लोककला, संस्कृति और पर्यटन से होगा रोजगार का सर्जन : धर्मेन्द्र सिंह लोधी


देश का पहला समतली रोप-वे उज्जैन में बनेगा, 200 करोड़ की लागत से राम वन गमन पथ का कार्य होगा


छुपे हुए पर्यटन स्थलों और विलुप्त होती लोककला को जागृत कर पर्यटकों से सीधे जोडऩे की कवायद शुरू

मध्यप्रदेश में प्राकृतिक सौंदर्य के साथ ही धार्मिक और पौराणिक महत्व के अनेक दर्शनीय स्थल हैं तो वहीं यहां की लोककला संस्कृति भी अपनी अलग पहचान रखती हैं। प्रदेश में आज भी ऐसे अनेक दर्शनीय स्थल हैं जो पर्यटकों की जानकारी में नहीं होने से गुमनाम बने हुए हैं। हम ऐसे सभी स्थानों को चिन्हित करते हुए उनके पुरातत्व स्वरूप को सहेजने तथा वहां बिजली, सडक़ और ग्रामीण होम स्टे जैसी सुविधाओं के साथ उनके प्रचार-प्रसार का कार्य कर रहे हैं। हमारा प्रयास है कि लोककला, संस्कृति और पर्यटन के माध्यम से स्थानीय स्तर पर रोजगार का सर्जन हो। इसी बात को दृष्टिगत रखते हुए प्रदेश में 14 धार्मिक और सांस्कृतिक लोको का निर्माण तथा राम वन गमन पथ जैसे विभिन्न महत्वपूर्ण क्षेत्रों को लेकर कार्ययोजना तैयार की गई है। आने वाले समय में मध्यप्रदेश पर्यटन का एक महत्वपूर्ण केन्द्र बनकर उभरेगा। उक्त विचार मध्यप्रदेश सरकार के संस्कृति, पर्यटन तथा धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व मंत्री धर्मेंद्र भाव सिंह लोधी ने दैनिक अनोखा तीर के संपादक प्रहलाद शर्मा ने अनौपचारिक चर्चा दौरान कहीं।


अनोखा तीर, हरदा। मध्यप्रदेश सरकार के संस्कृति, पर्यटन, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग के राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार धर्मेन्द्र सिंह लोधी ने दमोह जिले की जबेरा विधानसभा क्षेत्र से दूसरी बार भाजपा प्रत्याशी के रुप में विजय हासिल की है। राजनीतिक क्षेत्र में होने के बावजूद दिखावटी तामझाम से दूर शांत और सहज स्वभाव के व्यक्ति है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में लम्बे समय सेवाएं देते हुए विभाग मुख्य शिक्षक, शाखा कार्यवाहक, खण्ड कार्यवाहक, बौद्धिक शिक्षण प्रमुख, जिला बौद्धिक शिक्षण प्रमुख, जिला शारीरिक शिक्षण प्रमुख जैसे विभिन्न दायित्वों को निभा चुके है। उन्हें जो मध्यप्रदेश सरकार में संस्कृति, पर्यटन और धार्मिक जैसे विभागों का दायित्व सौंपा है वह उनके व्यक्तित्व और कृतित्व से सीधे सरोकार रखता है। चूंकि स्वयं श्री लोधी धार्मिक भजन कीर्तन में गहन रुचि रखते हुए किसी भी आयोजन में जनता की मांग पर कभी भजन गाने लगते है तो वहीं देश के कई ख्यातनाम कवियों की कविताएं उन्हें कंठस्थ याद है। जिसे भी सुनाने से वह कभी परहेज नहीं करते। धर्म ग्रंथों का गहन अध्ययन होने के कारण वह अक्सर अपनी चर्चाओं में और विचारों में धार्मिक दृष्टांतों का उल्लेख भी करते नजर आते है। कई प्रकार के वाद्ययंत्रों में वह निपुण है। योगाभ्यास उनकी नित्य क्रिया में शामिल है। कला संस्कृति से सीधा सरोकार रखने वाले संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री धर्मेन्द्र भाव सिंह लोधी से इन्हीं विभागों की कार्ययोजनाओं को लेकर अनोखा तीर द्वारा चर्चाएं की गई। श्री लोधी से हुई चर्चा के मुख्य अंश इस प्रकार है।

अनोखा तीर – पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में आपकी क्या कार्य योजना है?


श्री लोधी – हम पर्यटन क्षेत्र विस्तार के लिए अलग-अलग मोर्चो पर कार्य कर रहे हैं। धार्मिक और सांस्कृतिक दोनों ही क्षेत्रों में यहां अपार संभावनाएं हैं। हमारा प्रयास है कि पर्यटन के माध्यम से स्थानीय स्तर पर रोजगार सर्जन किया जाएं। जिससे स्थानीय लोगों को अधिक से अधिक रोजगार के अवसर उपलब्ध हो सके। हमारे विभाग द्वारा वर्तमान में 18 लोक स्वीकृत किए गए हैं। जिसमें 1४ धार्मिक और 4 सांस्कृतिक महत्व के लोक है। इसमें 506 करोड़ रुपए की लागत से 10 लोको का कार्य प्रगति पर है। संत रविदास लोक सागर, रानी दुर्गावती स्मारक जबलपुर, देवी लोक सलकनपुर, राजाराम लोक ओरछा, जाम सांवली श्री हनुमान लोक पांढुर्णा, श्री पशुपति नाथ लोक मंदसौर, अटल स्मारक ग्वालियर, श्री परशुराम लोक जानापाव, महाराणा प्रताप लोक भोपाल, भादवा माता लोक नीमच, रानी अवंतीबाई स्मारक जबलपुर, मां नर्मदा महालोक अमरकंटक, देवी अहिल्या लोक खरगोन तथा नागलवाड़ी लोक बड़वानी शामिल हैं। इसी तरह सांस्कृतिक लोको में मां पीताम्बरा लोक दतिया, रतनगढ़ माता मंदिर लोक दतिया, मां शारदा देवी मैहर और मां जागेश्वरी माता मंदिर चंदेरी का निर्माण कार्य किया जा रहा है।


अनोखा तीर – राम वन गमन पथ को लेकर भाजपा और कांग्रेस दोनों ही सरकारों में मुद्दा उठता रहा है, लेकिन अभी तक कोई ठोस पहल नहीं हो पाई?


श्री लोधी – पहले क्या हुआ और क्या नहीं हुआ मैं उस पर चर्चा करना उचित नहीं समझता। लेकिन आपको बताना चाहता हूं कि राम वन गमन पथ हमारी प्राथमिकता में शामिल हैं। आपको पता होगा कि हमारे मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने स्वयं चित्रकूट में इस विषय को लेकर बैठक आयोजित की थी। अपने मुख्यमंत्री काल के प्रथम सौ दिनों में ही उन्होंने इस विषय को शामिल करते हुए इस दिशा में कार्य शुरू कर दिया है। हमारे विभाग ने अमरकंटक से लेकर चित्रकूट तक 13 स्थानों को चिन्हित कर लिया है। हम इस और तेजी से कार्य कर रहे हैं। डीपीआर तैयार हो गई। लगभग 2 सौ करोड़ की लागत से यह कार्य होगा। आने वाले दिनों में प्रभु श्री राम के वन गमन पथ और भगवान श्रीकृष्ण के मध्यप्रदेश की धरती पर आने वाले स्थानों को आप विकसित होते देखेंगे। इससे जहां हमारी धार्मिक यात्राओं को बढ़ावा मिलेगा तो वहीं वर्तमान पीढ़ी हमारे ऐतिहासिक महत्व से वाकिफ होगी, साथ ही स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा।


अनोखा तीर – उज्जैन महाकाल लोक के लिए भी और कोई कार्ययोजना है क्या?


श्री लोधी – उज्जैन में सिंहस्थ को दृष्टिगत रखते हुए काफी कार्य किए जाना है। लेकिन वर्तमान में हमारे विभाग द्वारा देश का पहला समतली रोप-वे उज्जैन में बनाया जा रहा है। लगभग सौ करोड़ रुपए की लागत से रेल्वे स्टेशन से महाकाल लोक तक 1.75 किमी की दूरी तय करने वाले इस रोप-वे का निर्माण किया जा रहा है। जिसमें 3 स्टेशन और 13 टावर बनाएं जाएंगे। इससे जहां प्रतिदिन 60 हजार यात्री रेल्वे स्टेशन से सीधे महाकाल लोक तक की सेवा अर्जित कर सकेंगे। ट्राफिक समस्या से परे इस सुविधा से यात्रियों का 75 प्रतिशत यात्रा समय भी बचेगा।


अनोखा तीर – ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसी अनेक कला संस्कृति है जो आज विलुप्त होती जा रही, क्या इसको लेकर कोई योजना है?


श्री लोधी –
हम इस दिशा में बड़े पैमाने पर कार्य कर रहे हैं। हम ग्रामीण होम स्टे योजना पर तेजी से कार्य कर रहे हैं। 117 गांव होम स्टे के लिए चिन्हित किए गए हैं। हम 1000 होम स्टे बनाने के लक्ष्य को लेकर कार्य कर रहे, जिसमें 123 तैयार हो गए, 104 का कार्य प्रगति पर है और 33 होम स्टे संचालित भी होना शुरू हो गये। स्थानीय पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए हमने विभाग की होटलों में स्थानीय व्यंजनों को शामिल करने के निर्देश भी दे दिये है।


अनोखा तीर – आज भी ऐसे अनेक दर्शनीय स्थल हैं जो पर्यटकों की जानकारी में नहीं है। ऐसे स्थानों को लेकर कोई योजना है क्या?


श्री लोधी – बिलकुल सही कहा आपने, हम ऐसे सभी स्थानों को चिन्हित कर रहे हैं, उनके पुरातात्विक महत्व को सहेजने का कार्य भी किया जाएगा। हम ऐसे सभी स्थानों की खोज करते हुए उन्हें स्थानीय मीडिया, सोशल मीडिया जैसे माध्यमों से प्रचार-प्रसार करने तथा निकटवर्ती राष्ट्रीय राजमार्ग जैसे प्रमुख स्थानों पर बोर्ड लगाते हुए संबंधित स्थान के पुरातात्विक महत्व की सम्पूर्ण जानकारी भी लोगों के लिए प्रदर्शित करेंगे। ऐसे स्थानों पर बिजली, पानी, सडक़ सुविधा के साथ ही वहां के ग्रामीण क्षेत्रों में होम स्टे जैसी सुविधाओं का विस्तार भी कर रहे हैं।


अनोखा तीर – मुख्यमंत्री तीर्थ-दर्शन योजना पुन: शुरू होगी क्या?


श्री लोधी – हमने तो एक कदम और आगे बढ़ाते हुए पीएम श्री वायु सेवा तथा पीएम श्री हेली सेवा भी शुरू कर दी है। जिससे प्रदेश के धार्मिक और ऐतिहासिक स्थानों पर अब विदेशी पर्यटकों का आना-जाना भी आसान हो गया है। पीएम श्री हेली सेवा से देश विदेश के पर्यटक अब आसानी से वहां पहुंचने लगे हैं। इससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा। पर्यटक ग्रामीण क्षेत्रों में होम स्टे के साथ ही स्थानीय व्यंजनों और लोक कला का आंनद उठाएंगे।


अनोखा तीर – आपने पूरे प्रदेश के लिए बहुत कुछ कार्य योजनाएं बनाई हैं, क्या नर्मदा के नाभि स्थल हंडिया और नर्मदा के बीचोंबीच स्थित जोगा किले को लेकर कोई योजना है?


श्री लोधी – आपने यह दोनों स्थान मेरे संज्ञान में लाए हो, हम प्राथमिकता से इस मामले में जानकारी लेकर शीघ्र ही इनके लिए भी योजना तैयार करते हैं। मुझे उम्मीद है कि आने वाले समय में जब आपसे मुलाकात होगी तो हमारी उपलब्धियों की लंबी सूची हाथ में होगी।

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