अनोखा तीर, हरदा। नार्मदीय ब्राह्मण धर्मशाला में शुक्रवार को भागवत कथा के दूसरे दिन कथावाचक आचार्य नारायण साकल्ले ने गौकर्ण एवं धुंधकारी की कथा विस्तार से समझाई। उन्होंने कहा कि मनुष्य को अपने पालनहार का सम्मान करना चाहिए, वहीं सदैव सत्कर्म करना चाहिए। धुंधकारी को अपने कुकर्मों के कारण प्रेत योनि मिली, उसे गया जी में श्राद्ध करने के बाद भी मुक्ति नहीं मिली। वहीं उसे भागवत कथा से ही मुक्ति मिली। इस दौरान उन्होंने गीत चल वृंदावन धाम, जपे जा राधे राधे एवं सूनी है गोकुल नगरिया गीत गाकर वातावरण भक्तिमय कर दिया। भजन की संगीतमय प्रस्तुति के दौरान श्रद्धालु जमकर थिरके। भागवत कथा में आज परीक्षित की कथा, शुकदेव की जन्म कथा होगी। आयोजक दीपक शुक्ला ने बताया कि प्रतिदिन दोपहर 1 से कथा शुरू होगी, कथा 13 नवंबर तक चलेगी। उन्होंने सभी श्रद्धालुओं से कथा में उपस्थित होने का आग्रह किया है।
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