम है कि क्षेत्र की जनता का अपार स्नेह आशीर्वाद मुझे अभी तक मिलता रहा है। मुझे इस बार पूरी उम्मीद है कि मेरे क्षेत्र की जनता इस चुनाव में मेरी जीत का रिकार्ड कायम करेगी। उन्होंने स्पष्ट रुप से कहा कि यह चुनाव मैं नहीं बल्कि मेरे विकास कार्यों और सेवा कार्यों को देखते हुए मेरे क्षेत्र की जनता और कार्यकर्ता लडेंगे। खैर यह अच्छी बात है कि एक जनप्रतिनिधि को अपने कार्यों के आधार पर अपनी जनता और कार्यकर्ताओं पर इतना विश्वास होना चाहिए कि जब वह स्वयं पूरे पांच वर्ष उनकी समस्याओं के समाधान हेतु तत्पर रहते है तो चुनाव के समय चुनावी बागडोर कार्यकर्ताओं और जनता को ही थामना चाहिए।
हरदा विधानसभा क्षेत्र से कमल पटेल यह सातवां विधानसभा चुनाव लड़ रहे है। 1993 में पहली बार भाजपा ने उन्हें इस विधानसभा क्षेत्र से अपना प्रत्याशी घोषित किया था। तब उन्होंने कांग्रेस के दिग्गज नेता विष्णु राजौरिया को पराजित कर जीत का परचम लहराया था। उसके बाद 2008 के विधानसभा चुनाव तक निरंतर जीत हासिल करते रहे। लेकिन 2013 के विधानसभा चुनाव में पराजय का सामना करने के बावजूद वह क्षेत्र में अपदेन विधायक के रुप में जनता के बीच अपना सक्रियता बनाए रखे। जिसके फलस्वरुप 2018 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने पुन: जीत हासिल कर हरदा विधानसभा से पांचवी बार विधायक बनने का इतिहास अपने नाम दर्ज किया। इस चुनाव को लेकर पिछले लम्बे समय से भाजपा में ही उनकी दावेदारी पर संशय व्यक्त किया जा रहा था। जिले से भाजपा जिलाध्यक्ष अमरसिंह मीणा तथा भाजपा प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य और पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष सुरेन्द्र जैन भी अपनी खुलकर दावेदारी प्रस्तुत कर चुके थे। लेकिन कमल पटेल को अपने शीर्ष नेतृत्व पर पूर्ण विश्वास था जिसके चलते वह अक्सर कहते थे कि पार्टी में टिकिट मांगने का अधिकार सबको है। लेकिन मुझे पूरा विश्वास है कि आखिर में पार्टी उन्हें ही अपना उम्मीदवार घोषित करेगी, आज जारी हुई सूची ने उनके इस विश्वास पर मुहर लगा दी। वहीं दूसरी ओर भाजपा जिलाध्यक्ष अमरसिंह मीणा तो संगठनात्मक दृष्टि से उतना खुलकर मैदान में नहीं आए थे, लेकिन पूर्व नपाध्यक्ष सुरेन्द्र जैन पिछले कुछ समय से स्वयं को अघोषित उम्मीदवार मानकर जनता के बीच जनसंपर्क करने भी निकल पड़े थे। उनके द्वारा दैनिक वेतनभोगी कार्यकर्ताओं की एक टीम बनाई गई थी, जो ग्रामीण अंचलों में जनता के बीच पहुंचकर मतदाताओं से यह जानने का प्रयास कर रही थी कि अगर सुरेन्द्र जैन को भाजपा उम्मीदवार बनाती है तो आप उन्हें कितना पसंद करते है और वह आपकी दृष्टि में कितने सक्षम उम्मीदवार साबित होंगे। इतना ही नहीं बल्कि श्री जैन ने सोशल मीडिया के माध्यम से स्वयं के प्रति एक्जिट पोल हासिल करने तथा मिसकॉल देकर खुद से जुड़ने जैसी मुहिमे भी चला रखी थी। माउथ मीडिया के माध्यम से तो यहां तक प्रचारित किया जा रहा था कि जैन धर्माचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के माध्यम से पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को श्री जैन की उम्मीदवारी के लिए कहलवा दिया गया है। वहीं विभिन्न शीर्ष संघ पदाधिकारियों और भाजपा पदाधिकारियों के साथ ही सामाजिक उद्योगपतियों के माध्यम से भी टिकिट की लॉबिंग करते हुए लगभग श्री जैन का नाम फायनल किया जा चुका है। जिसके चलते उन्हें हरी झण्डी मिल चुकी है और वह चुनाव मैदान में जनसंपर्क के लिए जनता के बीच पहुंचने लगे है। खैर चुनाव दौरान पार्टी प्लेटफार्म पर अपना पक्ष वजनदारी से रखने और टिकिट की मांग करने का अधिकार पार्टी के हर कार्यकर्ता को है। ऐसे माहौल में राजनीतिक चर्चाओं का बाजार भी काफी गर्म होता है। चौक-चौराहों पर होने वाली चर्चाएं राई का पहाड़ बनकर जनता के बीच पहुंचते रहती है। परंतु आज भाजपा की सूची जारी होने के साथ ही हरदा विधानसभा क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवारी को लेकर चर्चाओं के इस बाजार पर विराम लग गया। अब देखना यह है कि कांग्रेस भाजपा के इस कद्दावर नेता के सामने किसे अपना उम्मीदवार बनाकर चुनौती देने का कार्य करती है। वैसे तो फिलहाल में कांग्रेस के पूर्व विधायक रामकिशोर दोगने की प्रबल दावेदारी मानी जा रही है, लेकिन कांग्रेस में भी टिकिट मांगने वाले उम्मीदवारों की कतार कम नहीं है।
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