लंदन- भारतीय उच्चायुक्त को गुरुद्वारे में जाने से रोकने के लिए ब्रिटेन के पूर्व पीएम बोरिस जॉनसन सरकार के पूर्व सलाहकार कॉलिन ब्लूम ने ब्रिटिश सरकार से माफी मांगने को कहा है। उन्होंने इस मामले में ब्रिटिश सरकार की साफ तौर से आलोचना की है। यूनाइटेड किंगडम में भारतीय उच्चायुक्त विक्रम दोराईस्वामी को ग्लासगो के गुरुद्वारे में एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने से रोकने के बाद उनसे माफी मांगने की मांग कतरे हुए ब्लूम ने दोराईस्वामी के साथ हुई घटना को शर्मनाम बताते हुए इसे खालिस्तान समर्थक चरमपंथियों की गुरुद्वारों पर कब्जा करके उनकी सत्ता हथियाने की एक कोशिश करार दिया। ब्लूम ने कहा कि ग्लासगो में गुरुद्वारा समिति के लोगों को कुछ खालिस्तानियों ने परेशान किया और फिर भारतीय उच्चायुक्त को कार्यक्रम छोड़ना पड़ा। ब्लूम ने कहा कि यह उन लोगों के लिए बहुत दुखद है जिन्होंने इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने की योजना बनाई थी, जिन्होंने इसे गुरुद्वारे में आयोजित किया था।
उन्होंने कहा कि जब मैंने ग्लासगो के गुरुद्वारे में जो कुछ हुआ उसे देखा तो मैं बहुत हैरान रह गया। मुझे लगता है कि यह इस बात पर रोशनी डालता है और साफ करता है कि खालिस्तानी चरमपंथियों का मुद्दा कितना चिंताजनक है। ये यह भी दिखाता है कि खालिस्तान समर्थक किस तरह के कार्यकर्ता हैं और वे क्या करने के लिए तैयार हैं।
बहरहाल स्कॉटलैंड पुलिस ने घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि मामले की जांच की जा रही है। कॉलिन ब्लूम ने यूके प्रशासन से चरमपंथी तत्वों के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह करते हुए कहा कि इस घटना के जिम्मेदार लोगों को लगता है कि उनके पास एक वैध कारण है। उन्हें लगता है कि वे लोगों को परेशान कर और डरा सकते हैं। मुझे लगता है कि यह पूरी तरह से गलत है और वे जो कर रहे हैं उसके लिए उनसे निपटने की जरूरत है। मुझे इस घटना में शामिल सभी लोगों के लिए बहुत खेद है। मुझे लगता है कि विशेष रूप से उच्चायुक्त से माफी मांगी जानी चाहिए। सरकार को इंग्लैंड में धार्मिक संगठनों के साथ कैसे बातचीत करनी चाहिए? इस विषय पर सुझाव देने के लिए ब्लूम को ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने एक सलाहकार के रूप में नियुक्त किया था।
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