गणेश चतुर्थी पर इस बार दुर्लभ संयोग में पधारेंगे गणपति बप्पा, 10 साल बाद बनी है ऐसी स्थिति

अनोखा तीर -। हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल भाद्रपद मास में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर गणेश चतुर्थी का पावन पर्व मनाया जाता है। इस पर्व को बड़े ही धूम- धाम से मनाया जाता है।

गणेश चतुर्थी पर इस बार दुर्लभ संयोग में गणपति के आगमन की तैयारियां चल रही हैं। कहीं प्रतिमाएं तैयार हो रही हैं, तो कहीं भव्य पांडाल सजाया जा रहा है। 31 सितंबर को गणपति बाल रूप में सार्वजनिक समारोहों के साथ-साथ गणेश भक्तों के घरों में विराजमान होंगे। कहीं 5 दिन तो कहीं 7 और कहीं 11 दिन तक उत्सव की धूम रहेगी। स्कूलों में भी गणेश उत्सव की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। ज्योतिषाचार्य आलोक गुप्ता ने बताया कि इस साल गणेश चतुर्थी पर एक ऐसा दुर्लभ संयोग बनने जा रहा है, जैसा भगवान गणेश के जन्मोत्सव के समय बना था। ऐसा संयोग 10 साल पहले बना था। शास्त्रत्तें के अनुसार भगवान गणेश का जन्म भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को दिन के समय हुआ था। उस दिन बुधवार था। इस साल भी कुछ ऐसा ही संयोग बन रहा है। 31 अगस्त से 9 सितंबर 2022 तक गणेश उत्सव मनाया जाएगा। हिंदू पंचांग के अनुसार भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि और स्वाति नक्षत्र में दोपहर के समय भगवान गणपति का जन्म हुआ था। इस कारण से हर वर्ष गणेश जन्मोत्सव का त्योहार उत्साह के साथ मनाया जाता है। किसी भी मांगलिक या शुभ कार्य की शुरुआत से पहले भगवान श्रीगणेश का पूजन किया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को देशभर में धूमधाम के साथ भगवान गणेश का जन्मोत्सव मनाया जाता है। इस साल यह तिथि 31 अगस्त 2022, बुधवार को पड़ रही है। इस दिन मंदिरों व घरों में भगवान गणेश की मूर्ति स्थापना की जाती है और पूरे 10 दिनों तक बप्पा की विधिवत पूजा-अर्चना की जाती है। अगर आप भी गणेश चतुर्थी पर करने वाले हैं गणपति स्थापना तो, जान लें शुभ मुहूर्त व विधि


 


गणेश स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त

गणेश चतुर्थी की तिथि का आरंभ 30 अगस्त, मंगलवार को दोपहर 03 बजकर 34 मिनट पर होगा। चतुर्थी तिथि का समापन 31 अगस्त, बुधवार को दोपहर 03 बजकर 23 मिनट पर होगा। गणपति स्थापना का शुभ मुहूर्त 31 अगस्त को सुबह 11 बजकर 05 मिनट से शुरू होकर 1 सितंबर को रात 01 बजकर 38 मिनट तक रहेगा।

गणेश मूर्ति स्थापना विधि

1. सबसे पहले चौकी पर गंगाजल छिड़कें और इसे शुद्ध कर लें।
2. इसके बाद चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं और उस पर अक्षत रखें।
3. भगवान श्रीगणेश की मूर्ति को चौकी पर स्थापित करें।
4. अब भगवान गणेश को स्नान कराएं और गंगाजल छिड़कें।
5. मूर्ति के दोनों ओर रिद्धि-सिद्धि के रूप में एक-एक सुपारी रखें।
6. भगवान गणेश की मूर्ति के दाईं ओर जल से भरा कलश रखें।
7. हाथ में अक्षत और फूल लेकर गणपति बप्पा का ध्यान करें।
8. गणेश जी के मंत्र ऊं गं गणपतये नम: मंत्र का जाप करें।




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