नेपाल विमान हादसा : 4 भारतीयों सहित सभी 22 लोगों की मौत, 16 शव मिले, रेस्क्यू जारी

दैनिक अनोखा तीर | नेपाल में क्रैश हुए तारा एयरलाइन के प्लेन के मलबे की तस्वीर सोमवार को सामने आई. तस्वीर आने के कुछ देर बाद नेपाली मीडिया ने दावा किया कि प्लेन में सवार सभी लोगों की मौत हो चुकी है. प्लेन का मलबा मुस्तांग इलाके के कोबन में मिला है. पहाड़ पर यहां-वहां बिखरे क्षत-विक्षत शवों को इकठ्ठा किया जा रहा है,स्थानीय लोग भी इस काम में सेना की मदद कर रहे हैं. ज्यादातर शवों की पहचान करना मुश्किल हो रहा है

नेपाली मीडिया की खबरों में यह जानकारी दी गई है।

नेपाल की सेना ने सोमवार को बताया कि रविवार की सुबह दुर्घटनाग्रस्त हुए यात्री विमान का मलबा नेपाल के मुस्तांग जिले में मिला है। यह विमान करीब 20 घंटे से लापता था।

नेपाल के नागरिक उड्डयन प्राधिकरण ने बताया कि 14 शव बरामद किए गए हैं। ‘तारा एअर’ के ‘ट्विन ओट्टर 9एन-एईटी’ विमान ने पोखरा से रविवार की सुबह करीब 10 बजे उड़ान भरी थी, लेकिन 15 मिनट बाद ही उसका नियंत्रण टॉवर से संपर्क टूट गया। विमान में चार भारतीय, दो जर्मन और 13 नेपाली नागरिकों सहित कुल 22 लोग सवार थे।

विमानन कंपनी की ओर से जारी यात्रियों की सूची के अनुसार, विमान में मौजूद भारतीयों की पहचान अशोक कुमार त्रिपाठी, उनकी पत्नी वैभवी बांडेकर त्रिपाठी और बच्चों-धनुष त्रिपाठी व ऋतिका त्रिपाठी के तौर पर हुई है। यह परिवार महाराष्ट्र के ठाणे जिले का रहने वाला है।‘माय रिपब्लिक’ समाचार पत्र की खबर के अनुसार, घटनास्थल पर पहुंचे इंदा सिंह ने बताया कि विमान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया।सिंह ने बताया कि विमान में आग नहीं लगी थी। विमान संभवत: एक चट्टान से टकराने के बाद दुर्घटनाग्रस्त हुआ।

ऐसे पूरी हुई विमान की तलाश

रविवार को हुए हादसे के बाद खराब मौसम के चलते रेस्क्यू ऑपरेशन चलाने में परेशानी आ रही थी. लेकिन इसके बाद भी नेपाली सेना के हेलिकॉप्टर ने क्रैश साइट को ढूंढ निकाला. माई रिपब्लिका अखबार के अनुसार, नेपाल सेना का एक हेलीकॉप्टर 10 सैनिकों और दो कर्मचारियों को लेकर नरशंग नरशंग मठ के पास एक नदी के किनारे उतरा, जो दुर्घटना की संभावित जगह थी

नेपाल के एक ही परिवार के 7 लोगों की मौत

प्लेन क्रैश में नेपाल के एक ही परिवार के 7 लोगों की मौत हो गई. इनके नाम धनुषा जिला मिथिला नगरपालिका निवासी राजन कुमार गोले, उनके पिता इन्द्र बहादुर गोले, मां राममाया तामाड, काका पुरुषोत्तम गोले, काकी तुलसा देवी तामाड, मामा मकर बहादुर तामाड और मामी सुकुमायातामाड शामिल हैं. ये पूरा परिवार मुक्तिनाथ के दर्शन के लिए पोखरा से प्लेन में सवार हुआ था |

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