कॉलेज नहीं होने से पढ़ाई छोड़ने के लिए मजबूर हो रही छात्राएं

बैतूल- जिले का सबसे बड़ा ब्लॉक कहलाने वाला प्रभात पट्टन तहसील महाविद्यालय से वंचित है, जिसके चलते यहां के गरीब तबके के छात्र छात्राओं को आगे की पढ़ाई के लिए परेशान होना पड़ रहा है। बड़ी संख्या में छात्र छात्राएं पास होकर निकल रहे हैं, लेकिन आगे की पढ़ाई के लिए महाविद्यालय न होने के कारण मजबूरन उन्हें पढ़ाई छोड़ने पर मजबूर होना पड़ता है। इस समस्या पर ध्यानाकर्षण करने के लिए भीम सेना संगठन ने प्रधानमंत्री के नाम तहसीलदार प्रभात पट्टन को ज्ञापन सौंपकर प्रभात पट्टन तहसील मुख्यालय पर महाविद्यालय खोलने की मांग की है।
ज्ञापन के माध्यम से भीम सेना के जिलाध्यक्ष हर्षांत माथनकर ने बताया कि वर्तमान में प्रभात पट्टन बैतूल जिले का सबसे बड़ा ब्लॉक है जिसमें लगभग 65 ग्राम पंचायत आती है और प्रभात पट्टन तहसील भी है। लेकिन, प्रभात पट्टन मुख्यालय पर शासकीय महाविद्यालय नहीं होने के कारण मुलताई स्थित महाविद्यालय में जाना पड़ता है और इसकी दूरी करीब 30 से 40 किलोमीटर हो जाती है। यह दूरी बस या निजी वाहन से तय करना पड़ता है, इतनी दूरी प्रतिदिन बस से तय करने से छात्र-छात्राओं की आर्थिक स्थिति पर प्रभाव पड़ रहा है जिसके कारण विद्यार्थी प्रतिदिन कॉलेज नहीं जा पा रहे जो कि अत्यधिक गंभीर विषय है।
भीम सेना संगठन के प्रदेश प्रभारी पंकज अतुलकर ने बताया कि महाविद्यालय की समस्या के चलते अधिकतर छात्राएं उच्च शिक्षा प्राप्त करने से वंचित रह जाते है। शासकीय महाविद्यालय मांग को लेकर क्षेत्र की जनता जनप्रतिनिधियों से कई बार मांग कर चुकी, लेकिन आम जनता को सिर्फ निराशा ही हासिल हुई। स्थानीय नागरिकों ने कई बार शासन प्रशासन को ज्ञापन देकर कॉलेज की मांग की लेकिन आज तक कोई घोषणा नहीं की गई। यदि शासकीय महाविद्यालय क्षेत्र को मिलता है तो प्रतिवर्ष सैकड़ों बच्चों को इसका लाभ मिलेगा बच्चे उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे। ज्ञापन सौंपने वालों में गौतम उबनारे, कमल नागले, दुर्गेश बचले, सोनू बचले, योगेश नागले, राकेश बचले, मोइन खान, मनोज येवले, सूरज बचले, रवि बचले, शुभम बचले, तब्बू बचले, पंकज बचले, रोशन नागले, सूरज नायक उपस्थित थे।

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