स्व सहायता समूह से जुड़ने के पश्चात महिलाओं बन रही है आत्म निर्भर

हमें आत्मनिर्भर एवं गौरावंवित करने के लिए प्रधानमंत्री श्री मोदी एवं मुख्यमंत्री डॉ. यादव का हृदय से आभार/धन्यवाद

देवास:-  म.प्र.डे राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन से जिले की महिलाओं के जीवन में उल्लेखनीय बदलाव आ  रहे हैं। समूह से जुड़ने के पश्चात जहां एक और वे आत्मनिर्भर बन रही है, वहीं दूसरी और खुद का काम प्रारंभ कर आर्थिक तौर पर सुदृढ़ हो रही है। समूह के माध्यम से जुड़ी महिलाओं आज अपनी सफलता की कहानी खुद लिख रही है।  स्व सहायता समूह की महिलाओं का कहना है कि समूह से जुड़ने के पश्चात हम महिलाओं के जीवन में उल्लेखनीय बदलाव आए हैं। समूह से जुड़ने पश्चात हम सभी बहुत खुश हैं तथा हमें आर्थिक  तौर पर सुदृढ़ और आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का हृदय से धन्यवाद।

धनगर आजीविका स्व सहायता समूह की अध्यक्ष श्रीमती प्रेमलता चौधरी एवं सचिव श्रीमती रजनी चौधरी ने बताया कि ‍देवास जिले के सोनकच्छ विकासखंड के ग्राम फावड़ा की रहने वाली हैं। समूह से जुड़ने से पहले वे तथा उनके समूह की महिलाएं गृह कार्य एवं खेतों में मजूदरी का कार्य करती थी। इसी बीच उनके गांव में एनआरएलएम की टीम आई और उन्होंने समूह से जुड़ने के फायदे बताए। उनकी बातों को सुनकर वे म.प्र.डे राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन जुड़ी तथा धनगर आजीविका स्व सहायता समूह बनाया। इसके पश्चात उनके जीवन में कई बदलाव आने लगे।

 समूह की अध्यक्ष श्रीमती प्रेमलता चौधरी एवं सचिव श्रीमती रजनी चौधरी ने बताया कि समूह के समस्त सदस्यों द्वारा प्रति सप्ताह 25 रुपए बचत करना प्रारम्भ किया। इसके साथ ही समूह संचालन संबंधित विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण प्राप्त किये, जिनमें समूह अवधारणा, ग्राम संगठन अवधारणा, वित्तीय साक्षरता, 13 सूत्र प्रशिक्षण, संकुल अवधारणा हैं।

     उन्होंने बताया कि सभी प्रशिक्षणों के माध्यम से समूह की सभी महिलाओं का कार्य कुशलता के साथ विभिन्न विषयों में उनका क्षमतावर्द्धन एवं नेतृत्व विकास हुआ हैं। मिशन के माध्यम से समूह को आरएफ, सीआईएफ की राशि प्राप्त हुई जिससे सभी सदस्यों ने आवश्यकतानुसार ऋण लेकर विभिन्न गतिविधियों का संचालन करते हुए अपनी आजीविका को सुदृढ़ किया। इसके साथ ही समूह के अन्य सदस्य सिलाई कार्य कर रहे हैं। जिन्हें राज्य शिक्षा केन्द्र भोपाल द्वारा गणवेश सिलाई कार्य मिला, जिसे समूह निर्धारित समयावधि में गुणवत्ता से साथ कार्य पूर्ण किया गया  एवं इस कार्य से समूह द्वारा शुद्ध आय 32000 रुपए अर्जित की गई इस कार्य के माध्यम से समूह की महिलाएं लखपति दीदियों में सम्मिलित हो गई।

     इसके अतिरिक्त समूह द्वारा कोरोना काल में मास्क निर्माण, पी.पी.ई. किट र्निमाण कार्य किया और जन सहयोग के कार्यो में सहयोग करते उक्त कार्यो से आय भी अर्जित की गई। समूह द्वारा निर्मित किये गये मास्क पुलिस विभाग, जिला पंचायत, महिला बाल विकास आदि विभागों द्वारा क्रय किये गये। मास्क विक्रय से समूह को कुल 4,00,000 रुपए आय हुई। उन्होंने बताया कि उनके समूह द्वारा सिलाई सहित अन्य कार्य किए जा रहे हैं, जिससे उन्हें लगातार आय प्राप्त हो रही है। यह सब स्व सहायता समूह से जुड़ने के पश्चात ही संभव हो पाया है।

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