–इन्दौर रोड जाम कर जताया विरोध-मांग पूरी नहीं होने पर रेल रोको, जेल भरो आंदोलन की दी चेतावनी
अनोखा तीर, हरदा। शुक्रवार को जिला सरपंच संघ ने अपनी बीस सूत्रीय मांगों को लेकर पॉलिटेक्निक कॉलेज के सामने करीब 15 मिनट तक हरदा-इन्दौर रोड पर चक्का जाम कर विरोध प्रदर्शन किया। इसके बाद अपनी मांगों को लेकर तहसीलदार लबीना घाघरे को ज्ञापन सौंपा। सरपंच संघ के जिलाध्यक्ष ललित पटेल ने बताया कि प्रदेश की बीजेपी सरकार सरपंच विरोधी नीतियां चला रही है। जिसके कारण सरपंच पंचायत स्तर पर विकास कार्य नहीं करा पा रहे हैं। इसके कारण हमने चक्का जाम कर विरोध जताया है। उन्होंने बताया कि पूरे प्रदेश में सभी पंचायतों के सरपंचों ने अपनी मांगों को लेकर धरना देकर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री, विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष के नाम पर ज्ञापन सौंपा है। यदि सरकार हमारी मांगों पर विचार नहीं करती है तो संघ स्तर पर रेल रोको और जेल भरो आंदोलन किया जाएगा।यह है संघ की प्रमुख मांगेंमनरेगा को मूलरुप में लाने के लिए केन्द्र सरकार से राज्य सरकार सहयोग मांगे। यदि आपको सहयोग नहीं मिलता है, तो राज्य की नई रोजगार गारंटी योजना बनाकर मजदूरी और सामग्री के भुगतान की पारदर्शी और सुदृढ़ व्यवस्था स्थापित करें।-ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए स्व सहायता समूह के लाभार्थी सदस्यों को मनरेगा से जोड़कर हितग्राही मूलक योजनाओं को बढ़ावा दिया जाए।-मप्र शासन ने ग्राम पंचायतों को 25 लाख रुपए के विकास कार्य करने के अधिकार दिए है। लेकिन, इसकी तकनीकी स्वीकृति लेने में जिला स्तर से परेशानी होती है। इसलिए, इसे जनपद पंचायत स्तर पर ही किया जाए और प्रशासनिक स्वीकृति का सरलीकरण किया जाए।-कृषि में रोजगार के नए अवसर निर्मित करने के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत में दो खेत सड़क योजना चालू करें। -ग्राम पंचायत विकास निधि गठित कर सरपंच निधि बनाए, जिससे जरूरत पड़ने पर अचानक कोई भी कार्य किए जा सकें।-ग्राम पंचायतों को आर्थिक रूप से समृद्ध बनाने के लिए नई आर्थिक गतिविधियों के संचालन से जोड़ा जाएं।-पैसा एक्ट के लागू होने से ग्राम पंचायत और ग्राम सभाओं में टकराव न हो, इसकी समीक्षा और निदान हो।- सरकारी कर्मचारियों की तरह सरपंच और पंच का 20 लाख रुपए का जीवन बीमा किया जाए और न्यूनतम पेंशन 2 हजार रुपए किया जाए। इसी तरह की अन्य मांगे पूरी करने की अपील की।

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