अनोखा तीर, हरदा। पुरानी पेंशन बहाल करने की मांग को लेकर शिक्षक संगठनों का प्रदर्शन जारी है। इन सबके बीच आगामी 16 अप्रैल 2023 को मुख्यालय पर पुरानी पेंशन संवैधानिक मार्च निकाला जाएगा। यह प्रदर्शन प्रदेश के सभी जिलों में होगा। इसका मुख्य उद्देश्य से कर्मचारियों की ज्वंलत मांग से शासन को अवगत कराना है। संगठन के रामकृष्णा गोस्वामी ने बताया कि पेंशन विहीन अधिकारी-कर्मचारी समेत उनके परिवारिक सदस्यों की सहभागिता अपेक्षित है। साथ ही प्रशासनिक अधिकारी तथा कर्मचारी संगठन के प्रमुख पदाधिकरियों एवं प्रदेश के केन्द्र के मान्यता व गैर मान्यता प्राप्त संगठनों के सहयोग की उम्मीद है। ज्ञात हो कि भारत सरकार ने वर्ष 2004 से केन्द्रीय तथा वर्ष 2005 में राज्य के शिक्षक सहित अन्य शासकीय अधिकारी-कर्मचारियों की पेंशन बंद कर नेशनल पेंशन स्कीम लागू की है, जिसमें देश के 80 लाख शिक्षक एवं अधिकारी-कर्मचारी प्रभावित हुए हैं। संगठन के पदाधिकारियों ने कहा कि नेशनल पेंशन स्कीम शेयर बाजार आधारित है। इस योजना से सेवानिवृत्त होने वाले शिक्षक व अधिकारी कर्मचारी को 900 रूपये से 3 हजार रूपये पेंशन मिल रहीं है। जिससे चलते संबंधित अधिकारी-कर्मचारी की सेवानिवृत्ति दौरान परिवार के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो रहा है। उन्होंनें यह भी कहा कि देश के अन्य राज्य राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, पंजाब और हिमाचल प्रदेश में पुरानी पेंशन वहां की राज्य सरकारों ने बहाल की हैं। मध्यप्रदेश के शिक्षकों की भी यही मांग है कि सेवा अवधि की गणना के साथ वरिष्ठता सूची तथा पुरानी पेंशन बहाल की जाएं। इसी क्रम में 16 अप्रैल को आयोजित संवैधानिक मार्च के जरिये कर्मचारी अपनी मांगों की आवाज बुलंद करेंगे। वहीं महामहिम राष्ट्रपति, राज्यपाल, मुख्यमंत्री एवं प्रमुख सचिव मध्यप्रदेश शासन के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा। साथ ही शिक्षक व अन्य शासकीय अधिकारी कर्मचारियों की मौजूदगी में सर्वसम्मति से अनिश्चित कालीन कामबंद आंदोलन का प्रस्ताव पास करेंगे।