निमाड़ के संत सियाराम बाबा पंचतत्व में विलीन

 

-लाखों श्रद्धालुओं ने नम आंखों से दी विदाई

-मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने पार्थिव देह पर पुष्प अर्पित कर दी श्रद्धांजलि

अनोखा तीर, खरगोन। निमाड़ के निर्गुणी संत श्री सियाराम बाबा का बुधवार की सुबह मां नर्मदा के किनारे स्थित ग्राम भट्टयान आश्रम में निधन हो गया। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भट्टयान आश्रम पहुंचकर कर सियाराम बाबा के चरणों में माथा टेका और बाबा की पार्थिव देह पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि ग्राम भट्टयान में बाबा का समाधि स्थल एवं नर्मदा नदी का घाट बनाया जाएगा और भट्टयान को पर्यटक स्थल के रूप विकसित किया जाएगा। भट्टयान गांव का नाम सियाराम बाबा के नाम पर रखा जाएगा।

निमाड़ क्षेत्र में दौड़ी शोक की लहर

बाबा के निधन की खबर मिलते ही हजारों की संख्या में उनके अनुयायी बाबा को अंतिम विदाई देने के लिए पहुंचे। सियाराम बाबा के निधन से निमाड़ क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई। लोग उन्हें याद करते हुए भावुक हो रहे थे। बाबा के अनुयायियों का मानना है कि बाबा हमेशा उनके दिलों में जिंदा रहेंगे। बुधवार दोपहर ठीक 4 बजे हिंदू रीति-रिवाज से साधु-संतों ओर सेवादारों ने अंतिम संस्कार किया। निमाड़-मालवा सहित देश भर के संत महात्माओं ने भी बाबा के अंतिम दर्शन कर श्रद्धांजलि अर्पित की।

मुख्यमंत्री ने शोक व्यक्त दी श्रद्धांजलि

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रभु श्रीराम के अनन्य भक्त, निमाड़ के दिव्य संत पूज्य श्री सियाराम बाबा के अवसान पर श्रद्धांजलि अर्पित कर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि यह संत समाज सहित संपूर्ण प्रदेश के लिए अपूरणीय क्षति है। धर्म साधना और मां नर्मदा की सेवा में समर्पित पूज्य सियाराम बाबा ने असंख्य श्रद्धालुओं के जीवन को दिशा प्रदान की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बाबा महाकाल से पुण्यात्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान प्रदान करने तथा उनके असंख्य अनुयायियों को इस असीम दु:ख को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की। पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने भी सियाराम बाबा के निधन पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि बाबा का जीवन भक्ति के लिए समर्पित रहा और वे हमेशा निमाड़ वासियों के दिलों में रहेंगे।

हनुमान जी के भक्त थे संत सियाराम

बाबा का आश्रम खरगोन जिले में नर्मदा नदी के तट पर स्थित था। वे पिछले 70 वर्षों से इसी आश्रम में रह रहे थे और हजारों लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत थे। बाबा एक साधारण जीवन जीते थे और हमेशा लंगोट पहने रहते थे। संत सियाराम बाबा हनुमान जी के भक्त थे। वे रामचरित मानस का पाठ करते रहते थे। भीषण गर्मी हो, सर्दी हो या भारी बारिश, बाबा सिर्फ लंगोटी पहनकर रहते थे। अनुयायियों का कहना है कि उन्होंने साधना के माध्यम से अपने शरीर को मौसम के अनुकूल बना लिया था।

मोक्षदा एकादशी बाबा ने प्राण त्यागे

बाबा के बीमार होने की खबर मिलने पर बड़ी संख्या में उनके अनुयायी आश्रम पहुंच रहे थे। राज्य सरकार ने उनके इलाज के लिए विशेष प्रबंध किए थे। लेकिन बुधवार को उन्होंने अंतिम सांस ली। बुधबार मोक्षदा एकादशी और गीता जयंती के दिन सुबह 6 बजकर 10 मिनट पर भट्टयान बज़ुर्ग स्थित आश्रम में अपने प्राण त्यागे। जानकारी के अनुसार, सियाराम बाबा के अंतिम संस्कार में चंदन की लकड़ी का उपयोग किया गया है। संत रीति अनुसार, दोपहर 3 बजे बाबा को पालकी में बिठाकर डोला निकला गया, जो करीब 3:30 बजे नर्मदा तट स्थित घाट पर पहुंचा। यहां चंदन की लकड़ी और गाय के गोबर से सजी चिता पर बाबा को बिठाया गया। पंचामृत से अभिषेक हुआ। निर्धारित समय 4 बजे मौजूद संतों ने मिलकर बाबा को मुखाग्नि दी।

 निमोनिया से ग्रसित थे बाबा

 संत श्री सियाराम बाबा को निमोनिया हो गया था और वे कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे। बता दें कि बुधवार सुबह 6:10 बजे बाबा ने आश्रम पर अंतिम सांस ली। दरअसल, 29 नवंबर को बाबा को निमोनिया होने के बाद से वह बीमार चल रहे थे। उन्होंने खाना छोड़ दिया था और सिर्फ थोड़ा-थोड़ा तरल पदार्थ ही ग्रहण कर रहे थे। मुख्यमंत्री के निर्देश पर जिला प्रशासन ने बाबा के उपचार की सभी व्यवस्था की थी। बाबा की इच्छा के अनुरूप भट्टयान आश्रम में ही चिकित्सकों की टीम बाबा के स्वास्थ्य पर नजर रखे हुए थी। वयोवृद्ध संत श्री सियाराम बाबा की आयु 100 साल से अधिक बताई जाती है। बाबा के निधन का समाचार मिलते ही भक्तजन सुबह से ही बड़ी संख्या में बाबा के अंतिम दर्शन के लिए भट्टयान आश्रम पहुंचने लगे थे।

2 लाख भक्तों ने बाबा के अंतिम दर्शन किए

बाबा के निधन की खबर के बाद सियाराम बाबा को चाहने वाले लाखों लोग भट्टयान पहुंचे। अंतिम दर्शन के लिए सुबह 9 बजे बाबा का पार्थिव शरीर आश्रम के ओटले पर रखा गया। करीब 7 घंटे में लगभग 2 लाख भक्तों ने बाबा के अंतिम दर्शन किए। बता दें कि बाबा के दर्शन करने लोगों की इतनी भीड़ उमड़ी कि आश्रम से 5 किलोमीटर दूर ग्राम पिपलगोन में भी लोगों को रोक दिया है। यहां लोग वाहन खड़े करके पैदल आश्रम पहुंचे, जबकि नर्मदा के पार भी तट पर बाबा की एक झलक पाने के लिए हजारों लोगों की भीड़ जमा हो गई। ग्राम मोगावा और धरगांव में बड़ी एलईडी स्क्रीन पर लाइव प्रसारण दिखाया गया। इस अवसर पर सांसद गजेंद्र सिंह पटेल, संगठन मंत्री हितानंद शर्मा, कलेक्टर कर्मवीर शर्मा, पुलिस अधीक्षक धर्मराज मीणा भी उपस्थित थे।

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