अनोखा तीर, टेमागांव। इंदौर बैतूल राष्ट्रीय राजमार्ग 47 निर्माण चल रहा हैं और यह फोरलेन बन रहा है। इस मार्ग पर टेमागांव से हरदा के बीच का 32 किलोमीटर मार्ग का निर्माण पूर्ण हो चुका है। फोरलेन के निर्माण से जहां आवागमन में सुविधा मिली तो वहीं किसानों को परेशानी हो रही है। यहां से जुड़े किसानों को अपने खेतो में आने-जाने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। किसानों को कृषि यंत्र ट्रैक्टर ट्राली, कल्टीवेटर, रोटावेटर खेतों में ले जाने में परेशानी हो रही है। एनएचएआई ने फोरलेन का निर्माण तो कराया लेकिन किसानों को खेत में उतरने और चढ़ने के लिए रास्ता नहीं दिया। विभागीय लापरवाही और उदासीनता के कारण किसानों को परेशान होना पड़ रहा है। हालांकि किसानों की इस समस्या से भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्रांतिकरण को कोई लेना-देना भी नहीं है।
निर्माण के बाद बची जगह में किया वृक्षारोपण
एनएचआई ने फोरलेन का निर्माण किया है, इसके लिए भूमि का अधिग्रहण भी किया गया है। फोरलेन निर्माण के बाद 2 पिलर लगाए गए हैं और फोरलेन के बीच की जगह में वृक्षारोपण कर दिया गया है, जिससे किसानों को अपने खेतों में आने जाने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। क्योंकि सड़क निर्माण के द्वारा मार्ग की हाइट भी अधिक हो गई है और खेत नीचे हो गए हैं, जिससे किसानों का आवागमन बंद हो गया है।
सीएम हेल्पलाइन पर की शिकायत, विभाग नहीं दे रहा ध्यान
हाईवे फोरलेन जुड़े किसान तो सभी परेशान है, लेकिन सिरकमबा के किसान अनिल गुर्जर ने इसकी मुख्यमंत्री हेल्प लाइन पर की है, लेकिन शिकायत का निराकरण करने की वजह अधिकारी गोलमोल जवाब दे रहे हैं। नांदवा के मनीष पारे का कहना है की विभाग को किसानों की समस्या हल करना चाहिए। चूंकि फोरलेन से जुड़े लगभग सैकड़ो किसान रोज अपने खेतों में आना-जाना करते हैं। यदि विभाग ने इस ओर ध्यान नहीं दिया तो किसानों को मुसीबत का सामना करना पड़ेगा। क्योंकि एक और फोर लाइन सड़क की हाइट बढ़ा दी गई है, जिससे खेत नीचे हो गए और बची हुई जगह में वृक्षारोपण कर दिया। ऊंचाई होने के कारण कई बार दुर्घटना की आशंका भी बनी रहती है।
किसान की रिकॉर्डिंग
किसानों को इसके लिए आवेदन करना होगा, जिसकी परमिशन हम नि:शुल्क दे देंगे। हम हर खेत के लिए रास्ता नहीं बना सकते।
महेंद्र कुमार मीणा पीडी, एनएचआई हरदा