-एवरेस्ट विजेता ज्योति रात्रे ने टेड-एक्स मंच पर सुनाई अपनी कहानी
अनोखा तीर, हरदा। कभी कैमरे के सामने आने से घबराने वाली महिला आज टेड-एक्स जैसे प्रतिष्ठित मंच पर अपनी बात आत्मविश्वास के साथ कह रही है। यह प्रेरणादायक कहानी है एवरेस्ट विजेता ज्योति रात्रे की, जिन्होंने न केवल दुनिया की सबसे ऊँची चोटी फतह की, बल्कि अपने अंदर के भय और झिझक को भी मात दी। ज्योति रात्रे ने स्वीकार किया कि एक समय था जब कैमरे के सामने आने पर उनका गला सूख जाता था, हाथ काँपने लगते थे और दिल की धड़कनें बेकाबू हो जाती थीं। स्कूल या कॉलेज में मंच पर बोलने से परहेज करती थीं क्योंकि उन्हें लगता था कि लोग उनका मजाक उड़ाएंगे। लेकिन शायद यही डर था जिसने उन्हें और मजबूत बनने के लिए प्रेरित किया।
मैंने दुनिया की सबसे ऊँची चोटी तो चढ़ ली थी, लेकिन मेरी असली चढ़ाई तब शुरू हुई जब मुझे अपने डर की आंखों में आंखें डालकर बोलना पड़ा, उन्होंने टेड-एक्स के मंच से कहा।
अब वे न केवल टेड-एक्स जैसी अंतरराष्ट्रीय पहचान वाले मंच पर बोल रही हैं, बल्कि देशभर में स्कूलों, कॉलेजों, और पुलिस व सेना के संस्थानों में हजारों युवाओं को प्रेरणा भी दे रही हैं। उनके शब्दों में जीवन का अनुभव, संघर्ष की आंच, और जीत की चमक होती है।
टेड-एक्स के आयोजकों ने बताया कि ज्योति जी का सत्र सबसे प्रभावशाली सेशनों में से एक रहा, जिसमें उनकी सादगी, संकोच से आत्मविश्वास तक की यात्रा, और उनके शब्दों की सच्चाई ने सबको भावुक कर दिया।
उनकी कहानी सिर्फ एक पर्वत की नहीं है, यह एक ऐसे सफर की कहानी है जिसमें एक महिला ने अपने भीतर के डर को पहचाना, उसे स्वीकारा और फिर उसे पार कर दुनिया को दिखा दिया कि डर के उस पार ही जीत होती है।
Views Today: 22
Total Views: 22