अल्लाह की इबादत का पवित्र महीना शुरू

जकात सदका करना बहुत ही जरूरी
अनोखा तीर, हरदा। रमज़ान का पाक और बरकत का माह माहे रमजान रविवार से शुरू हो गया है। रविवार को मुस्लिम समुदाय के लोग पहला रोजा रखा। मुसलमानों के लिए रमजान का महीना बेहद पवित्र और विशेष माना जाता है। इस पूरे माह लोग रोजा रखते हैं और नमाज पढ़कर अल्लाह की इबादत करते हैं। मुसलमान पूरे 30 दिनों तक रोजा रखते हैं, जिसका पालन सख्ती के साथ करना पड़ता है। रमजान में रोजा रखना सबसे महत्वपूर्ण है। इस महीने में मुस्लिम समुदाय के लोग सूर्योदय से सूर्यास्त तक कुछ नहीं खाते-पीते हैं। इसके बाद शाम में रोजा खोलते हैं। इफ्तार के रूप में इस पवित्र समय की एक बड़ी दावत होती है, जिसमें परिवार के सभी सदस्य और करीबी लोग शामिल होते हैं। रमजान मुसलमान के लिए संयम का महीना माना जाता है। यह उपवास की वह अवधि है, जब विचारों से लेकर कार्यों तक व्यक्ति के आत्म-नियंत्रण की परीक्षा होती है। ऐसा माना जाता है कि संयम किसी भी व्यक्ति की उर्जा को बढ़ाने में मदद करता है। इस्लामी रूप से मुसलमानों के लिए रमजान का अत्यधिक महत्व है। रमजान के 30 दिनों को तीन हिस्सों में बांटा गया है। पहले 10 दिन रहमत, दूसरे 10 दिन बरकत और तीसरे यानी आखिरी 10 दिन मगफिरत के लिए होता है। जो लोग रोजा रखते हैं, उनके लिए यह बेहद खास समय होता है। सैय्यद नजाकत अली बाबा ने चौथासंसार को बताया कि इस दौरान नमाज अदा करना, जकात, सदका आदि करना बहुत ही जरूरी होता है।  विश्व मुस्लिम बोर्ड अध्यक्ष मुईन अख्तर खान ने बताया कि रोजा रखकर मुसलमान अल्लाह के प्रति अपनी भक्ति और समर्पण को दर्शाते हैं। इस महीने में हर नेकी का सवाब कई गुना बढ़ जाता है, इसलिए लोग ज्यादा से ज्यादा इबादत करने और अच्छे कर्म करने का प्रयास करते हैं। रोजेदारों को रमजान के महीने में सभी नियमों का पालन करने के साथ ही इस बात का भी खास ध्यान रखना चाहिए कि हर दिन सही समय पर सहरी और इफ्तार करें।

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