फैक्ट्री का दूषित पानी पडाली नदी में प्रवाह होने से सैकड़ों मछलियों की गई जान

बड़वाह- शहर से कुछ दूर स्थित पडाली नदी में शनिवार सुबह केमिकल युक्त लाल पानी आने से नदी किनारे रहने वाले रहवासियों में हड़कम मच गया। इन गतिविधियों की सूचना कुछ लोगो द्वारा प्रतिनिधि को दी गई। जब सूचना पर प्रतिनिधि फारेस्ट नाके स्थित पडाली नदी पर पहुंचे। तो देखा नदी का पानी लाल रंग का और मछलियां मरी  दिखाई दिया। जबकि इस दूषित पानी से नदी में कई छोटी बड़ी मछलियां पानी का शिकार होकर दम तोड़ते नजर आई। इस अप्रिय घटना से कई पशु प्रेमियों का मन दुखी हुआ। जिन्होंने इन गतिविधियों को अंजाम देने वाले दोषियों पर ठोस कार्यवाही करने की बात कही। लेकिन जब इस मामले में वन विभाग के रेंजर  धर्मेद्र राठौर से जानकारी चाही तो उन्होंने जगतपुरा स्थित अग्रवाल डिसलरी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में वाष्प टैंक में एकत्र दूषित पानी लीकेज होने का कारण बताया। उन्होंने कहा की कंपनी में कुछ समय से एक टैंक में पानी एकत्र किया जा रहा था। जो अचानक लीकेज होने से पानी बाहर निकल कर नदी में बह गया। जिसके कारण नदी का पानी लाल होने और मछलियां मरने का कारण रहा है। कार्यवाही को लेकर श्री राठौर ने बताया की इस मामले में वन अधिनियम की धाराओं के तहत जुर्माना वसूल किया जाएगा। फिलाल अभी पानी का सैंपल लिया गया है। और मृत मछलियों की संख्या के अनुसार जुर्माना किया जाएगा।
फैक्ट्री बंद पानी छोड़ने का सवाल ही नहीं उठाता
इस मामले में अग्रवाल फैक्ट्री में कार्यरत नहरी दांगी ने बताया की इस बार जिले से टेंडर नही मिलने से पिछले चार माह से हमारी फैक्ट्री बंद है। जबकि कुछ दिनो पहले ही हमारी फैक्ट्री में पैकेजिंग का काम शुरू हुआ है। इसलिए फैक्ट्री में पानी एकत्र होने का सवाल ही नही उठता है। उन्होंने कहा की यह जो पानी पडाली नदी में प्रवाह हुआ है यह पानी काफी माह से एक टैंक में भरकर रखा हुआ था।जिसका लोहे का वॉल सड़ने से शुक्रवार रात्रि करीब 12 बजे वॉल लीकेज होने से यह पानी नदी में चला गया। हालाकि की यह घटना एक अनहोनी है। लेकिन नदी के जीव जंतु मरने का दुःख हमे भी है।

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