कार्तिकेय का जबाव- सीखना तो आपसे भी चाहते थे, लेकिन 10 सालों में ऐसा कुछ नहीं हुआ कि सीख सके
बैठक में बोले थे कार्तिकेय – गलती से भी कांग्रेस का विधायक आ गया तो एक ईंट नहीं लगेगी गांव में
दिग्विजय ने दी थी कार्तिकेय को सलाह- मैं 10 साल मुख्यमंत्री रहा लेकिन इस प्रकार की भाषा का उपयोग नहीं किया
भैरुंदा:- बुदनी विधानसभा का चुनाव के उप चुनाव में मौसम की गर्माआहट के साथ ही राजनीतिक गर्मआहट भी तेजी के साथ बढ़ती जा रही है। कार्तिकेय सिंह चौहान के द्वारा मंडल स्तरीय भाजपा कार्यकर्ताओं की बैठक को संबोंधित करते हुए दिये गए बयान – गलती से भी कांगे्रस का विधायक आ गया तो गांव में एक ईंट भी नहीं लग पाएगी। इसी बयान पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने सोशल मीडिया के एक्स अधिकारिक हैंडल पर कार्तिकेय को समझाईश देते हुए लिखा कि 10 साल तक मैं प्रदेश का मुख्यमंत्री रहा, लेकिन इस तरह की भाषा का उपयोग नहीं किया। कार्तिकेय सिंह चौहान ने दिग्विजय सिंह की समझाईश वाले वक्तव्य पर पलटवार करते हुए कहा कि सीखना हैं तो हम भी आपसे चाहते थे, लेकिन 10 सालों में ऐसा कुछ नहीं हुआ कि हम आपसे कुछ सीख सकते। ऐसा लगता हैं कि बुदनी विधानसभा का उप चुनाव भाजपा वर्सेस कांग्रेस नहीं बल्कि दिग्विजय वर्सेस कार्तिकेय के रूप में हो चुका है। एक तरह से देखा जाए तो दिग्विजय सिंह ने कार्तिकेय को अपने पौते की संज्ञा दी हंै ऐसे में दादा और पौते के बीच जुबानी जंग देखने को मिल रही हैं। हालांकि बुदनी विधानसभा उप चुनाव की मतदान होने में पूरे 19 दिन का समय शेष बचा हैं ऐसे में दोनों के बीच होने वाले जुबानी जंग राजनैतिक के किस मोड़ तक पहुंचेगी यह दीपोत्सव के त्यौहार के बाद ही साफ होगा।
बैठक में ऐसा क्या बोले कार्तिकेय
बुधवार को वह भैरुंदा के रामाधीश पैलेस में भाजपा मंडल के कार्यकर्ताओं की एक बैठक को संबोधित करने के लिए पहुंचे थे। इस दौरान सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में वह यह कहते हुए नजर आ रहे हैं कि यदि उन्नीसा-बीसा होता है तो आप समझिए किसका नुकसान होगा। अपने पैरों पर हम क्यों कुल्हाड़ी मारे भाई, अपनी पोलिंग में गड़बड़ी कर हम क्यों अपनी इज्जत खराब करें। क्या हमको नहीं जाना हमारे मुख्यमंत्री जी के पास काम कराने के लिए, क्या हमको नहीं जाना आदरणीय कृषि मंत्री जी के पास काम कराने के लिए। बताइए जगदीश सरपंच जी कैसे कराएंगे आप काम, जवाब दीजिए मुझे। यदि उन्नीसा-बीसा हुआ तो हम कैसे जाएंगे हमारे नेताओं के पास काम कराने, कौन सी सडक़ लेकर जाएंगे, अगर गलती से भी कांग्रेस का विधायक वैसे होने वाला नहीं है। लेकिन गलती से भी आ जाता है तो एक ईंट भी नहीं लगने वाली है किसी के गांव में विकास के लिए।
ट्विट पर दिग्विजय सिंह ने दी थी कार्तिकेय को यह समझाईश
कार्तिकेय के बयान पर शुक्रवार को सोशल मीडिया के अधिकारित एक्स प्लेटफार्म पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कार्तिकेय को सलाह देते हुए लिखा था कि कार्तिकेय अभी से इस प्रकार का भाषण ना दो। अपने पिता शिवराज जी से सीखो। लोकतंत्र में सरकार और विपक्ष दोनों मिल कर भारत निर्माण में सहयोग करते हैं। 10 साल तक मैं मुख्यमंत्री रहा लेकिन मैंने इस प्रकार की भाषा का कभी उपयोग नहीं किया आपके पिता गवाह हैं। पंचायत राज क़ानून में निर्माण कार्य करने के जिम्मेदारी सरपंच की होती है ना कि विधायक की। और आप तो अभी ना सरपंच हैं ना विधायक। आप मेरे पुत्र नहीं पौत्र समान है। यह मेरी राय है आप मानें ना मानें आप जानें। जय सिया राम।
कार्तिकेय का दिग्विजय पर पलटवार
कार्तिकेय सिंह चौहान ने दिग्विजय सिंह पर पलटवार करते हुए कहा कि मैं आपका सम्मान करता हूं, आप कांगे्रस के बड़े नेता हैं और कांग्रेस के महासचिव भी रहें हैं, और सचमुच मेरे लिए यह बड़ा प्रसन्नता का विषय हैं कि आदरणीय चाचा साहब मेरे बयानों को इतनी नजदीकी से देखते हैं। इसके लिए उनका आभार और दूसरी तरफ जहां उनके, कांगे्रस व उनके नेताओं के बयानों का सवाल हैं वह सब डरने और डराने की बातें करते हैं। मैं मीडिया के माध्यम से कहना चाहूंगा कि आदरणीय दिग्विजय चाचा डर तो बुदनी की जनता को आपके उन 10 सालों से लगता हैं, जिसमें आपने प्रदेश को विनाश की कगार पर छोड़ दिया था। यदि डर लगता हैं तो टूटी सडक़ो, मुश्किल से मिलने वाली बिजली, उस समय के हालात व उस शासनकाल से। कार्तिकेय ने कहा कि सीखना तो हम आपसे भी चाहते थे, लेकिन दस सालों में कोई ऐसा काम हुआ नहीं, जिससे हम कुछ सीख सके।
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