मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने स्वातंत्र्यवीर विनायक दामोदर सावरकर की जयंती पर उन्हें नमन किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निवास कार्यालय सभागार में उनके चित्र पर माल्यार्पण कर पुष्पांजलि अर्पित की। मां भारती की परतंत्रता की बेड़ियों को तोड़ने के लिए सेल्यूलर जेल के अंधेरों और यातनाओं का वरण करने वाले मां भारती के सपूत वीर सावरकर का मानना था कि मातृभूमि के लिए जीना और मर जाना ही जीवन की सार्थकता है।
वीर सावरकर भारत के महान क्रांतिकारी, स्वतंत्रता सेनानी, इतिहासकार, राष्ट्रवादी नेता तथा विचारक थे। उन्हें प्रायः स्वातन्त्र्यवीर, वीर सावरकर के नाम से सम्बोधित किया जाता है। वीर सावरकर का जन्म 28 मई 1883 को महाराष्ट्र में नासिक के निकट भागुर गाँव में हुआ था। उन्होंने अभिनव भारत सोसायटी नामक क्रान्तिकारी संगठन की स्थापना की। वीर सावरकर अखिल भारतीय हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे। वीर सावरकर को नासिक केस में कालापानी की सजा देकर सेल्यूलर जेल भेज दिया गया। वीर सावरकर ने जेल में दस वर्ष की लम्बी अवधि तक अत्याचार सहे।