– 3 साल पुराने मामले में सुनाया फैसला
– हंडिया थानाक्षेत्र के मालपौन की घटना
अनोखा तीर, हरदा। करीब तीन साल पहले हंडिया थानाक्षेत्र के ग्राम मालपौन में युवक की हत्या के मामले में द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश ने सोमवार को अपना फैसला सुनाया है। फैसलें में मुख्य आरोपी हरिदास पिता सीताराम मालवीय उम्र 46 वर्ष को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है, वहीं 5 हजार रूपए अर्थदंड से दंडित भी किया है। साथ ही प्रकरण में अन्य आरोपी हेमलता उर्फ लताबाई पत्नि हरिदास मालवीय और विकास पिता हरिदास मालवीय निवासी मालपौन को भी दंडित किया है। प्रकरण में शासन की ओर से जिला लोक अभियोजन अधिकारी आशाराम रोहित एवं अतिरिक्त लोक अभियोजक प्रवीण सोनी ने पैरवी की थी। मीडिया प्रभारी जिला लोक अभियोजन विनोद कुमार अहिरवार ने प्रकरण की संक्षिप्त जानकारी देते हुये कहा कि मामला 26 नवंबर 2019 का है। जब, फरियादी सेनबाई पत्नि गोकुल प्रसाद चौरे ने थाना पहुंचकर उसके बेटे के साथ हुई वारदात की रिपोर्ट लेख कराई। उन्होंनें पुलिस को बताया कि वह अपने घर पर बैठी थी, तभी बगल में रहने वाला विष्णु मोबाइल लेकर आया और मेरे बड़े बेटे सुनील को बात करने के लिए मोबाइल दे दिया। जिससे सुनील बात करने लगा। ठीक उसी समय पड़ोस में रहने वाले हरिदास मालवीय, उसकी पत्नी लता और लड़का विकास एक अन्य युवक कालू को साथ लेकर मेरे घर आ पहुंचे। उनके हाथ में लाठी, डंडे और कुल्हाड़ी थी। उन्होंनें घर के सामने खड़े होकर गाली-गलौच शुरू की, वहीं दोनों बेटे सुनील व सुभाष को घर से बाहर निकालने की कहने लगे। यह भी कहा कि देखते हैं तुम कैसे पानी लेकर जाओगे। गाली-गलौच सुनकर मेरा बड़ा बेटा सुनील बाहर आया और उनसे बात करने लगा। इस बीच उन्होंनें लाठी, डंडे और कुल्हाड़ी से हमला कर दिया। इस दौरान सुनील की गर्दन पर कुल्हाड़ी का घाव हो गया। तभी मदद के लिए आवाज लगाई तो बिनेश सरवरे और देवलाल कोटवार वहां पहुंचे। इसके बाद सुनील को हिलाकर देखा तो उसकी सांस थम चुकी थीं। ये सब देखकर चारों हमलावर वहां से भाग खड़े हुए। मामले में फरियादी की रिपोर्ट पर हंडिया पुलिस ने आरोपियों के विरूद्ध धारा 302, 307, 323, 294, 34 भादंस का अपराध कायम कर विवेचना की, वहीं विवेचना उपरांत माननीय न्यायालय के समक्ष अभियोग पत्र प्रस्तुत किया। जिस पर सोमवार 27 फरवरी को माननीय न्यायालय ने आरोपी हरिदास पिता सीताराम मालवीय को धारा 302 भादसं में दोषसिद्ध पाते हुए आजीवन कारावास की सजा एवं 5 हजार रूपए अर्थदंड से दंडित किया है। वहीं आरोपी हेमलता उर्फ लताबाई और विकास को भी धारा 323 भादसं में दोषसिद्ध पाते हुए सजा एवं अर्थदंड से दंडित किया। हालांकि, हेमलता और विकास पूर्व में न्यायिक निरोध में रहकर सजा भुगत चुके हैं ।