*इस पूरे घटनाक्रम में सचिव* *की* *भूमिका लग रही है संदिग्ध*
*आठनेर मुकेश सोनी*
जनपद पंचायत आठनेर के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत ऐन खेड़ा के ग्राम खापा में इन दिनों प्रधानमंत्री आवास को लेकर चल रहा विवाद अपने पूरे चरम पर चल रहा है इस विवाद में जनप्रतिनिधि एवं अधिकारीगण अपनी-अपनी प्रतिष्ठा दांव पर लगा चुके हैं इस संबंध में जनपद उपाध्यक्ष रेखा कमलेश सोलंकी ने नियमानुसार खापा ग्राम पहुंचकर हितग्राही को जहां प्रधानमंत्री आवास पास हुआ था उसी जगह पर पुनः पेसा एक्ट के तहत भी वही प्लाट सैकड़ों ग्राम वासियों की उपस्थिति में भूमि पूजन कर पुनः दिया गया परंतु इस जगह का फिर एक मामला प्रकाश में आया है कि वर्ष 2018 में यह जगह को ग्राम पंचायत एन खेड़ाखापा द्वारा खेल मैदान बताया गया था जिसका वर्क आईडी क्रमांक 22 0120 3430 42 81 है जिसकी स्वीकृत राशि 184 लाख मजदूरी दर प्रति दिवस 174 रुपए थी यह कार्य 4.8.18 दिनांक को पूर्ण हो गया इस कार्य की एजेंसी स्वयं सरपंच ग्राम पंचायत ऐन खेड़ा थी यह खेल मैदान समतलीकरण का कार्य जब 2018 में हुआ तो इस हितग्राही को प्रधानमंत्री आवास उस ग्राउंड पर कैसे दिया गया जबकि उक्त हितग्राही उस ग्राउंड के पास कई दिनों से झोपड़ी बनाकर रह रहा है इस संबंध में खापा ग्राम के उपसरपंच जनपद सदस्य जनपद पंचायत के उपाध्यक्ष सभी की प्रतिष्ठा दांव पर लग चुकी है वही जनपद पंचायत के सीईओ तहसीलदार आठनेर यह भी अपनी प्रतिष्ठा इस प्रकरण में दांव पर लगा चुके हैं क्योंकि अतिक्रमण हटाने के नाम पर तहसीलदार के आदेशानुसार परआ रह आई एवं पटवारी खापा जाकर इस मैदान पर जेसीबी चला चुके हैं अब देखना यह है कि इस पूरे मामले को किसने इतना उलझाया किसकी इस पूरे मामले में भूमिका संदिग्ध लग रही है
*इस पूरे मामले में सचिव क्यों* *है मौन*
इस पूरे मामले पर प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत करने वाले सचिव की भूमिका संदिग्ध लग रही है क्योंकि इस पूरे मामले में सचिव अभी तक सामने आकर अपनी सफाई नहीं दे पा रहा है क्योंकि जब सचिव को दूरभाष पर संपर्क किया गया था तो उन्होंने बताया था कि मैं मेरे ग्राम चारसी में हूं जबकि उक्त सचिव को इस पूरे मामले को लेकर अपनी ग्राम पंचायत में उपस्थित रहना चाहिए क्योंकि अगर आपने यह प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत कर दिया गया है तो आपने वहां सामने रहकर उपस्थित जनप्रतिनिधियों एवं आम जनों के बीच जो टकराव की स्थिति निर्मित हो रही है जेसीपी से खेल ग्राउंड का अतिक्रमण हटाया जा रहा है सचिव उपस्थित क्यों नहीं है जबकि खापा ग्रामवासी एवं जनप्रतिनिधियों के समक्ष सचिव द्वारा किससे किससे किया क्या लिया दिया गया है यह सारी चर्चा खुलेआम खेल ग्राउंड पर कर रहे हैं तो सचिव वहां उपस्थित क्यों नहीं है इनकी भूमिका इस पूरे मामले में संदिग्ध दिखाई दे रही है और प्रधानमंत्री आवास देने में भी इनकी भूमिका संदिग्ध लग रही है जब 2018 में स्वयं सर पच एजेंसी है और इस खेल मैदान का समतलीकरण किया गया है तो आज प्रधानमंत्री आवास उसको वहां क्यों दियाआपने एक नया विवाद इस पंचायत में खड़ा कर दिया गया है जो जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों के प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गया है इसमें जो नुकसान हितग्राही का हो रहा है उसका देनदार कौन रहेगा या एक प्रश्न बनकर भी खड़ा हो गया है एवं ग्रामीणों द्वारा उस ग्राम के आसपास कई सारी चीजें एवं पैसे लेकर कईयों को वहां पर जगह दी गई है ऐसी भी चर्चाएं जोरों पर चल रही है उसका भी जवाब दार कौन है
*और सचिव अपनी पंचायत में* *क्यों नहीं रहते हैं*
यह भी एक प्रश्न बना हुआ है क्योंकि आप स्थानीय पंचायत में कार्य करते हो और पटन विकास खंड में रहते हो तो आठनेर विकासखंड का आदमी आपके निवास पटन नहीं जाएगा इसलिए आप जिस पंचायत में कार्य करते हो उसीपंचायत में आपको मकान किराए से लेकर रहना होगा क्योंकि किसी भी टाइम कोई भी समस्या लेकर कोई भी जनप्रतिनिधि कोई भी ग्रामवासी आपके पास पहुंच सकता है जबकि विकास यात्रा 20 तारीख से बैतूल विधानसभा क्षेत्र में चालू होने वाली है और सचिव उसके पहले इतना बड़ा विवाद सुलझाने के बदले स्वयं वहां से गायब है यह भी संदिग्ध की भूमिका में आता है
*क्या कहते हैं जनपद पंचायत* *के* *मुख्य कार्यपालन* *अधिकारी*
इस प्रश्न पर उनसे जवाब मांगा गया था जिस पर उन्होंने कहा कि समतलीकरण का कार्य महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना से किया गया है जब वह खेल ग्राउंड है तो उस पर प्रधानमंत्री आवासकैसे और क्यों पास किया गया है यह पंचायत एवं सचिव बताएं हमारे पास सिर्फ हितग्राहियों की सूची ग्राम पंचायतों से आती है जिसकी राशि हम दे देते हैं प्रधानमंत्री आवास सहित पंचायतों में जो भी योजनाएं चल रही है और सचिव और सरपंच जो हितग्राहियों को लाभ पहुंचाने से लगाकर जो भी योजना बना कर लाते हैं हम उसे यहां सिर्फ स्वीकृति के लिए भेजते हैं स्वीकृत हो होने पर सारी राशि भी सीधे उन्हीं के खातों में आती है और जब इतना बड़ा विवाद खापा में चल रहा है तोसचिव ने वहां उपस्थित रहना चाहिए उपस्थित नहीं रहने के कारण ही सचिव की भूमिका संदिग्ध लग रही है जो ग्राम वासियों के आरोप से यह सिद्ध हो रहा है
*श्री* *केदार प्रसाद राजोरिया* *मुख्य कार्यपालन* *अधिकारी* *जनपद पंचायतआठनेर*
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