अनोखा तीर, हरदा। साहित्यकार, कवि एवं अधिवक्ता स्व. श्याम साकल्ले की चतुर्थ पुण्यतिथि पर उन्हें भोपाल नार्मदीय समाज ने श्रद्धांजलि देते हुए उनकी धर्मपत्नी श्रीमती शैलमणि साकल्ले को प्रशस्ति सम्मान से अलंकृत किया। इस दौरान श्याम भैया का पूरा परिवार एकत्रित हुआ। उनके सुपुत्र राघवेंद्र साकल्ले ने पिता को याद करते हुए उन पर एक स्वरचित कविता सुनाई। दिल्ली से आई उनकी बेटी ने उनकी एक विजुअल बॉयोग्राफी बनाई, जिसे कार्यक्रम में दिखाया गया और श्याम भैया द्वारा लिखित गीत मातृभूमि जय भुआणा को सुनाया गया। इस मौक़े पर उनकी बहू पोती और छोटे बेटे रोहित साकल्ले भी मौजूद रहे। वक्ता के रूप में उनके परम मित्र प्रफुल्ल निलोसे, लेखिका साहित्यकार श्रीमती लता अग्रवाल, आलोक बिल्लौरे, मुकेश गार्गव, विजय जोशी और निशांत जोशी ने उनके संस्मरणों के जरिए उन्हें याद किया और श्रद्धांजलि अर्पित की। हरदा से कार्यक्रम में पधारे एडवोकेट हरिमोहन शर्मा, एडवोकेट बीएम पाराशर, एडवोकेट दिनेश यादव ने भी उनको याद किया। हरदा नार्मदीय समाज के प्रतिनिधि के रूप में अशोक नेगी ने कार्यक्रम के दौरान अपने संस्मरण सुनाते हुए सबको सूचना दी कि हरदा नगरपालिका में स्व. श्री श्याम भैया के स्टेचू का प्रस्ताव रखा गया है। कार्यक्रम का सफल संचालन साहित्यकार विनय उपाध्याय ने किया। कार्यक्रम के अंत में नार्मदीय समाज भोपाल के अध्यक्ष सुशील बिल्लौरे ने आभार व्यक्त किया। साकल्ले परिवार की ओर से हरिओम सराफ ने आभार जताया। कार्यक्रम का आयोजन नार्मदीय समाज भोपाल के अध्यक्ष सुशील बिल्लौरे और नार्मदीय महिला मंडल की अध्यक्ष श्रीमती संगीता पाराशर ने किया था।
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