हरदा- पंचायत निर्वाचन के लिये मध्यप्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा कार्यक्रम जारी कर दिया गया है। जारी कार्यक्रम अनुसार हरदा जिले में प्रथम चरण में मतदान सम्पन्न होगा। मतदान से पूर्व निर्वाचन आयोग ने जनप्रतिनिधियों, पंचायत पदाधिकारियों, राजनैतिक दलों तथा शासकीय अधिकारी कर्मचारियों सभी के लिये आदर्श आचरण संहिता जारी कर उसका सख्ती से पालन करने के निर्देश दिये है। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी ऋषि गर्ग ने बताया कि आदर्श आचरण संहिता का उल्लंघन पाये जाने पर संबंधित के विरूद्ध नियमानुसार दण्डात्मक कार्यवाही की जायेगी। आयोग द्वारा जारी आदर्श आचरण संहिता के अनुसार चुनाव सभाओं एवं जुलूसों के आयोजन के दौरान तीव्र संगीत एवं ध्वनि विस्तारक का उपयोग करने के लिए सक्षम अधिकारी की पूर्व अनुमति लेना चाहिए। किसी भी संगठन या संस्था को किसी कार्यक्रम के आयोजन के लिए कोई सहायता अनुदान स्वीकृत नहीं किया जाना चाहिए। किसी भी दल या अभ्यर्थी द्वारा या उसके पक्ष में लगाए गए झंडे या पोस्टर दूसरे दल या व्यक्ति के कार्यकर्ताओं द्वारा नहीं हटाए जाने चाहिए। निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान राजनितिक दल या अभ्यर्थियों को ऐसे सभी कार्यों से परहेज करना चाहिए जो कानून के अंतर्गत अपराध हों।
पंचायत से सम्बंधित नये कार्य शुरू नहीं होंगे
पहले से स्वीकृत किसी योजना का कार्य, जिसमें निर्वाचन की घोषणा होने तक कार्य प्रारंभ नहीं हुआ हो, प्रारंभ नहीं किया जाना चाहिए और किसी योजना का शिलान्यास किया उद्घाटन नहीं किया जाना चाहिए।
शासन और संस्थाओं के वाहनों आदि के उपयोग पर प्रतिबंध
निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान शासकीय सार्वजनिक उपक्रमों, प्राधिकरण, स्थानीय निकायों, सहकारी संस्थाओं, कृषि उपज मंडियों या शासन से अनुदान अथवा अन्य सहायता प्राप्त करने वाली संस्थाओं के किसी भी तरह के वाहनों व अन्य संसाधनों अथवा कर्मचारियों का उपयोग किसी भी राजनीतिक दल या व्यक्ति के हित को आगे बढ़ाने के लिए नहीं किया जाना चाहिए। ऐसे वाहनों आदि को निर्वाचन की घोषणा की तारीख से निर्वाचन समाप्त होने की तारीख तक पंचायत पदाधिकारियों अथवा अभ्यर्थियों एवं उनके समर्थकों को उपलब्ध नहीं कराया जाना चाहिए।
मतदान से पूर्व 48 घंटों की समय सीमा में आचरण संहिता
कोई भी व्यक्ति किसी मतदान केंद्र में उस मतदान क्षेत्र में किसी निर्वाचन के लिए मतदान की समाप्ति के लिए नियत किए गए समय के साथ समाप्त होने वाले 48 घंटों की कालावधि के दौरान निर्वाचन के संबंध में कोई सार्वजनिक सभा या जलूस न बुलाएगा न ही आयोजित करेगा, न उसमें उपस्थित होगा, न उसमें सम्मिलित होगा और न उसे संबोधित करेगा। कोई भी व्यक्ति किसी मतदान केंद्र में उस मतदान क्षेत्र में किसी निर्वाचन के लिए मतदान की समाप्ति के लिए नियत किए गए समय के साथ समाप्त होने वाले 48 घंटों की कालावधि के दौरान चलचित्र, इलेक्ट्रॉनिक व प्रिंट मीडिया या किसी अन्य साधन से जनता के समक्ष किसी निर्वाचन संबंधी बात का प्रदर्शन नहीं करेगा।
मंत्रीगण या सांसदों या विधायकों द्वारा स्वेच्छानुदान
निर्वाचन की घोषणा की दिनांक से निर्वाचन समाप्त होने तक मंत्रीगण या सांसदों या विधायकों द्वारा किसी नगरीय निकाय क्षेत्र में जहां की चुनाव होने वाले हों, स्वेच्छानुदान, जनसंपर्क या क्षेत्र विकास राशि में से कोई अनुदान स्वीकृत नहीं किया जाना चाहिए और न ही किसी सहायता या अनुदान को आश्वासन दिया जाना चाहिए। मतदान समाप्त होने के समय से 48 घंटे पूर्व से शराब की दुकानें बंद रखी जाएंगी। अतः इस अवधि में किसी अभ्यर्थी या उसके समर्थकों एवं कार्यकर्ताओं द्वारा न तो शराब खरीदी जाए, न ही उसे किसी को पेश या वितरित किया जाए।
चुनाव के दौरान जिले में मंत्री के दौरे
यदि कोई मंत्री चुनाव के दौरान जिले के किसी पंचायत क्षेत्र का भ्रमण करें जहां की चुनाव होने वाले हैं तो ऐसे भ्रमण चुनावी द्वारा माना जाना चाहिए। इस दौरे में सुरक्षा के लिए तैनात कर्मचारियों को छोड़कर अन्य किसी साथी कर्मचारी को साथ नहीं रहना चाहिए। ऐसे दौरे के लिए शासकीय वाहन या अन्य सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई जाना चाहिए। निर्वाचन की घोषणा की तारीख से निर्वाचन समाप्त होने तक राज्य सरकार के किसी भी विभाग द्वारा ऐसा कोई आदेश पारित नही किया जावेगा, जिससे चुनाव की शुचिता और निष्पक्षता प्रभावित होती हो।
शासकीय विभाग एवं उनके कर्मचारी
किसी क्षेत्र या वर्ग के मतदाताओं को लाभान्वित करने की दृष्टि से कोई सुविधा या छूट देना या किसी नई योजना का कार्य करने के लिए स्वीकृति जारी करना आदि कार्य न किए जावें। शासकीय कर्मचारियों को चुनाव में बिल्कुल निष्पक्ष रहना चाहिए एवं यह उनके व्यवहार से भी परिलक्षित होना चाहिए। जनता को उनके निष्पक्षता का विश्वास होना चाहिए। उन्हें ऐसा कोई कार्य नहीं करना चाहिए, जिससे ऐसी आशंका भी हो कि वे किसी दल या व्यक्ति की मदद कर रहे हैं। चुनाव के दौरे के समय यदि कोई मंत्री अथवा सार्वजनिक उपक्रम या स्थानीय निकाय आदि का कोई पदाधिकारी किसी के निजी मकान अथवा परिसर पर आयोजित किसी कार्यक्रम का आमंत्रण स्वीकार कर ले तो सरकरी कर्मचारी को इसमें शामिल नहीं होना चाहिए।