नंदगांव व इटारसी में फंसे 18 लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित निकाला, 24 घंटे में हुई 4 इंच बरसात – पुल धंसने से नदी में गिरा रेत से भरा ट्रक, भब्बड़ नदी की बाढ़ से सडक़ का एक हिस्सा ढहा
नसरुल्लागंज। शनिवार को बरसात का कहर वासुदेव सहित आधा दर्जन गांवो में बरपा रहा था। इस दौरान गांव की गलियों में पानी भरा जाने से जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया था। रातभर से जारी बरसात ने नसरुल्लागंज सहित आसपास के एक दर्जन गांवो में बाढ़ के हालात निर्मित कर दिए। भयानक बाढ़ के चलतें प्रशासन के द्वारा नदी में फंसे हुए डेढ़ दर्जन लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित निकाला गया। वहीं लाडक़ुई के भिलाई गांव में एक पुल के धंसने से वहां से निकल रहा रेत से भरा डंपर नदी में जा गिरा। एक दर्जन से अधिक गांवो में बाढ़ के हालात निर्मित होने से ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों की और शरण लेना पड़ी। 10 घंटे से भी अधिक समय की बरसात से तहसील मुख्यालय का संपर्क इंदौर, भोपाल, नर्मदापुरम, हरदा से पूरी तरह कट गया। वहीं सेमलपानी, पांडागांव सीप नदी, नंदगांव पुल पर अंबर नदी व इटावा रपटे पर भब्बड़ नदी ऊफान पर आने से पुल व रपटे पर लगभग 5-6 फिट पानी बह रहा था। बाढ़ की चपेट में आने से इटारसी, रेहटी पर बना हुआ रपटा भी क्षतिग्रस्त हो गया। वहीं देर शाम को कोलार डेम के चार गेट खोल दिए गए, जिससे कोलार नदी भी ऊफन आई। समाचार लिखे जाने तक नर्मदा के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी हो रही थी। प्रशासनिक अमला बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों की और पहुंचाने में लगा हुआ था। 24 घंटे से जारी बरसात के चलतें रविवार सुबह 8 बजे तक 4 इंच बरसात रिकॉर्ड की गई। क्षेत्र में बरसात का आंकड़ा 30 इंच पहुंच गया हैं। समाचार लिखे जाने तक रिमझिम बरसात जारी थी।
नर्मदा के साथ सीप, कोलार, अंबर, भब्बड़ व अजनाल नदी ऊफनी
शनिवार से रविवार सुबह 8 बजे तक 24 घंटे में हुई तेज बरसात से क्षेत्र की सीप, कोलार, अजनाल, अंबर, भब्बड़ नदी में ऊफान आ गया। वहीं शनिवार को तवा डेम के सात गेट खोले जाने के बाद नर्मदा नदी के जलस्तर में भी बढ़ोतरी देखी गई। नर्मदा सहित सहायक नदियों के ऊफान पर आने से ग्रामीण अंचलो में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। इस दौरान नंदगांव, इटावा, सेमलपानी, पांडागांव, वासुदेव, पाचौर, आंबाकदीम के पुल पर 5-6 फिट पानी बहने से सडक़ मार्ग अवरूद्ध हो गया। इस दौरान तहसील मुख्यालय का संपर्क दो दर्जन से भी अधिक गांवो से कट गया। वहीं सहायक नदियों के ऊफन से राला, नंदगांव, पाचौर, लाचौर, भिलाई, बालागांव, धौलपुर, चौरसाखेड़ी, जामुनिया, आंबाकदीम, सिराली, वासुदेव, सुकरवास, मगरिया, निमोटा सहित अनेक गांव में बाढ़ के हालात निर्मित हो गये। हालांकि कहीं से भी कोई जान-माल की हानि के समाचार प्राप्त नहीं हुए।
नंदगांव व इटारसी में फंसे 18 लोगों का किया रेस्क्यू
एसडीएम डीएस तोमर के निर्देशन में बाढ़ एवं आपदा प्रबंधन में लगे कर्मचारियों के साथ नायब तहसीलदार अजय झा व शक्ति सिंह तोमर ने नंदगांव व इटारसी पहुंचकर बाढ़ में फंसे 18 लोगों को रेस्क्यू कर बाहर निकाला। इटारसी की दगड़ी नदी में आई बाढ़ से 6 लोग समोतीलाल पिता देवकरण उईके, धन सिंह व भीम सिंह पिता मुकुंदराम उईके, राहुल पिता रविशंकर सरेयाम, धमेंद्र पिता मंगल कहार, जितेंन्द्र पिता मुंशी इवने, इवने ईट भट्टे पर फंसे गए थे और इन्हें रात्रि 3 बजे प्रशासन ने सुरक्षित किनारे पर लेकर आये। वहीं नंदगांव की अंबर नदी में बाढ़ आने के बाद नदी के किनारे मकान में रह रहे एक ही परिवार के 12 लोग बाबूलाल पिता किशोरीलाल प्रजापति, रामौतार – राजेंन्द्र पिता बाबूलाल, रमा बाई पत्नि रामौतार, शुभम्, भूरा, सुनिता, अनिता, नानी पिता रामौतार, , रीना बाई पत्नि राजेंन्द्र, सौरभ, ऋषभ पिता राजेन्द्र प्रजापति सभी निवासी नंदगांव चारों ओर से पानी से घिर गए थे। प्रशासन की टीम ने मौके पर पहुंचकर सभी लोगों का सुरक्षित रेस्क्यू कर निकाला गया।
भिलाई की अंबर नदी में पुल धंसने से रेत से भरा डंपर पलटा
बाबरी से रेत लेकर जा रहे डंपर क्रमांक एमपी 41 ए 2425 अचानक भिलाई की अंबर नदी पर बने हुए पुल के धंसने के कारण नदी में पलट गया। ड्रायवर की सूझबूझ से कोई जानमाल की हानि नहीं हुई और डंपर पलटता देख ड्रायवर ने पहले ही छलांग लगा दी। शनिवार को पांडागांव स्थित सीपनदी पर बाढ़ का पानी होने के बावजूद बॉक्स ब्रिज से रेत से भरे डंपर आसानी से निकल रहे थे। इस दौरान भी बड़ी घटना घटित होने की आशंका थी। ब्रिज पर चार फिट पानी होने के बाद भी निकल रहे डंपरो को सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हुआ था।
बाढ़ के पानी से क्षतिग्रस्त हुई इटावा सडक़
इटावा की भब्बड़ नदी में अचानक बाढ़ आ जाने से यहां पर पुल के ऊपर से पानी बहने लगा। इस दौरान नदी के समीप बना हुआ इटावा सरकार मंदिर भी आधा डूब गया। पानी का बैग अधिक होने के कारण नदी पर बना रपटा क्षतिग्रस्त हो गया। बाढ़ का पानी उतरने के बाद प्रशासन की लगभग दो घंटे की मशक्कत के बाद बमुश्किल यातायात शुरु कराया। बाढ़ आने के बाद रपटे के क्षतिग्रस्त होने से यहां पर दुर्घटना की संभावना और अधिक बड़ गई हैं।
10 घंटे तक बधित रहा इंदौर-भोपाल व नर्मदापुरम आवागमन
क्षेत्र की जीवनदायिनी नर्मदा नदी सहित सहायक नदियों में आई बाढ़ से मुख्यालय का संपर्क पूरी तरह से महानगरों से बधित हो गया। विशेष रूप से पांडागांव की सीपनदी, नंदगांव की अंबर नदी में बाढ़ आने से यहां बने पुल से तीन से चार फिट पानी ऊपर से बहना शुरु हो गया। जिसके चलतें प्रशासन से यहां से आवागमन को बंद कर दिया। मुख्यालय का इंदौर, भोपाल, नर्मदापुरम व हरदा से संपर्क 10 से भी अधिक समय तक बधित रहा। बरसात थमने के बाद देर रात्रि में यहां से आवागमन शुरु हो सका।
24 घंटे में हुई 4 इंच बरसात, आंकड़ा पहुंचा 30 इंच के पार
शनिवार से लेकर रविवार तक लगातार 24 घंटे तक हुई बरसात के चलतें क्षेत्र में 100.8 एमएम वर्षा (4 इंच) रिकॉर्ड की गई। क्षेत्र में रविवार तक कुल बारिश 748 एमएम वर्षा रिकॉर्ड की गई, जो कि गत वर्ष की तुलना में 350 एमएम (14 इंच) अधिक हैं।
प्रशासन ने अलर्ट जारी कर खोले कोलार डेम के 4 गेट
लगातार बारिश के चलतें कोलार परियोजना के तहत कोलार बांध वीरपुर में रविवार प्रात: 8 बजे जलस्तर 456.18 मीटर था जो दोपहर 1 बजे तक 458.86 मीटर हो गया। पिछले पांच घंटे में ही डेम में 2.68 मीटर पानी बढऩे, कुलांश नदी में बाढ़ का खतरा बना रहने व लगातार बारिश जारी होने के चलतें कोलार नहर संभाग की कार्यपालन यंत्री हर्षा जैनवाल ने कोलार नदी के किनारे बसे लोगों को अलर्ट जारी किया। डेम के गेट खुलने के लगभग चार घंटे पूर्व अलर्ट जारी कर सुरक्षित स्थान पर जाने के लिए अगाह कर दिया गया। जिससे कोई भी जानमाल का खतरा निर्मित ना हो। कोलार नदी का पानी नर्मदा में समाहित होने से नर्मदा के जलस्तर में भी बढ़ोतरी दर्ज की गई। जिससे नर्मदा के किनारे बसे गांवो में भी बाढ़ का खतरा मंडराने लगा हैं।
स्कूल व पंचायत भवन में पानी भराने से भिगा रिकॉर्ड – टूटी बाऊंड्रीवाल
अंबर नदी में बाढ़ आने से नदी के किनारे बसे हाथीघाट गांव के पंचायत भवन, हाईस्कूल व मिडिल स्कूल भवन में बाढ़ का पानी तीन से चार फिट तक घुस गया। जिससे स्कूल में बच्चों को वितरित करने रखी हुई पुस्तकें, शैक्षणिक दस्तावेज, फर्नीचर सहित शासकीय रिकॉर्ड भीग गए वहीं स्कूल की बाऊंड्रीवाल भी क्षतिग्रस्त हो गई। इसी प्रकार पंचायत भवन में पानी भराने से यहां रखा पंचायत का शासकीय रिकॉर्ड, इलेक्ट्रानिक उपकरण, फर्नीचर सहित अन्य सामग्री पानी में भीगने से खराब हो गई।








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