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शिवपुरी4 घंटे पहलेकॉपी लिंकजानकारी देते सहरिया क्रांति संयोजक संजय बेचैन, और पीछे बैठे मजदूर।शिवपुरी के सुरवाया थाना क्षेत्र के दबिया गांव से 25 बच्चों को मजदूरी के बहाने मानव तस्करी के लिए पिछले दिनों अपह्रत किया गया था। यह बच्चे शनिवार को अपने माता-पिता के साथ वापस लौट आए। वापस लौटकर आए मजदूरों का आरोप है कि बच्चों का चार लाख में सौदा किया गया था।बच्चों को 600, बड़ों को देंगे 300 रुपए की मजदूरीकथित अपहरण के बाद लौट कर शिवपुरी आए आदिवासी परिवारों की मानें तो जो ठेकेदार उनके गांव में आए थे। उन्होंने कहा कि जिन परिवारों में ज्यादा से ज्यादा बच्चे हों वह मजदूरी पर चलें। क्योंकि बड़ों को जहां 300 रुपए मजदूरी दी जाएगी, वहीं बच्चों को 600 रुपए मजदूरी देंगे।कैसे हुआ अपहरण का संदेहठेकेदार ने कुछ लोगों को गुना के आसपास तो कुछ को इंदौर में मजदूरी करने की बात बताई थी, लेकिन जब इन्हें गुना से एक बंद गाड़ी में शिफ्ट किए जाने के बाद इंदौर से आगे ले जाया गया तो इन्हें खुद के अपहरण का संदेह हुआ।इन लोगों के अनुसार वहीं पर इन्होंने खुद के अपहरण संबंधी बातें भी कथित ठेकेदारों के मुंह से सुनी।इसके बाद आदिवासियों ने कहीं झगड़ा शुरू किया और सहरिया क्रांति के संजय बेचैन को फोन पर खुद के अपहरण की जानकारी दी। बकौल पीड़ित संजय बेचैन ने उन्हें थाने जाने की सलाह दी। इसके बाद पुलिस ने उन्हें वापस भिजवाया।सहरिया क्रांति संयोजक संजय बेचैन ने बताया कि मजदूरी के बहाने बच्चों को मानव तस्करी के लिए ले जाया जा रहा था। इसकी जानकारी मिलते ही मैंने एसपी सहित गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा को इस बारे में बताया। उनके प्रयास से यह आदिवासी परिवार व बच्चे रिहा हो सके हैं।खबरें और भी हैं…
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