–बांग्लादेश में हो रहे हिन्दुओं पर अत्याचार, मंदिरों में तोड़फोड के विरोध में सड़क पर आए हजारों लोग
-साधु-संत, महिलाओं और युवाओं ने लिया हिस्सा
-राष्ट्रपति के नाम सौंपा ज्ञापन
अनोखा तीर, हरदा। बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हो रहे अत्याचारों के विरोध में हरदा के नागरिकों ने मंगलवार को एक ऐतिहासिक रैली का आयोजन किया। इस रैली में 20 हजार से अधिक नागरिकों ने भाग लेकर न केवल अपना आक्रोश व्यक्त किया बल्कि भारत सरकार और अंर्तराष्ट्रीय समुदाय से इस गंभीर मुद्दे पर तुरंत हस्तक्षेप की मांग भी की। इस प्रदर्शन में साधु संत समाज, विभिन्न संप्रदाय और पंथ के गुरु और जनप्रतिनिधियों सहित बड़ी संख्या में आम लोग भी सम्मिलित हुए। जिन्होंने एक स्वर में बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं के विरुद्ध हो रहे हिंसा की कड़े शब्दों में निंदा की। रैली के दौरान लोगों ने हिंदुओं की पुकार, अब बंद करो अत्याचार, महिलाओं और बच्चों पर अत्याचार बंद करो बंद करो, जैसे नारे लगाए। सभीने बांग्लादेश की मौजूदा अंतरिम सरकार पर जमात-ए-इस्लामी जैसे कट्टर इस्लामी संगठनों के सामने झुकने और उसे बढ़ावा देने का आरोप भी लगाए। विरोध प्रदर्शन में सम्मिलित हुए महंत ओंकार दास जी महाराज ने कहा कि हमारी बहन बेटियों के साथ अत्याचार हो रहा है, धार्मिक स्थलों को तोड़ा जा रहा है, और पूजनीय संतों को जेल में डाला जा रहा है। हिंदू समाज अब इस स्थिति को स्वीकार नहीं करेगा। ये संदेश हमारा सभी को है। यह भव्य रैली नेहरू स्टेडियम बलराम चौक से शुरू होकर सनफ्लावर स्कूल, काली माता मंदिर, और चांडक चौराहे से गुजरते हुए घंटाघर चौक पर पहुंची, जहां इसने एक विशाल आम सभा का रूप ले लिया। विरोध प्रदर्शन और रैली में शामिल हुए संत ओंकार दास जी महाराज भादू गांव, प्रकाशानंद जी महाराज बागदी, हनुमान दास जी महाराज सोडलपुर, राजेश दास जी महाराज भमोरी, और आचार्य गोवर्धन राम जी महाराज मथुरा ने हिंदू समाज की एकजुटता पर जोर देते हुए बांग्लादेशी हिंदुओं के लिए न्याय की मांग की। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता धन्नालाल जी ने कहा कि हिंदू समाज सहिष्णु है, लेकिन कायर नहीं। जब-जब हिंदू समाज पर संकट आया है, तब-तब उसने अपनी शक्ति और संगठन का परिचय दिया है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार को इस संकट की घड़ी में बांग्लादेश के हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए। शहर के घंटाघर चौक पर सभा के अंत में राष्ट्रपति के नाम कुमार सानू देवरिया को एक ज्ञापन सौंपा गया। जिसमें मांग की गई कि बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। ज्ञापन में यह भी कहा गया कि हिंदुओं की लूटी हुई संपत्तियों और मंदिरों के नुकसान की भरपाई की जाए।
व्यापारियों ने स्वेच्छा से बंद रखी दुकाने, ऐतिहासिक बनी रैली
यह रैली हरदा के इतिहास में सबसे बड़ी रैली मानी जा रही है, जिसने सामूहिक एकजुटता और सामाजिक जिम्मेदारी का नया कीर्तिमान स्थापित किया। रैली के दौरान सभी व्यापारियों ने भी अपने-अपने प्रतिष्ठान बंद रखकर इस विशाल रैली में अपनी सहभागिता देते हुए कदम से कदम मिलाकर चले।
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