विधानसभा उपचुनाव – भैरुंदा- रेहटी क्षेत्र की जनता में आक्रोश, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर निकाल रही अपनी भड़ास

जनता व कार्यकर्ताओं की इच्छा दरकिनार, मेहनत करने वालो को नहीं मिला सम्मान

भैरुंदा/बुदनी। बुधनी विधानसभा उपचुनाव के लिए भाजपा ने शनिवार देर शाम को अपने प्रत्याशी की घोषणा कर दी। घोषणा के बाद से ही भाजपा प्रत्याशी का विरोध सोशल मीडिया पर देखने को मिल रहा है। इस दौरान क्षेत्रवासी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपनी भड़ास निकाल रहे हैं। भाजपा के द्वारा किए गए टिकट वितरण से क्षेत्रवासी नाराज है और उनके द्वारा इसके परिणाम भुगतने की चेतावनी भी दी जा रही है। ऐसा लगता है कि भाजपा नेताओं ने जनता व कार्यकर्ताओं की इच्छा को ताक में रख दिया। अब आम जनता केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्णय पर भी सवाल उठाते हुए दिखाई दे रही है। उल्लेखनीय की भाजपा के द्वारा पूर्व सांसद रमाकांत भार्गव को विधानसभा उपचुनाव के लिए प्रत्याशी घोषित किया है। उपचुनाव की तारीख घोषित होने से पूर्व ही भैरुंदा क्षेत्र से टिकट दिए जाने की मांग पुरतरीके से उठ रही थी। संभावना भी ऐसी ही नजर आ रही थी कि इस बार क्षेत्र की जनता व भाजपा कार्यकर्ताओं की इच्छाओं का सम्मान रखा जाएगा। क्षेत्र की जनता व कार्यकर्ताओं की भावनाओं को कोई तवज्जो नहीं दी गई।

उठते सवाल- क्या पहले ही मिल चुकी थी हरी झंडी, इसलिए तैयारी थी अंतिम रूप में

भाजपा प्रत्याशी रमाकांत भार्गव को घोषित किए जाने के बाद एक सवाल लगातार उठकर सामने आ रहा है कि क्या चुनाव के लिए भार्गव को पहले ही हरी झंडी दी जा चुकी थी। जिस तरह चुनावी रथ का फोटो प्रत्याशी का नाम घोषित होने से पहले ही सामने आ गया था उससे यह कयास लगाए जा रहे थे कि प्रत्याशी चयन की पटकथा लगभग एक माह पूर्व ही लिखी जा चुकी थी। यदि ऐसी कोई स्थिति निर्मित थी तो फिर प्रत्याशी चयन को लेकर पैनल बनाने जैसा निर्णय क्यों लिया। भाजपा के कई वरिष्ठ कार्यकर्ता खुलकर तो सामने नहीं आ रहे लेकिन दबी जवान से यह स्वीकार कर रहे हैं कि प्रत्याशी चयन का निर्णय आम जनता के हित में नहीं हुआ।

आमजन का तंज- भार्गव को किस बात का मिला इनाम

भैरुंदा- रेहटी क्षेत्र का आमजन इस बात को लेकर आशंकित है कि भाजपा प्रत्याशी के तौर पर रमाकांत भार्गव को किस बात का इनाम दिया गया। आखिर ऐसी क्या कारण रहेगी जनता के बीच भारी विरोध होने के बावजूद भी इसे दरकिनार किया गया। मीडिया पर चल रही खबरों के मुताबिक रमाकांत भार्गव को केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान के लिए विदिशा संसदीय सीट खाली करने का इनाम दिया गया है। आमजन का मानना है कि यदि विदिशा संसदीय सीट खाली करने के लिए इन्हें इनाम मिला है तो इसके सबसे बड़े हकदार पूर्व विधायक राजेंद्र सिंह राजपूत थे। जिन्होंने अपने विधायक कार्यकाल की बलि चढ़ाते हुए केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान के लिए वर्ष 2005 में विधानसभा सीट छोड़ी थी। निश्चित तौर पर यदि इनाम दिया जाना था तो फिर वह राजेंद्र सिंह राजपूत को ही मिलना था। ऐसे में इनाम वाली बात भी कई लोगों के गले नहीं उतर पा रही।

Loading

Leave a Reply

error: Content is protected !!