प्रधानमंत्री मोदी के मन की बात कार्यक्रम को आज 100 एपिसोड पूरे हो जाएंगे। हर महीने के अंतिम रविवार को प्रसारित होने वाले इस कार्यक्रम को खूब पसंद किया जाता है। इस बार के ऐतिहासिक एपिसोड को यादगार बनाने के लिए देश में जगह-जगह इसकी लाइव स्क्रीनिंग की जाएगी और करोड़ों लोग इसे लाइव सुन सकते हैं।
केंद्रीय मंत्री बोले- नई शुरुआत थी
केंद्रीय मंत्री हरदीप पुलिस ने प्रधानमंत्री मोदी के मन की बात कार्यक्रम पर कहा कि हमने एक अद्वितीय, अभूतपूर्व और एक नई शुरुआत की थी लेकिन समय के साथ इस कार्यक्रम की पहुंच बड़े दर्शक वर्ग तक पहुंची, जिसमें देश के मुखिया पीएम मोदी जनता से सीधे संवाद करते हैं, जिसका जनता पर बड़ा प्रभाव पड़ा।
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि मन की बात एक ऐतिहासिक कार्यक्रम है और यह हमारी याद में अपनी तरह का पहला कार्यक्रम है, जिसमें प्रधानमंत्री देशवासियों को हर महीने लगातार बिना किसी ब्रेक के संबोधित करते हैं। आज उस कार्यक्रम के 100 एपिसोड पूरे हो रहे हैं। खास बात ये है कि प्रधानमंत्री ने मन की बात कार्यक्रम में कभी भी राजनीति या राजनीति से जुड़े मुद्दों पर बात नहीं की और सिर्फ देश और देशवासियों से जुड़े सामाजिक मुद्दों पर अपनी बात रखी।
प्रधानमंत्री मोदी ने लोगों से अपील की है कि वह मन की बात कार्यक्रम को लाइव सुने। पीएम ने कहा कि इस रेडियो कार्यक्रम की यात्रा बेहद खास रही है। उन्होंने कहा कि इस यात्रा के दौरान देशवासियों की कलेक्टिव स्प्रिट का उत्सव मनाया जाएगा। बता दें कि 3 अक्टूबर 2014 को पहली बार मन की बात कार्यक्रम की शुरुआत हुई थी। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री महिलाओं, बच्चों, किसानों और युवाओं से जुड़े सामाजिक मुद्दों पर बात करते हैं।
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मन की बात कार्यक्रम के 100 एपिसोड होने पर कहा कि इससे मन की बात कार्यक्रम की लोकप्रियता का पता चलता है और लोग इस बात की तारीफ करते हैं कि पीएम मोदी सामाजिक मुद्दों में भी अपना योगदान देते हैं।
सुदर्शन पटनायक ने पुरी बीच पर सैंड आर्ट बनाया
ओडिशा: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 100वें एपिसोड से पहले सैंड आर्टिस्ट सुदर्शन पटनायक ने पुरी बीच पर सैंड आर्ट बनाया।
‘मन की बात‘ का 100 एपिसोड शुरू
पीएम ने कहा कि मैंने कोशिश की है कि ज्यादा से ज्यादा चीजों को कर पाऊं, देख पाऊं, संदेशों को जरा समझने की कोशिश करुं। आपके संदेशों को पढ़ने के बाद में काफी भावुक हुआ, भावनाओं में बह गया। आपने मुझे 100वें एपिसोड पर बधाई दी है, लेकिन मैं कहता हूं कि बधाई के पात्र तो आप सभी ‘मन की बात’ के श्रोता हैं। मन की बात कोटि-कोटि भारतीयों के मन की बात है। उनकी भावनाओं का प्रकटीकरण है। 3 अक्टूबर 2014 को विजयादशमी का वो पर्व था। तब हमने मन की बात की यात्रा शुरू की थी। विजयदशमी मतलब बुराई पर अच्छाई की जीत का दिन। यह हमारे लिए एक अनोखा पर्व बन गया है। इसका इंतजार हम सभी को हर महीने होता है। हम इसमें सकारात्मकता को मनाते हैं और जनभागीदारी को भी मनाते करते हैं। कभी-कभी यकीन नहीं होता है कि मन की बात को इतने साल गुजर गए। हर एपिसोड अपने आप में खास रहा। हर बार भारतीयों की नई सफलता का विस्तार, इसमें कोने-कोने से लोग जुड़े, हर आयु वर्ग के लोग जुड़े।
कार्यक्रम ने कभी भी मुझे आपसे दूर नहीं होने दिया: पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि इसमें बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ हो, अमृतकाल की बात हो। मन की बात जिस भी चीज से जुड़ा वह जनआंदोलन बन गया। जब मैंने अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ मन की बात पर चर्चा की थी, तब इसकी चर्चा विश्व में हुई थी। मेरे मार्गदर्शक लक्ष्मण लाल जी हमेशा कहते थे कि हमें दूसरों के गुणों की हमेशा पूजा करनी चाहिए। कोई हमारा साथी हो, हमारा विरोधी हो, हमें उसके गुणों से सीखना चाहिए। मन की बात दूसरों के गुणों से सीखने का बहुत बड़ा माध्यम बन गई है। इस कार्यक्रम ने कभी भी मुझे आपसे दूर नहीं होने दिया।
सामान्य मानवी से जुड़ने का मौका मिला: पीएम मोदी
पीएम ने कहा कि जब मैं गुजरात का सीएम था, तब वहां सामान्य लोगों से मिलना जुलना हो ही जाता था। सीएम का कार्यकाल ऐसा ही होता है। लेकिन 2014 में गिल्ली आने के बाद मैंने पाया कि यहां का जीवन काफी अलग हैं। दायित्व काफी अलग, स्थितियां-परिस्थितियां काफी अलग, सुरक्षा अलग। पहले कुछ दिन मैं काफी खाली-खाली महसूस करता था। 50 साल पहले मैंने अपना घर इसलिए नहीं छोड़ा था कि एक दिन देशवासियों से मेरा संपर्क खत्म हो जाएगा। मैं देशवासियों से कटकर नहीं जी सकता था। मन की बात ने मुझे सामान्य मानवी से जुड़ने का मौका दिया।
अहम् से वयम् की यात्रा: पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि जनभाव कोटि-कोटि जनों के साथ मेरे भाव अटूट विश्व का अंग बन गया। हर महीने मैं लोगों के हजारों संदेश पढ़ता हूं। मैं देशवासियों के भावों को महसूस करता हूं। मुझे लगता ही नहीं कि मैं आपसे थोड़ा भी दूर हूं। मेरे लिए मन की बात कार्यक्रम नहीं है। मेरे लिए यह आस्था, पूजा और व्रत है। जैसे लोग ईश्वर की पूजा करने जाते हैं, तो प्रसाद लाते हैं। मेरे लिए मन की बात में आपके संदेश प्रसाद की तरह हैं। मेरे लिए मन की बात आध्यात्मिक यात्रा बन गया है। यह अहम् से वयम् की यात्रा है।
हरियाणा के सुनील जगराल से बात की
पीएम ने इस दौरान कुछ लोगों से बात भी की। उन्होंने कहा कि मेरे साथ जुड़ रहे हैं हरियाणा के सुनील जगराल जी। जब सुनील जी के सेल्फी विद डॉटर कैंपेन पर मेरी नजर पड़ी तो मुझे काफी अच्छा लगा। देखते ही देखते सेल्फी विद डॉटर वैश्विक ट्रेंड बन गया। इसमें बेटी को प्रमुखता दी गई थी।
पढ़ें पीएम मोदी और सुनील जागलान की बातचीत
प्रधानमंत्री ने कहा, ”मेरे साथ जुड़ रहे हैं हरियाणा के भाई सुनील जागलान जी। उनका मेरे मन पर प्रभाव इसलिए पड़ा क्योंकि हरियाणा में जेंडर रेशा पर काफी चर्चा होती थी। मैंने भी बेटी बचाओ, बेटी बढ़ाओ का अभियान हरियाणा से ही शुरू किया था। जब सुनील जी के सेल्फी विद डॉटर कैम्पेन पर नजर पड़ी तो मैंने उसे मन की बात में शामिल किया। सुनील जी आज हमारे साथ जुड़ रहे हैं।”
प्रधानमंत्री ने सुनील जागलान से पूछा, ”अब जब इसकी फिर चर्चा हो रही है तो कैसा लग रहा है? अब आपकी बिटिया कैसी, क्या कर रही है?”
जागलान ने कहा, ”मेरी एक बेटी सातवीं और दूसरी चौथी क्लास में पढ़ रही है। आपकी बड़ी प्रशंसक हैं। उन्होंने आपके लिए थैंक यू प्राइम मिनिस्टर नाम से क्लास में चिट्ठियां भी लिखवाई थीं।”
इस पर प्रधानमंत्री ने कहा, ”बिटिया को मेरा और मन की बात के श्रोताओं का बहुत सारा आशीर्वाद दीजिए।”
आपकी वजह से बेटियों के चेहरे पर मुस्कान लगातार बढ़ रही है।
‘मन की बात‘ में कई जनआंदोलनों ने जन्म लिया: पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि मन की बात में कितने ही जनआंदोलनों ने जन्म लिया और गति भी पकड़ी है। जब देश में बने खिलौनों को फिर से जोर देने की बात चली तो इस कार्यक्रम ने अहम भूमिका निभाई। भारतीय नस्ल के श्वान, उनको लेकर जागरुकता बढ़ाने का काम भी तो मन की बात में ही हुई थी। हमने मन की बात में ही तो प्रण लिया था कि हम छोटे दुकानदारों से मोलभाव नहीं करेंगे। जब हर घर तिरंगा अभियान शुरू हुआ था, तब इस कार्यक्रम ने लोगों को प्रेरित करने में अहम भूमिका निभाई थी।
मंजूर अहमद का जिक्र हुआ
प्रधानमंत्री ने कहा, ”जम्मू-कश्मीर की पेंसिल स्लेट्स के बारे में बताते हुए मंजूर अहमद का जिक्र हुआ था। मन की बात के इस सौवें एपिसोड में आपसे बात करके मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। ये पेंसिल स्लेट्स का काम कैसा चल रहा है?”
मंजूर अहमद ने कहा, ”बहुत अच्छे से चल रहा है। जब से आपने हमारी बात मन की बात में कही, तब से बहुत काम बढ़ गया है। दूसरों को रोजगार मिल रहा है। मेरे पास दौ सौ से ज्यादा लोग हैं। एक-दो महीने में और दो सौ लोगों को रोजगार बढ़ जाएगा।”
प्रधानमंत्री ने कहा, ”मुझे बहुत खुशी हुई। मुझे बराबर याद है। उस दिन आपने मुझे कहा था कि यह ऐसा काम है, जिसकी कोई पहचान नहीं है। आपको इसकी पीड़ा भी थी। आपको इस पर मुश्किल भी होती थी। अब पहचान भी बन गई। दो सौ से ज्यादा लोगों को रोजगार दे रहे हैं। विस्तार करके और दो सौ लोगों को रोजगार दे रहे हैं। खुशी की खबर है।”
मंजूर अहमद ने इस पर कहा, ”किसानों को भी फायदा मिला। दो हजार का पेड़ अब पांच हजार का हो गया है। इतनी मांग बढ़ गई है। पहचान भी मिल रही है।”
प्रधानमंत्री ने कहा, ”देखिए, वोकल फॉर लोकल की ताकत कितनी जबर्दस्त है, यह आपने धरती पर उतारकर दिखा दी। मेरी तरफ से आपको और गांव के सभी किसानों को, आपके साथ काम कर रहे सभी साथियों को भी मेरी तरफ से बहुत-बहुत शुभकामनाएं।”
पर्यावरण को लेकर मन की बात का प्रयास भी जारी: पीएम
पीएम मोदी ने कहा कि मैं हमेशा ही कहता हूं कि हमें विदेश में टूर जाने से पहले अपने देश के टूरिज्म प्लेसों पर जाना चाहिए। ऐसे ही हमने स्वच्छ सियाचिन, सिंगल यूज प्लास्टिक और ई-वेस्ट पर भी बात की है। आज दुनिया जिस पर्यावरण को लेकर इतनी परेशान है, उसे लेकर मन की बात का प्रयास भी जारी है। मुझे यूनेस्को की डीजी का बयान भी आया है। उन्होंने मन की बात के 100वें एपिसोड पर बधाई दी है और एक संदेश भी भेजा है।
पढ़ें प्रदीप सांगवान से पीएम मोदी की बातचीत
प्रधानमंत्री ने कहा, ”प्रदीप सांगवान आज हमारे साथ हैं, जिन्होंने हीलिंग हिमालया फाउंडेशन की शुरुआत की थी। प्रदीप जी, आपने हिमालय को हील करने की सोची। आजकल आपका अभियान कैसे चल रहा है।”
प्रदीप सांगवान ने कहा, ”जितना काम हम पहले पांच साल में करते थे, 2020 के बाद से अब एक साल में ही हो जाता है। हम पहले संघर्ष कर रहे थे। लोग सपोर्ट नहीं कर पा रहे थे या तवज्जो नहीं दे रहे थे। जब मन की बात में इसका जिक्र हुआ तो बहुत सारी चीजें बदल गईं। आज हम रोज पांच टन कचरा इकट्ठा करते हैं। यकीन नहीं मानेंगे कि मैं एक वक्त पर हौसला छोड़ चुका था, मन की बात में जिक्र होने के बाद एकदम बदलाव आया। पता नहीं कैसे आप हमें ढूंढ लेते हैं। हम हिमालय में जाकर काम करते हैं। आपने वहां हमें ढूंढा। तब मेरे लिए यह भावुक क्षण था कि देश के प्रथम सेवक से मैं बात कर पाया हूं।”
इस पर प्रधानमंत्री ने कहा, ”आप हिमालय की चोटियों पर सच्चे अर्थों में साधना कर रहे हैं। मुझे विश्वास है कि आपका नाम सुनते ही लोगों को याद आता होगा कि आप कैसे पहाड़ों के स्वच्छता अभियान में जुड़े हैं। मुझे विश्वास है कि आपके प्रयासों से, चर्चा से, कितने ही पर्वतारोही इस अभियान से जुड़े हैं। अच्छी बात है।”