फारेस्ट एक्ट के उल्लंघन की जद में आए आईएएस शुक्ला और सोमवंशी, हो सकती है करवाई

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अनोखा तीर, भोपाल।  राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड ने सीधी में संजय-दुबरी टाइगर रिजर्व, सोन घड़ियाल सेंचुरी और बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व को जोड़ने वाले बाघ गलियारे में मंजूरी के बिना निर्माण कार्य शुरू करने के लिए मध्य प्रदेश सरकार की खिंचाई की है। बोर्ड ने कॉरिडोर में हुए विस्तारित ढांचे को तत्काल ध्वस्त करने का आदेश दिया गया है। साथ ही बोर्ड ने पीएस पर्यटन शिवशेखर शुक्ला और सीधी कलेक्टर स्वरोचिष सोमवंशी के फारेस्ट एक्ट के उल्लंघन करने पर कार्रवाई करने की हिदायत दी है। 23 अगस्त को केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेन्द्र यादव की अध्यक्षता में वन्य प्राणी सलाहकार बोर्ड की बैठक हुई। बैठक में यह प्रकाश में आया कि पीएस पर्यटन शिवशेखर शुक्ला और सीधी कलेक्टर स्वरोचिष सोमवंशी ने सीधी में संजय-दुबरी टाइगर रिजर्व, सोन घड़ियाल अभयारण्य और बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व को जोड़ने वाले टाइगर कॉरिडोर में 16 कमरों का निर्माण और पर्यटकों के लिए एक स्वागत कक्ष का निर्माण करवा दिया है। बोर्ड की बैठक कर रहा है केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री यादव ने मध्य प्रदेश सरकार पर नाराजगी जताई। केंद्रीय मंत्री  यादव ने  इमारत को तुरंत ध्वस्त करने का आदेश देते हुए कहा है कि उल्लंघन के लिए जिम्मेदार प्रमुख सचिव पर्यटन और संस्कृति शिव शेखर शुक्ला और सीधी के जिला कलेक्टर स्वरोचिष सोमवंशी पर वन्य जीवन संरक्षण अधिनियम, 1972 और वन संरक्षण एवं संवर्धन अधिनियम, 1980 के तहत कार्रवाई करने की हिदायत दी है। साथ ही उनसे स्पष्टीकरण भी मांगा है। राज्य सरकार को निर्णय के बारे में सूचित कर उस कार्रवाई का पालन प्रतिवेदन मांगा है।
फील्ड डायरेक्टर ने जताई थी आपत्ति
एनबीडब्ल्यूएल से मंजूरी के बिना, पर्यटन विकास बोर्ड ने एक भूमि पार्सल पर निर्माण कार्य शुरू कर दिया, जिसमें पहले लोक निर्माण विभाग पीडब्ल्यूडी के लिए एक विश्राम गृह था। बाद में विश्राम गृह को पर्यटन विभाग को हस्तांतरित कर दिया गया। जिस पर 2023 में विश्राम गृह के विस्तार के लिए निर्माण कार्य शुरू किया। निर्माण शुरू होने के लगभग दो से तीन महीने बाद, सोन घड़ियाल अभयारण्य और संजय-डुबरी टाइगर रिजर्व दोनों के अधिकारियों ने आपत्ति जताई। संजय-डुबरी टाइगर रिजर्व अमित दुबे ने पर्यटन विभाग को निर्माण कार्य रोकने और राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड से आवश्यक अनुमति के लिए आवेदन करने के लिए कहा गया था।
इनका कहना है…
केंद्र सरकार के निर्देश के बाद, राज्य सरकार को निर्णय के बारे में सूचित कर दिया गया है और उस कार्रवाई से अवगत कराया गया है जिसका पालन करने की आवश्यकता है। मैंने सभी क्षेत्र निदेशकों को यह सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया है कि भविष्य में इस तरह का उल्लंघन न हो।
 विजय एन अंबाडे, प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्यजीव

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