किसान आर्थिक और राजनीतिक बदलाव के केंद्र – उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़

नई दिल्ली- उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कल हरियाणा के हिसार में चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित हरियाणा कृषि विकास मेले का उद्घाटन किया और कृषि प्रदर्शनी का अवलोकन किया।

उपराष्ट्रपति ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा यदि आप बदलाव लाएंगे, बदलाव का केंद्र बनेंगे, और बदलाव को आगे बढ़ाएंगे तो भारत 2047 में जब अपनी आजादी की शताब्दी का जश्न मनाएगा, तब हमारा देश विश्व में नंबर एक पर होगा।

उपराष्ट्रपति ने कृषक पुत्रों से कृषि उत्पादों के व्यापार में आगे आने का आह्वान करते हुए कहा कि कृषि उत्पादों के व्यापार के द्वारा, कृषि उत्पादों में मूल्य वृद्धि करके किसान भाई अपनी तरक्की सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि जब हमें कृषि उत्पादों के व्यापार में भी अपनी प्रतिभागिता सुनिश्चित करनी चाहिए। उपराष्ट्रपति ने कहा कि यदि किसान व्यापार में आ जाएंगे तो उनकी तरक्की में चार चांद लग जाएंगे।

अपने संबोधन में उपराष्ट्रपति ने कहा कि आज बड़ी-बड़ी कंपनियों से नौकरी छोड़कर और बड़ी-बड़ी सरकारी नौकरियों को छोड़कर युवा कृषि से संबंधित व्यापार कर रहे हैं, कृषि उत्पादन में अपना हाथ आजमा रहे हैं, यह एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। हमें इससे सीख लेनी चाहिए और किसानों को कृषि संबंधित उत्पादों के व्यापार में अपनी भागीदारी बढ़ानी चाहिए।

उपराष्ट्रपति ने किसानों को सलाह देते हुए कहा कि जो उत्पाद आप पैदा करते हैं यदि उनकी प्रोसेसिंग करके बाजार में खुद ही बेचें तो यह आपको बहुत ही शीघ्र ऊंचाई पर पहुंचा देगा और इसके दूरगामी परिणाम होंगे। उन्होंने कहा सरकार द्वारा इस संबंध में चलाई जा रही योजनाओं का लाभ उठाते हुए अपनी आय को बढ़ाएं।

उपराष्ट्रपति ने कृषि के क्षेत्र में हो रही नई तकनीकी उन्नति और नवाचारों को अपनाने के लिए किसानों से आग्रह किया। उन्होंने कहा कि कृषि यंत्रों पर सरकार जो छूट दे रही है किसान उसका लाभ उठाएं।

मेले के उद्घाटन समारोह में पुरस्कार प्राप्त करने वाले किसानों को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि मैं आपको बधाई देता हूं और मैं आपको ये पुरस्कार उपराष्ट्रपति निवास में प्रदान करूंगा तथा आपके साथ भोजन भी करूंगा। आपने कृषि के क्षेत्र में सराहनीय कार्य किया है, आप हमारे मेहमान होंगे। शीघ्र ही किसान भाईयों को उपराष्ट्रपति निवास में आमंत्रित करके सम्मानित करूंगा।

उपराष्ट्रपति ने चौधरी चरण सिंह की प्रशंसा करते हुए कहा की चौधरी जी देश के प्रथम किसान प्रधानमंत्री थे। चौधरी साहब ईमानदारी के प्रतीक थे, वह अपने सिद्धांत से कभी अलग नहीं हुए, चौधरी चरण सिंह का दिल और दिमाग किसान के विकास के लिए था, और उन्हीं के नाम पर यह विश्वविद्यालय है मैं यह मान कर चलता हूं कि यह विश्वविद्यालय आने वाले समय में और ऊंचे कीर्तिमान स्थापित करेगा।

उपराष्ट्रपति ने एशियाई खेलों में भारतीय खिलाड़ियों की प्रशंसा करते हुए कहा कि हरियाणा के खिलाड़ियों ने देश के एक तिहाई पदक अपने नाम किए हैं, एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। हरियाणा के दूध, घी, दही में अनोखी शक्ति है जो काम हरियाणा के खिलाड़ियों ने करके दिखाया है वह कोई और नहीं कर पाया। उन्होंने इस बात पर खुशी व्यक्त की कि भारत पहली बार एशियाई खेलों में 100 से अधिक पदक प्राप्त करने में सफल रहा है।

इस अवसर पर डॉ सुदेश धनखड़, कृषि मंत्री हरियाणा सरकार जेपी दलाल, राज्य सभा सदस्य, ले. जनरल डीपी वत्स, डॉ. कमल गुप्ता, विजेंद्र कुमार, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर बी.आर. कंबोज, मार्केटिंग बोर्ड के अध्यक्ष आदित्य चौटाला, विश्वविद्यालय के छात्र, शिक्षक, किसान भाई बहन, और अन्य कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

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