–कसेरा समाज ने हवन पूजन कर किया भंडारे का आयोजन
अनोखा तीर, हरदा। शुक्रवार को कसेरा समाज ने भगवान सहस्त्रार्जुन की जयंती बड़े ही उत्साह और धूमधाम से मनाई। इस दौरान समाज के लोगों ने भव्य शोभायात्रा का आयोजन किया। सुबह से ही जयंती को लेकर लोगों में खासा उत्साह दिखाई दे रहा था। शहर में निकाली गई भव्य शोभायात्रा कसेरा मोहल्ले से प्रारंभ हुई जो जैसानी चौक, गणेश चौक से घंटाघर होते हुए गुप्तेश्वर मंदिर पहुंची। जिसमें बड़ी संख्या में सामाजिक लोग शामिल हुए। कसेरा समाज के लोगों ने गुप्तेश्वर मंदिर परिसर में बने भगवान सहस्त्रबाहु अर्जुन के मंदिर में विधि- विधान पूजा अर्चना की और प्रसाद का वितरण किया। कसेरा समाज हर वर्ष कार्तिक शुक्ल सप्तमी को भगवान श्रीसहस्त्राबाहु अर्जुन की जयंती मनाता है। ऐसी मान्यता है कि उन्होंने भगवान की कठोर तपस्या करके 10 वरदान प्राप्त किए और चक्रवर्ती सम्राट की उपाधि धारण की। सहस्रबाहु भगवान दत्तात्रेय के भक्त थे और दत्तात्रेय की उपासना करने पर उन्हें सहस्र भुजाओं का वरदान मिला था। इसलिए उन्हें सहस्रबाहु अर्जुन के नाम से जाना जाता है। सहस्रार्जुन जयंती क्षत्रिय धर्म की रक्षा एवं सामाजिक उत्थान के लिए मनाई जाती है। शोभायात्रा के पश्चात भगवान का पूजन अभिषेक कर महा आरती की गई। जिसके बाद बुजुर्गों का सम्मान एवं बच्चों के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए। वंदना चंद्रवंशी ने बताया कि जयंती महोत्सव का मुख्य उद्देश्य सामाजिक एकता को बनाए रखना एवं सामाजिक कुरूतियों को दूर कर समाज को आगे बढ़ाने का भी संकल्प लिया जाता है। हैहय वंशीय ताम्रकार समाज द्वारा राजराजेश्वर सहस्त्रार्जुन महाराज की जयंती धूमधाम से मनाई गई। जयंती महोत्सव के दौरान सुबह से समाज की महिलाओं ने अपने अपने घरों के मुख्य द्वार पर आकर्षक रंगोली सजाई । समाज की महिलाओं ने जयंती महोत्सव के दौरान अलग-अलग थीम पर रंगोली बनाई। समाज के द्वारा जयंती के अवसर पर विशाल भंडारे का आयोजन किया गया जिसमें समाज के साथ-साथ सभी लोगों ने भोजन प्रसादी ग्रहण की। शोभायात्रा और जयंती के कार्यक्रमों में शामिल सभी लोगों ने फेक्ट्री ब्लास्ट में मृत लोगों को तथा कलकता में मृत महिला डाक्टर को श्रृदांजलि अर्पित की गई।भगवान विष्णु के 24वें अवतार माने गए हैंसमाज के अध्यक्ष मनोज चंद्रवंशी ने बताया कि सहस्रार्जुन एक हैहयवंशी राजा थे। वे भगवान विष्णु के 24वें अवतार माने गए हैं। समाज के लोगों ने जयंती महोत्सव के दिन अपने अपने प्रतिष्ठान बंद रखकर जयंती महोत्सव में आयोजित कार्यक्रमोंं में हिस्सा लिया। चंद्रवंशी ने बताया कि भागवत पुराण में भगवान विष्णु व लक्ष्मी द्वारा सहस्रबाहु महाराज की उत्पत्ति की जन्मकथा का वर्णन है।बेटी सुरक्षा का संदेश देती रंगोलीफोटो 25सहस्त्रार्जुन महाराज की जंयती के अवसर पर समाज की महिलाओं ने अपने घर के बाहर आकर्षक और सुन्दर रंगोली बनाई। इस दौरान एक घर के बाहर समाज की बेटी ने महिला तथा बेटी सुरक्षा का संदेश देती रंगोली बनाई। जिसमें रंगोली के द्वारा महिलाओं और बेटियों पर हो रहे अत्याचारों को रोकने की अपील की गई
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