मित्रता हो तो सुदामा और कृष्ण के जैसी पंडित माधवानंद गिरी महाराज

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*आठनेर मुकेश सोनी* आठनेर विकासखंड के ग्राम पुसली में आयोजित श्रीमद् भागवत ज्ञान गंगा यज्ञ महापुराण का आज की कथा में पंडित श्री गिरी महाराज ने बताया कि मित्रता हमेशा सुदामा और कृष्ण के जैसी होना चाहिए जिसमें किसी भी प्रकार का कोई शक शंका की स्थिति कभी निर्मित ना हो ऐसी मित्रता को ही सुदामा और कृष्ण की मित्रता की संज्ञा दी जाती है जिस मित्रता में शक और शंका की स्थिति उत्पन्न हो जाए उसे मित्रता नहीं की जाती है और ऐसे मित्र से हमेशा कभी भी सावधान रहना चाहिए श्री गिरी महाराज ने बताया कि सच्चा मित्र वही होता है जो हमेशा संकट के साथ में खड़ा हो आपके साथ जब समय अच्छा चलता है तो 500 मित्र साथ में चलते हैं जब आपका समय खराब हो जाता है तो वह सिर्फ और सिर्फ सच्चा मित्र ही आपके साथ में खड़ा रहता है और आपको वह ख्याल रहना चाहिए कि बुरे वक्त का सच्चा साथी वही मित्र होता है जो आपके साथ में खड़ा हुआ रहता है अवसरवादी मित्र सिर्फ अवसर तक ही रहते हैं और अपना अवसर साधने के बाद आप से दुरचले जाते हैं इसे सच्ची मित्रता नहीं कही जा सकती श्री गिरी महाराज ने भगवान कृष्ण और रुक्मणी जी का विवाह भी का वृतांत भी बड़े हर्ष के साथ संगीत मय सुनाया आज भागवत कथा के विराम अवसर पर उन्होंने बताया कि राजा परीक्षित जब गंगा तट पर सुखदेव मुनि से भागवत के अंतिम दिवस याने सातवें दिन की भागवत कथा जब चल रही थी उसी समय राजा परीक्षित को सर्प ने डस लिया और राजा परीक्षित की मृत्यु हो गई आज यह भागवत का विरामपूर्ण हुआ जो सप्ताह भर से भागवत कथा आपके ग्राम पुसली में चल रही थी और आप लोगों ने जो इस कथा को श्रवण किया यह कथा को मैं आज विराम देता हूं कथा समाप्त कभी नहीं होती कथा का विराम हो सकता है कथा की समाप्ति नहीं होती है तो मैं इस कथा को यहां विराम देता हूं और आप सभी पुसली वासियों का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं कि आपने भगवान कृष्ण राम भगवान शंकर ब्रह्मा विष्णु सभी की इस 7 दिन में अपनी अपनी लीलाओं अपनी अपनी कलाओं का जो वृतांत सुना ग्रहण किया आप उसे अपने जीवन में इस कथा को उतारे आप भगवान राम के जैसे बने उनके जैसा आचरण करें माता बहने सीता बने सीता के जैसे आचरण करें मैं इस कथा को यहीं विराम करता हूं

वही इस कथा के आयोजक श्री कृष्णा सोलंकी घनश्याम सोलंकी सुभाष सोलंकी लखन सोलंकी ने इस भागवत पुराण यज्ञ ज्ञान सप्ताह में सभी पुसली वासी एवं आसपास के क्षेत्रों से आए भागवत कथा ग्रहण करने वाले सभी अतिथियों का एवं इस भंडारा प्रसादी में पहुंचे सभी अतिथियों का सोलंकी परिवार हृदय से सभी का आभार व्यक्त करता है एवं पंडित माधवानंद गिरी महाराज के चरणों में शत शत नमन कर उन्हें यह कथा पूर्ण करने पर बधाई देता है

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