करवा चौथ के पहले बाजार में छाई रौनक-करवा, छलनी से सजी दुकानें

पूजा सामग्री के साथ साड़ियों की दुकानों पर बढ़ी भीड़फ

लोकेश जाट, हरदा। महिलाओं का खास करवा चौथ पर्व कल रविवार को मनाया जाएगा। पति की लम्बी उम्र के लिए किया जाने वाले व्रत से पहले उससे जुड़ी आवश्यक सामग्रियों की खरीदी बाजार से होने लगी है। नवरात्रि के बाद बाजार में एक बार फिर से रौनक दिखाई देने लगी है। आगामी पर्वों को लेकर लोगों ने तैयारियां शुरू कर दी है। करवा चौथ के बाद दीपावली का पर्व शुरू हो जाएगा। ऐसे में बाजार सजने लगे हैं और लोग भी खरीदी के लिए पहुंच रहे हैं। महिलाओं में करवा चौथ व्रत को लेकर उत्साह देखा जा रहा है। पर्व के चलते खरीदारी करने वाली महिलाओं के स्वागत के लिए बाजार पूरी तरह से सज गए हैं। शहर के मुख्य बाजार घंटाघर चौक और आसपास स्थित दुकानों में खरीदी करने वालों की भीड़ देखी जा रही है। मैन चौराहों और मुख्य सड़कों के किनारे भी करवा और छलनी की दुकाने लगी हुई है। जहां से महिलाएं खरीदी कर रही है। इस व्रत को प्राचीन काल से रखा जा रहा है। पौराणिक कथा के अनुसार ये व्रत सबसे पहले माता पार्वती ने भगवान शिव के लिए रखा था। ऐसा माना जाता है कि करवा चौथ के दिन चंद्रमा की पूजा करने का भी विशेष महत्व है, क्योंकि इस दिन चंद्रमा की पूजा करने से घर परिवार में सुख समृद्धि आती है। ये व्रत सबसे कठिन व्रतों में से एक माना जाता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार महाभारत काल में अर्जुन जब तपस्या करने के लिए नीलगिरि पर्वत पर थे। उस समय द्रौपदी ने अर्जुन की रक्षा के लिए कृष्ण से मदद ली थी। तब कृष्ण भगवान ने द्रौपदी को निर्जला व्रत रखने को कहा और शिव पार्वती की पूजा करने के लिए कहा। इस व्रत के बाद अर्जुन सुरक्षित वापस आ गए। उसके बाद करवा चौथ का व्रत रखा जानें लगा।साड़ियां खरीदने के लिए दुकान पर लगी भीड़घंटाघर बाजार में कपड़े व ज्वेलरी की दुकानें सज गई है। आभूषणों से लेकर कपड़े, पूजन, मेकअप सामग्री आदि की बिक्री में इजाफा होने लगा है। सबसे ज्यादा भीड़ कपड़ा दुकानों पर देखी जा रही है। जहां विभिन्न वैरायटी की साड़ियां सजी हुई है। व्यापारियों ने बताया वर्तमान में कई वैरायटी में साड़ियां उपलब्ध है, जो महिलाओं को पसंद आ रही है। इसी प्रकार अन्य व्यापारियों ने बताया करवा चौथ के व्रत पर उपयोग में आने वाली पूजा सामग्री में भी बदलाव देखा गया है। पहले स्टील की थाली में मिट्टी का करवा रखकर पूजा की जाती थी, लेकिन अब थाली व करवां में भी कई वैरायटी उपलब्ध है। कई महिलाएं अपने पति के साथ वाली फोटो वाली थाली बनवा रही है, तो कोई थाली को अन्य आकर्षक तरीके से सजवाकर खरीद रही है। पूजा में उपयोग की जाने वाली सामग्रियों की बिक्री भी बढ़ी है।ब्यूटी पार्लर और मेहंदी के लिए हो रही एडवांस बुकिंगकरवा चौथ पर्व को लेकर महिलाओं में उत्साह देखा जा रहा है। नई खरीदी करने के साथ ही ब्यूटी पार्लर में भी महिलाओं की भीड़ देखने को मिल रही है। शहर में संचालित ब्यूटी पार्लर संचालिकाओं ने बताया करवा चौथ पर सजने-संवरने के लिए महिलाएं बड़ी संख्या में पार्लर पहुंचेगी। इसके लिए एडवांस बुकिंग शुरू हो गई है। इसी प्रकार मेहंदी लगवाने के लिए भी महिलाओं ने एडवांस बुकिंग करवाई है।सरगी के साथ होती है व्रत की शुरूआतसरगी की परंपरा में व्रत शुरू होने से पहले भोर में ही भोजन करना शामिल है। सरगी खाने का आदर्श समय सूर्योदय से दो घंटे पहले का है। 20 अक्टूबर को सूर्योदय सुबह 6 बजकर 25 मीनट पर होगा। इसलिए महिलाओं को अपना व्रत ठीक से शुरू करने के लिए सुबह 4 बजकर 25 मीनट तक अपनी सरगी पूरी कर लेनी चाहिए।करवा चौथ व्रत का महत्वकरवा चौथ व्रत महिलाएं पति की लंबी आयु के लिए रखती हैं। इस व्रत में करवा माता, भगवान शिव, माता पार्वती और कार्तिकेय भगवान के साथ-साथ गणेश जी की पूजा की जाती है। महिलाएं अपने व्रत को चंद्रमा के दर्शन करने के बाद खोलती हैं। ये एक बेहद कठोर व्रत माना जाता है क्योंकि इस दिन अन्न और जल कुछ भी ग्रहण नहीं किया जाता है। कई जगह इस व्रत को करक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है।

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